पाकिस्तान की नापाक हरकत, अंतरराष्ट्रीय सहायता पाने के लिए PoK में फैला रहा कोरोना
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पाकिस्तान की नापाक हरकत, अंतरराष्ट्रीय सहायता पाने के लिए PoK में फैला रहा कोरोना

कार्यकर्ताओं ने इसके लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि पाकिस्तान जानबूझकर अंतरराष्ट्रीय सहायता पाने के लिए कोरोना वायरस फैला रहा है. 

फाइल फोटो.

लाहौर: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के लोग पाकिस्तान सरकार के उस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं जिसमें पाकिस्तान के करीब 200 कोरोना (Corona Virus) पीड़ित लोगों को PoK में रखा गया है. कश्मीरी राजनीतिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि पाकिस्तान ने 200 से ज्यादा कोरोना पीड़ित मरीजों को पीओके के मीरपुर शहर के एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया है. कार्यकर्ताओं ने इसके लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि पाकिस्तान जानबूझकर अंतरराष्ट्रीय सहायता पाने के लिए कोरोना वायरस फैला रहा है. 

यूनाइटेड कश्मीर पीपल नेशनल पार्टी के प्रवक्ता नजीर अजीज खान ने कहा, ''जब कोरोना वायरस दुनिया भर में फैलने लगा, तो कई देशों ने इसे गंभीरता से लिया और महामारी से लड़ने के लिए अपने बेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया. उदाहरण के लिए, इटली, जिसके पास दुनिया में सबसे बेहतर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर है. इसी तरह से स्विट्जरलैंड, जर्मनी, फ्रांस, ग्रेट ब्रिटेन जैसे अन्य यूरोपीय देशों ने इस महामारी से लड़ने में पूरी ताकत झोंक दी लेकिन इसके संक्रमण को फैलने से रोक नहीं सके.''

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नजीर ने कहा कि बेहतरीन हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर होने के बावजूद, वे अपने देशों में मौतों की संख्या को रोकने में नाकाम रहे. बता दें कि नजीर PoK की यूनाइटेड कश्मीर पीपल नेशनल पार्टी से जुड़े हैं फिलहाल वह स्विटजरलैंड में रहते हैं. 

उन्होंने कोरोनो वायरस रोगियों को पीओके में स्थानांतरित करने के पाकिस्तान के कदम की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कई सारी खाली जगहें और अस्पताल हैं जहां वह कोरोना पीड़ितों को रख सकता है. लेकिन 200 से ज्यादा मरीजों को पीओके में रखने के पीछे पाकिस्तान की साजिश है. पाकिस्तान पीओके में कोरोना फैलाकर अंतरराष्ट्रीय सहायता पाना चाहता है. 

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नासिर ने आगे कहा कि जब कोरोनो वायरस पूरे पाकिस्तान में फैलने लगा तब सरकार ने उसे गंभीरता से नहीं लिया. पीओके में सिर्फ एक कोरोना का सकारात्मक मामला सामने आया था. अब पंजाब प्रांत से 200 से ज्यादा कोरोना पीड़ितों को पीओके के मीरपुर शहर में स्थानांतरित किया जा रहा है. जबकि पीओके में कोई बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं हैं. 

उन्होंने कहा कि पीओके में न तो कोई लैबोरेटरी है न ब्लड टेस्ट यूनिट. जबकि कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए प्रशिक्षित डॉक्टर भी यहां नहीं हैं. 

नसीर ने कहा कि हम पाकिस्तान सरकार से पूछना चाहते हैं कि क्या उनके पास पंजाब प्रांत में अस्पतालों और डॉक्टरों सहित बुनियादी ढांचा नहीं है? पिछले 73 वर्षों में आप पीओके को एक अच्छा अस्पताल तो दे नहीं पाए. अब कोरोना के मरीजों को यहां क्यों पहुंचा रहे हैं? 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कोरोनो वायरस मरीज का इलाज वहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने इस बारे में डब्ल्यूएचओ और संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से शिकायत भी की है. पीओके एक विवादित क्षेत्र है और पाकिस्तान को इस क्षेत्र में कोरोन वायरस के मरीजों को स्थानांतरित करने का कोई अधिकार नहीं है.

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