पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सतवंत सिंह, पूर्व अध्यक्ष बिशन सिंह, मसतान सिंह, सिख नेता गोपाल सिंह चावला आदि ने ननकाना साहिब में बैठक आयोजित की, जिसमें उन्होंने अदालत के इस फैसले के विरोध में देशव्यापी आंदोलन शुरू करने का फैसला किया.
Trending Photos
लाहौर: पाकिस्तान (Pakistan) में एक बार फिर ऐसी घटना हुई है, जिसने मुसलमानों और सिखों के बीच कड़वाहट भर दी है. जनवरी 2020 में सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव के जन्मस्थान गुरुद्वारा ननकाना साहिब (Nankana Sahib Gurdwara) पर हमला करने के लिए भीड़ को उकसाने वाले और हमलावरों की अगुवाई करने वाले 3 मुस्लिमों को लाहौर की अदालत ने मामूली सजा सुनाई है.
लिहाजा पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) के नेतृत्व में सिखों ने आरोपियों को दी गई मामूली सजा के निर्णय को चुनौती देने का फैसला किया है और इसके लिए अदालत में याचिका भी दायर कर दी है.
शुक्रवार को पीएसजीपीसी के अध्यक्ष सतवंत सिंह, पूर्व अध्यक्ष बिशन सिंह, मसतान सिंह, सिख नेता गोपाल सिंह चावला आदि ने ननकाना साहिब में बैठक आयोजित की, जिसमें उन्होंने अदालत के इस फैसले के विरोध में देशव्यापी आंदोलन शुरू करने का फैसला किया.
ये भी पढ़ें: Palestine में 14 साल बाद होने जा रहे हैं राष्ट्रीय चुनाव, राष्ट्रपति Abbas ने दिए प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश
बता दें कि 12 जनवरी को पाकिस्तान की आतंकवाद-निरोधी अदालत ने मोहम्मद इमरान को 2 साल की कैद, उसके छोटे भाई सलमान और चचेरे भाई मोहम्मद अहमद रजा को 6-6 महीने की कैद की सजा सुनाई. इतना ही नहीं मोहम्मद असलम, आदिल जावेद, जुल्फिकार और इरफान समेत अन्य 4 आरोपियों को तो पर्याप्त सबूत न मिलने के कारण बरी कर दिया. जबकि इन सभी पर जनवरी 2020 में सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव की जन्मस्थली गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हमला करने का आरोप था.
सतवंत सिंह ने मीडिया को बताया कि सिखों में इस बात को लेकर बेहद नाराजगी है कि उनके धार्मिक स्थान पर हमला करने का साहस करने वाले लोगों को मामूली सजा दी गई है.
इससे पहले मोहम्मद इमरान के छोटे भाई मोहम्मद हसन पर कथित तौर पर ननकाना साहिब की लड़की जगजीत कौर का अपहरण करने, उसका धर्म परिवर्तन करके मुस्लिम बनाकर उससे जबरन शादी करने का आरोप लगा था. इसके बाद ननकाना साहिब के सिख और मुसलमानों के बीच खासा विवाद हो गया था. जगजीत कौर (अब आयशा बीबी) के परिवार ने मोहम्मद हसन के परिवार के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी.
चूंकि इस मुद्दे पर बड़ा विवाद छिड़ गया था, लिहाजा पाकिस्तान के पंजाब के राज्यपाल चौधरी मोहम्मद सरवर को बीच में आना पड़ा था.
PSGPC के पूर्व अध्यक्ष मसतान सिंह ने कहा है कि वे सभी आरोपियों को कम से कम 10 साल की सजा दिए जाने की मांग करेंगे. गोपाल सिंह चावला ने फोन पर बताया कि पाकिस्तान में सिख समुदाय के सदस्य इस मुद्दे पर गरम हैं और जल्द अगला कदम उठाएंगे.
दूसरी ओर आरोपी के वकील मोहम्मद सुल्तान शेख ने बताया कि उनके मुवक्किल अदालत द्वारा दी गई सजा को पलट देने के लिए याचिका दायर करेंगे. उन्होंने अदालत से गुहार लगाई है कि पुलिस की जांच टीम अज्ञात हमलावर का पता नहीं लगा पाई है, लगाने में विफल रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया है कि पुलिस ने जो बरामदगी की है, वह पूर्वनियोजित थी. लिहाजा उन तीनों को बरी किया जाए.
VIDEO