Malala Yousafzai को नेशनल हीरो नहीं मानता Pakistan, फोटो के साथ किया ऐसा 'सलूक'
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Malala Yousafzai को नेशनल हीरो नहीं मानता Pakistan, फोटो के साथ किया ऐसा 'सलूक'

नोबेल पुरस्कार विजेता (Nobel Laureate) मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) को दुनियाभर में लड़कियों की शिक्षा और मानव अधिकारों के लिए आवाज उठाने पर पहचान मिल चुकी है. लेकिन उनका अपना मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) उन्हें नेशनल हीरो तक नहीं मान रहा है.

फाइल फोटो

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में प्रशासन ने एक स्कूल की उन किताबों को जब्त किया है, जिनमें नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई को महान शख्सियतों की लिस्ट में दिखाया गया था. मलाला को भले ही पूरी दुनिया में सम्मान मिला लेकिन अपने ही मुल्क पाकिस्तान में उन्हें ऐसी नाराजगी का सामना करना पड़ा. इस कदम के पीछे ब्रिटेन में रह रहीं मलाला के इस्लाम को लेकर दिए विवादित बयानों को वजह माना जा रहा है.

  1. मलाला की फोटो वाली किताबें जब्त
  2. देश की बड़ी हस्तियों के साथ था नाम
  3. सबसे युवा नोबेल विजेता हैं मलाला

दुनियाभर में मलाला का नाम

मलाला सबसे कम उम्र में नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाली शख्सियत हैं. मलाला सोमवार को 24 साल की हो गईं. उन्हें उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान के प्रांत खैबर पख्तूनख्वा की स्वात घाटी में महिलाओं और बच्चों की शिक्षा साथ ही मानवाधिकारों की वकालत करने के लिए जाना जाता है.

तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान नाम के संगठन ने इस इलाके में कई बार लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई करने पर पाबंदियां लगाईं. पाकिस्तान प्राइवेट स्कूल यूनियन ने सोमवार को मलाला पर एक डॉक्यूमेंट्री पेश की जिसमें इस्लाम, शादी और पश्चिमी एजेंडा पर उनके विचारों को शामिल किया गया था.

पुलिस ने जब्त की किताबें

डॉन अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक उसी दिन पीसीटीबी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस की ओर से प्रकाशित कक्षा सात की सोशल साइंस की किताबें जब्त कर लीं. इन किताबों में 1965 भारत-पाक युद्ध में मारे गए सैन्य अधिकारी मेजर अजीज भट्टी और अन्य शख्सियतों के साथ मलाला का चित्र भी छापा गया था.

किताब के पेज नंबर 33 पर पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना, शायर अल्लामा इकबाल, शिक्षाविद सर सैयद अहमद खान, पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान और अब्दुल सत्तार एधि की तस्वीरें भी प्रकाशित की गई थीं. सूत्रों के हवाले से खबर में कहा गया था कि किताबों को पहले ही स्कूलों में वितरित किया जा चुका था और पीटीसीबी, पुलिस और अन्य एजेंसियां किताबों की कॉपी जब्त करने के लिए दुकानों पर छापा मार रही हैं.

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सोमवार को अधिकारियों ने लाहौर स्थित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के कार्यालय पर छापा मारा और किताबों की पूरी खेप जब्त कर ली. उन्होंने प्रकाशकों को एक लेटर भी दिया जिसमें लिखा था कि किताब को NOC जारी नहीं किया गया है. खबर के अनुसार, प्रकाशक ने बताया कि किताब को समीक्षा के लिए 2019 में पीटीसीबी को सौंपा गया था लेकिन उसे प्रकाशन की मंजूरी नहीं मिली थी. ऐसे में NOC बगैर मिले ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने इस किताब को छाप दिया.

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