कश्मीर पर आज फिर पिटेगा पाकिस्तान, अबकी बार मानवाधिकार पर PAK को धिक्कार!
Advertisement

कश्मीर पर आज फिर पिटेगा पाकिस्तान, अबकी बार मानवाधिकार पर PAK को धिक्कार!

जेनेवा में आयोजित यूएनएचआरसी के 42वें सत्र में भारत और पाकिस्‍तान दोनों को ही मंगलवार को अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा.

कश्मीर पर आज फिर पिटेगा पाकिस्तान, अबकी बार मानवाधिकार पर PAK को धिक्कार!

नई दिल्‍ली: संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद यानी यूएनएचआरसी (UNHRC) की बैठक में पाकिस्‍तान, जम्‍मू-कश्‍मीर का मुद्दा उठा सकता है. जेनेवा में आयोजित यूएनएचआरसी के 42वें सत्र में भारत और पाकिस्‍तान दोनों को ही मंगलवार को अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा. हालां‍कि UNHRC में कश्मीर मुद्दा उठाने पर भारत भी पाकिस्तान पर पलटवार करेगा. पाकिस्तान के जवाब में भारत PoK में मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाएगा. भारत, पाकिस्तान के सिंध-बलूचिस्‍तान में सेना के दमन का मुद्दा भी उठाएगा. भारत PoK में पाकिस्तानी सेना के अत्याचार को उजागर कर सकता है. बलूचिस्तान, गिलगित, खैबर पख्तूनख्वा में मानवाधिकार उल्लंघन का जिक्र संभव है. हिंदू, सिख पर हो रहे जुल्म का भी जिक्र किया जा सकता है.

  1. यूएनएचआरसी में पाक पर पलटवार को भारत तैयार
  2. भारत, PoK और हिंदू-सिखों पर हो रहे अत्‍याचार का उठा सकता मुद्दा
  3. पाकिस्‍तान को कश्‍मीर पर समर्थन मिलने की संभावना नहीं

जेनेवा में राजनयिक अजय बिसारिया के साथ एक प्रतिनिधिमंडल लगातार इस सिलसिले में सदस्य देशों से मुलाकात कर रहा है. यूरोप, अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका के देशों से बातचीत हो रही है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के कुल 47 सदस्य हैं.

EXCLUSIVE: विकास की राह पर जम्‍मू-कश्‍मीर, मोदी सरकार ने 30 दिन में लिए 50 बड़े फैसले

दरअसल पाकिस्तान, कश्‍मीर मुद्दे पर बहस या प्रस्ताव के लिए कह सकता है. लेकिन भारत की दमदार कूटनीति के कारण अमेरिका, फ्रांस और रूस के समर्थन मिलने की संभावना बेहद कम है. चीन भी पाकिस्तान का पुरजोर समर्थन नहीं कर पाएगा. हांगकांग में मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में चीन खुद फंसा है. चीन खुद नहीं चाहेगा कि मामला वोटिंग तक पहुंचे.

'UNHRC में चाहे पाकिस्तान कितना भी 'कश्मीर...कश्मीर' चिल्ला ले, कोई नहीं सुनेगा'

कश्‍मीर की हकीकत
वैसे भारत ने UNHRC के सेशन से पहले दुनिया को कश्मीर की हक़ीक़त बताई. जम्‍मू-कश्‍मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात दुनिया को बताया. जम्मू-कश्मीर में 100% टेलीफोन सर्विस बहाल हो चुकी है. ज़्यादातर इलाकों में मोबाइल सर्विस भी बहाल हो गया है. 10वीं तक सभी स्कूल खुले, परीक्षाओं की तैयारी जारी है. 92% इलाकों में आने-जाने पर कोई पाबंदी नहीं है. हज यात्रा जारी, 10 हज़ार से ज़्यादा यात्री जल्द लौटेंगे. 10,281 ट्रकों के जरिए 1.67 लाख मीट्रिक टन सेब की ढुलाई हुई. जम्मू-कश्मीर में बैंकिंग और एटीएम सेवा भी सामान्य है. दफ्तरों में कर्मचारी लगातार आ रहे हैं. सरकारी कामकाज में कोई दिक्कत नहीं है.

इमरान की पार्टी के पूर्व विधायक ने मांगी भारत में शरण

PoK का सच
पाकिस्‍तान भले ही दुनियाभर में कश्‍मीर का राग अलाप रहा हो और मानवाधिकार हनन की दुहाई दे रहा हो लेकिन सच्‍चाई ये है कि पाक अधिकृत कश्‍मीर (Pok) में पाकिस्‍तान के जुल्‍मो-सितम के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं. रविवार और सोमवार को पीओके के तत्‍ता पानी में स्‍थानीय लोगों ने पाकिस्‍तानी सेना की ज्‍यादतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर आजादी की मांग की है. बढ़ते विरोध-प्रदर्शनों के कारण रावलकोट, हजीरा, तेतरी नोट जिलों में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं. 40 राष्‍ट्रवादी प्रदर्शनकारियों को पकड़कर हजीरा पुलिस स्‍टेशन में रखा गया. स्‍थानीय लोग पाकिस्‍तान से आजादी की मांग कर रहे हैं. दरअसल पाकिस्‍तान की खनिज संपदा समेत प्राकृतिक स्रोतों का जमकर दोहन कर रहा है लेकिन इलाके के लोग बदहाल दशा में जीने को मजबूर हैं. इसके अलावा पाकिस्‍तानी सेना ने यहां तमाम पाबंदियां लगा रखी हैं. इन वजहों से काफी अर्से से पोओके में पाकिस्‍तान से आजादी की मांग उठ रही है.

'PoK में जो दहशतगर्दी है, उसके पीछे वर्दी है'

LIVE TV

पाकिस्‍तान में हिंदू-सिख महफूज नहीं
कश्‍मीर (Kashmir) में मानवाधिकारों के उल्‍लंघन का आरोप लगाने वाले पाकिस्‍तान (Pakistan) में खुद अल्‍पसंख्‍यकों के अधिकारों का किस कदर हनन हो रहा है, इसका खुलासा खुद पाक प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के विधायक ने किया है. इमरान खान की पार्टी पीटीआई के पूर्व विधायक बलदेव कुमार ने पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों पर हो रहे अत्‍याचारों के चलते भारत में शरण मांगी है. वह इस वक्‍त अपने परिवार के साथ पंजाब आए हुए हैं.

बलदेव कुमार पख्तूनख्वां की बारीकोट सीट से विधायक रहे हैं. 43 वर्षीय पूर्व विधायक अब अपने परिवार के साथ पाकिस्‍तान नहीं लौटना चाहते हैं. उनका कहना है कि पाकिस्‍तान में हिंदू-सिख महफूज नहीं हैं. वहां उन पर अत्‍याचार होते हैं. उनकी हत्‍याएं हो रही हैं. उनका यह भी कहना है कि इमरान के पीएम बनने के बाद अल्‍पसंख्‍यकों पर जुल्‍म बढ़ा है.
 

Trending news