Pakistan: Imran Khan को Supreme Court ने लगाई कड़ी फटकार, कहा, ‘देश चलाने में अक्षम है सरकार’
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Pakistan: Imran Khan को Supreme Court ने लगाई कड़ी फटकार, कहा, ‘देश चलाने में अक्षम है सरकार’

न्यायमूर्ति काजी फैज ईसा ने इमरान खान सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि या तो सरकार देश चलाने में सक्षम नहीं है या वह निर्णय लेने में असमर्थ है. उन्होंने कोर्ट के आदेश के बावजूद सीसीआई की बैठक न कराने पर नाराजगी जताते हुए इसे संवैधानिक संस्था का अपमान करार दिया.

न्यायमूर्ति काजी फैज ईसा और इमरान खान (फाइल फोटो)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की इमरान खान (Imran Khan) सरकार से केवल आम जनता ही नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) भी नाराज है. कोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि वह देश चलाने या फैसले लेने में अक्षम है. अदालत ने कहा कि सरकार पिछले दो महीनों से काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स (CCI) की बैठक नहीं बुला पाई है, जो दर्शाता है कि वो कितनी अक्षम है. स्थानीय निकायों के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की दो न्यायधीशों वाली पीठ ने कहा कि सरकार या तो देश चलाने में सक्षम नहीं है, या वह निर्णय लेने में असमर्थ है.

  1. काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स की बैठक न बुलाने पर फटकार
  2. दो महीनों से बैठक नहीं कर पाई है इमरान खान सरकार
  3. अदालत ने इसे संवैधानिक संस्था का अपमान करार दिया
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Court ने पूछे कई सवाल

हमारी सहयोगी वेबसाइट WION ने जियो न्यूज के हवाले से बताया है कि शीर्ष कोर्ट को सूचित किया गया था कि जनगणना के संबंध में काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स (सीसीआई) द्वारा निर्णय नहीं लिया गया है. इस पर न्यायमूर्ति काजी फैज ईसा (Justice Qazi Faez Isa) और न्यायमूर्ति सरदार तारिक की पीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा कि CCI की बैठक दो महीने में क्यों नहीं हुई?  कोर्ट ने सवाल किया कि क्या जनगणना के परिणाम जारी करना सरकार की प्राथमिकता नहीं है? अदालत ने कहा कि सरकार और उसके सहयोगियों ने तीन प्रांतों में शासन किया है और अभी तक सीसीआई द्वारा एक भी निर्णय नहीं लिया जा सका है.  

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Report गोपनीय रखने पर लताड़ा

न्यायमूर्ति काजी फैज ईसा ने इमरान खान सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि या तो सरकार देश चलाने में सक्षम नहीं है या वह निर्णय लेने में असमर्थ है. उन्होंने कोर्ट के आदेश के बावजूद सीसीआई की बैठक को स्थगित करने को लेकर नाराजगी जताते हुए इसे संवैधानिक संस्था का अपमान करार दिया. जस्टिस ईसा ने सीसीआई रिपोर्ट को गोपनीय रखने पर भी सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि क्या अच्छे कार्यों को गुप्त रखा जाना चाहिए? इससे संदेह पैदा होता है. 

अब 24 मार्च को होगी Meeting

अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, ‘लोगों को पता होना चाहिए कि प्रांत क्या कर रहे हैं और केंद्र क्या कर रहा है’. कोर्ट ने पंजाब के राज्यपाल द्वारा नए सिरे से परिसीमन के अध्यादेश की घोषणा पर नाराजगी व्यक्त की. अदालत ने कहा कि पंजाब सरकार स्थानीय निकाय चुनाव नहीं कराना चाहती है और एक व्यक्ति के अनुरोध पर पूरी पंजाब विधानसभा को दरकिनार कर दिया गया. इस बीच, अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल (एएजी) ने अदालत को बताया कि सीसीआई की बैठक 24 मार्च को होगी.

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