एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की की खुफिया सेवा ने एक-एक सीरियाई हत्यारे को कश्मीर में खूनी खेल खेलने के लिए करीब 3 हजार डॉलर (दो लाख 21 हजार रुपए) महीना देने का लालच दिया है. इस वक्त कम से कम 100 आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही है.
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इस्लामाबाद/अंकारा: कश्मीर को लेकर हर मंच पर मुंह की खाने वाला पाकिस्तान (Pakistan) अब तुर्की (Turkey) के साथ मिलकर एक बड़ी साजिश रच रहा है. ये दोनों मुस्लिम देश कश्मीर (Kashmir) में फिर से हिंसा की आग भड़काना चाहते हैं. इसके लिए तुर्की में भाड़े के आतंकियों को तैयार किया जा रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम 100 आतंकियों को कश्मीर में भारतीय सेना के साथ जंग लड़ने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. नागोर्नो-काराबाख में भी तुर्की इस तरह की साजिश को अंजाम दे चुके हैं.
Libya जंग में भी हुए थे शामिल
ब्रिटिश अखबार मॉर्निंग स्टार ने अपनी एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया है कि तुर्की (Turkey) कश्मीर में कम से कम 100 आतंकियों को भेजने की योजना बना रहा है. भाड़े के इन आतंकियों ने अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबाख (Nagorno-Karabakh) को लेकर हुई जंग और लीबिया की जंग में भी हिस्सा लिया था. इसके लिए तुर्की की तरफ से आतंकियों को भारी-भरकम रकम देने का वादा भी किया गया था.
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पैसों को लेकर विवाद
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि पैसों को लेकर सीरिया की कुख्यात सुल्तान मुराद ब्रिगेड (Sultan Murad Brigade) के आतंकियों का तुर्की से विवाद हो रहा है. मुराद ब्रिगेड का कहना है कि उसे लीबिया और नागोर्नो-काराबाख में जंग लड़ने के बाद भी अभी तक पूरा पैसा नहीं मिला. माना जा रहा है कि तुर्की की खुफिया सेवा ने एक-एक सीरियाई हत्यारे को कश्मीर में खूनी खेल खेलने के लिए करीब 3 हजार डॉलर (दो लाख 21 हजार रुपए) महीना देने का लालच दिया है. तुर्की ने अन्य खुफिया मिशन के लिए भी इन हत्यारों को इतना ही पैसा देने का वादा किया था.
Security कंपनी की आड़ में आतंकी खेल
तुर्की लगातार नागोर्नो-काराबाख या अन्य विवादित जगहों पर किराए के हत्यारों को भेजने का खंडन करता रहा है, लेकिन माना जाता है कि वो सादात संगठन के छद्म नाम से आतंकियों दूसरे देशों में भेजता है. रिपोर्ट के मुताबिक सादात संगठन एक निजी सिक्योरिटी कंपनी है, जिसका तुर्की की सरकार से करीबी रिश्ता है. तुर्की सादात संगठन के आतंकवादियों को प्रशिक्षण देता है और उन्हें दूसरे देशों तैनात भी करता है.