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इस्लामाबाद: आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) ने अपने चीन-पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) का काम तेज करने का फैसला किया है. पाकिस्तान पीएम इमरान खान (Imran Khan) 5 जुलाई को ग्वादर (Gwadar) जा रहे हैं. जहां पर वे इस प्रोजेक्ट से जुड़े अपडेट देखेंगे.
पाकिस्तान डेली टाइम्स के मुताबिक इमरान खान Imran Khan) सोमवार को एक दिवसीय दौरे पर ग्वादर जाएंगे. वहां पर वे कई विकास परियोजानाओं का भी शिलान्यास करेंगे. उनके साथ पाकिस्तान के कई कैबिनेट मंत्री भी ग्वादर जाएंगे. इस दौरे में इमरान 1.2 बिलियन गैलन वाटर को समुद्र से निकालकर उसे मीठा बनाने का काम भी देखेंगे. पाकिस्तानी पीएम दक्षिण बलोचिस्तान में चीन की मदद से बन रहे सोलर जनरेटर के काम का भी रिव्यू करेंगे.
इससे पहले इमरान खान Imran Khan) ने मई में कहा था कि CPEC का निर्माण पाकिस्तान (Pakistan) के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है और वह इसे समय से पूरा करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा. इमरान खान ने यह भी कहा था कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से पाकिस्तान में आर्थिक विकास बढ़ेगा और आसपास के इलाकों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. जब इमरान खान ने चीन (China) की शान में ये कशीदे काढ़े थे, उस दौरान पाकिस्तान में तैनात चीन के राजदूत Nong Rong भी वहीं मौजूद थे.
बताते चलें कि CPEC चीन के शिजियांग से पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह तक जाने वाले कॉरिडोर का नाम है. इस कॉरिडोर का निर्माण चीन कर रहा है. इसके लिए उसने पाकिस्तान (Pakistan) को करीब 60 बिलियन डॉलर का लोन दिया है. इस कॉरिडोर के जरिए चीन अपने माल को पश्चिमी और अरब देशों तक पहुंचाने का शॉर्टकट बना लेना चाहता है. वहीं पाकिस्तान इस कॉरिडोर के जरिए चीन से दोस्ती गांठ कर भारत पर रणनीतिक बढ़त हासिल कर लेना चाहता है.
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चूंकि यह कॉरिडोर भारत के PoK से होकर गुजर रहा है. इसलिए भारत इस प्रोजेक्ट को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताकर शुरू से विरोध करता रहा है. उसने चीन के खिलाफ विरोध जताते हुए उसके वन बेल्ट वन रोड़ प्रोजेक्ट में शामिल होने से इनकार कर दिया. वहीं बलूचिस्तान (Balochistan) के विद्रोही भी इस प्रोजेक्ट को अपने अस्तित्व के लिए खतरा बताते रहे हैं. उन्हें डर है कि CPEC बनने के बाद उन्हें पाकिस्तान (Pakistan) के साथ ही चीन के जुल्म भी सहने पड़ेंगे. इसीलिए वे लगातार इस प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों पर हमले कर रहे हैं.
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