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इस्लामाबादः पाकिस्तान (Pakistan) में प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) पर इस्तीफा देने को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है. यहां तक कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की भी बात की जा रही हैं. इसी बीच पाकिस्तान की संसद में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने कहा है कि सेना देश में न तो मौजूदा राजनीतिक संकट में किसी का पक्ष ले रहा है और न ही प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का पक्ष ले रहा है.
‘समा टीवी’ के शो ‘नदीम मलिक लाइव’ में शरीफ ने सेना के साथ अपने संबंधों, नए सेना प्रमुख की नियुक्ति, चुनावी सुधार और मौजूदा राजनीतिक हालात में सेना की भूमिका समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के अध्यक्ष और 3 बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) के छोटे भाई शहबाज शरीफ ने कहा कि विपक्षी दल उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं, लेकिन अंतिम फैसला PML-N प्रमुख नवाज शरीफ द्वारा किया जाएगा.
PML-N और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के लगभग 100 सांसदों ने 8 मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय के समक्ष एक अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) नीत खान के नेतृत्व वाली सरकार देश में मौजूदा आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है. अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर नेशनल असेंबली का सत्र 21 मार्च को बुलाए जाने की उम्मीद है और प्रस्ताव पर मतदान 28 मार्च को होने की संभावना है.
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समा टीवी पर इंटरव्यू के दौरान शरीफ से वर्तमान परिदृश्य में सैन्य प्रतिष्ठान (Pakistan Army) की भूमिका के बारे में पूछा गया, जिस पर उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों को अब तक कहीं से फोन नहीं आया है. उन्होंने कहा कि मुझे किसी ने नहीं बताया कि उन्हें (प्रतिष्ठान से) फोन आया है. शाहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान कहते थे कि जब अंपायर तटस्थ हो जाता है तो सब कुछ निष्पक्ष हो जाता है, लेकिन अब उन्होंने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया है, जिसे मैं अपनी जुबान से कह नहीं सकता.
शरीफ प्रधानमंत्री के एक हालिया बयान का जिक्र कर रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि इंसान पक्ष लेते हैं और केवल जानवर तटस्थ होते हैं. शाहबाज ने कहा कि देश के सभी सेना प्रमुख के साथ उनके हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं, क्योंकि उन्होंने रावलपिंडी (Rawalpindi) स्थित सेना मुख्यालय और इस्लामाबाद (Islamabad) स्थित सरकार के कामकाज के स्थान के बीच एक सेतु का काम किया. अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति के बारे में एक सवाल के जवाब में शहबाज ने कहा कि अभी इसमें समय है और समय आने पर राष्ट्रहित में इस पर विचार किया जाएगा. मौजूदा सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल नवंबर में खत्म होने वाला है.
(इनपुट-भाषा)
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