पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के चश्मदीदों से पूछताछ और उनसे बरामद सामानों से ये साफ़ हो चुका है की आतंकी भारत के हमले के लिए इंटरनेशनल बॉर्डर का इस्तेमाल कर रहे हैं.
Trending Photos
नई दिल्लीः बालाकोट के जैश के कैंप पर हुए भारतीय वायु सेना की एयर स्ट्राइक के बावजूद पाकिस्तान अभी सुधरा नहीं है .खुफिया एजेंसियों की नई रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आका जम्मू से सटी भारत पाकिस्तान सीमा से लगती सड़कों का इस्तेमाल जम्मू में आतंकी हमले के लिए कर सकते हैं. खुफ़िया एजेंसियों की इस रिपोर्ट के बाद सरकार ने बॉर्डर सिक्यूरिटी फ़ोर्स यानि बीएसएफ से कहा है कि वो सीमा पर अपनी कड़ी चौकसी बनाये रखे .
सरकार से बीएसएफ समेत सभी एजेंसीज़ से कहा है कि वो ये पता लगाये की जम्मू से सटे पाकिस्तान के इलाके में वो कौन कौन से लॉन्चिंग पैड हैं जिनके जरिये आतंकी घुसपैठ कर सकते हैं .केंद्रीय सुरक्षा में तैनात एक अधिकारी के मुताबिक, हम ये पता कर रहे है कि वो कौन कौन से लॉन्चिंग पैड है जिनका इस्तेमाल आतंकी घुसपैठ के लिए कर सकते हैं और साथ ही सीमा के पार कितने आतंकी जमा हैं .जम्मू में हुए पिछले कुछ आतंकी हमले के लिए भी आतंकियों द्वारा इन सडकों का इस्तेमाल किया जा चुका है.
एनआईए के एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान से आतंकी ग्रुप जम्मू से सटी इंटरनेशनल बॉर्डर का इस्तेमाल आतंकी हमले के लिए कर रहे हैं .एनआईए ने गृह मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में कह चुकी है कि पाकिस्तान से आतंकी इंटरनेशनल बॉर्डर से लगातार घुसपैठ कर रहे हैं .रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 से अब तक 7 बार में 33 पाकिस्तानियों को ट्रक के जरिये कश्मीर तक पहुंचाया गया.
यह भी पढ़ेंः सीमा पर स्थितियां खराब होने के बाद ही हम गोलीबारी करते हैं: BSF डीजी
एनआईए ने झज्जर कोटली और नगरोटा आतंकी हमले में गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ के बाद ये रिपोर्ट तैयार की थी हालांकि इस रिपोर्ट पर बीएसएफ को हमेशा ऐतराज रहा है बीएसएफ के एक अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तान से सटी इंटरनेशनल सीमा पर हमारी कड़ी निगरानी रहती है ऐसे में आतंकियों का घुसपैठ करना नामुकिन है लेकिन सरकार की दूसरी सभी एजेंसीज़ बीएसएफ के इस तर्क से सहमत नहीं है.
पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के चश्मदीदों से पूछताछ और उनसे बरामद सामानों से ये साफ़ हो चुका है की आतंकी भारत के हमले के लिए इंटरनेशनल बॉर्डर का इस्तेमाल कर रहे हैं. दीनानगर टेररिस्ट अटैक केस में जो डिवाइस बरामद हुई, उसके जीपीएस डेटा से भी अहम जानकारी मिली थी. साथ ही इन सब केस में कॉल डीटेल रेकॉर्ड और टेक्निकल ऐनालिसिस के जरिए भी जांच एजेंसियों को इन रास्तों के जरिये भारत में घुसपैठ के सबूत मिल चुके हैं .