Pakistan Economic Crisis: अभी जारी रहेगी पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली, रिसर्च एजेंसी ने बताया क्यों नहीं मिलेगी जल्द राहत
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Pakistan Economic Crisis: अभी जारी रहेगी पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली, रिसर्च एजेंसी ने बताया क्यों नहीं मिलेगी जल्द राहत

Pakistan Economy: रिसर्च एजेंसी फिच सॉल्यूशंस ने कहा, हमारा मानना है कि रुपये की कमजोरी अभी भी बनी रहेगी, खासकर पाकिस्तान के भुगतान संतुलन की स्थिति कई और महीनों तक कमजोर रहने की संभावना है.

Pakistan Economic Crisis: अभी जारी रहेगी पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली, रिसर्च एजेंसी ने बताया क्यों नहीं मिलेगी जल्द राहत

Pakistan News: आर्थिक तंगी से घिरे पाकिस्तान के लिए निकट भविष्य में इससे निकलना बहुत मुश्किल लग रहा है. फिच सॉल्यूशंस ने मंगलवार को भविष्यवाणी की कि पाकिस्तानी रुपये की कमजोरी अभी भी जारी है, जिसका देश की अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा. गौरतलब है कि देश पहले से ही रुपये में गिरावट, मुद्रास्फीति और कम ऊर्जा आपूर्ति से जूझ रहा है.

द न्यूज ने बताया कि न्यूयॉर्क स्थित शोध एजेंसी के मुताबिक 25 जनवरी को स्थानीय विदेशी मुद्रा कंपनियों के बीच विनिमय दर पर स्वयं लगाए गए कैप को हटाने के फैसले से रुपये का अवमूल्यन शुरू हो गया था.

अधिकारियों ने मुद्रा पर अपनी पकड़ ढीली कर दी
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने शुरू में हस्तक्षेप किया, लेकिन रुपये में महत्वपूर्ण मूल्यह्रास इस बात का स्पष्ट संकेत है कि अधिकारियों ने मुद्रा पर अपनी पकड़ ढीली कर दी है. द न्यूज के मुताबिक फिच सॉल्यूशंस ने उल्लेख किया कि वर्ष के अंत तक रुपये के 248 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंचने का उनका मौजूदा पूवार्नुमान अब पुराना लग रहा है.

पिछले तीन दिनों (गुरुवार-सोमवार) में 14.36 प्रतिशत (या 38.74 रुपये) के भारी मूल्यह्रास के बाद बुधवार को 230.89 रुपये की तुलना में इंटरबैंक मार्केट में सुबह 11.04 बजे तक 268.20 रुपये पर चल रहा था.

शोध एजेंसी ने कहा, हमारा मानना है कि रुपये की कमजोरी अभी भी बनी रहेगी, खासकर पाकिस्तान के भुगतान संतुलन की स्थिति कई और महीनों तक कमजोर रहने की संभावना है. द न्यूज के मुताबिक एजेंसी ने कहा कि इस मोड़ पर काफी अनिश्चितता बनी हुई है, इसलिए यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि नवीनतम अवमूल्यन ने किस हद तक निवेशकों की भावना को आगे बढ़ाया है.

रुपये के लगातार कमजोर होने के व्यापक आर्थिक प्रभाव होंगे
अपने विश्लेषण में फिच ने चेतावनी दी कि रुपये के लगातार कमजोर होने से निकट अवधि में व्यापक आर्थिक प्रभाव भी होंगे, यह आयातित मुद्रास्फीति के दबाव को बढ़ा सकता है और अंतत: एसबीपी से नीतिगत दर में बढ़ोतरी हो सकती है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि फिच को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2022-23 में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 0.3 प्रतिशत तक सिकुड़ जाएगी. फिच ने हालांकि उल्लेख किया कि रुपये के अवमूल्यन से इस्लामाबाद को आईएमएफ से और संवितरण सुरक्षित करने में मदद मिलेगी, जो लंबी अवधि के ²ष्टिकोण के लिए सकारात्मक होगा, क्योंकि इससे पाकिस्तान के भुगतान संतुलन तनाव को कम करने में मदद मिलेगी.

द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी आबादी के पास स्टेट बैंक में 3.7 बिलियन डॉलर से कम का भंडार है, देश के केवल तीन सप्ताह के आयात के लिए पर्याप्त है.

(इनपुट - IANS)

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