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Chinese action at south china sea: चीन (China) की नौसेना ने ताइवान (Taiwan) को चीन की मुख्यभूमि से अलग करने वाले ताइवान जलडमरुमध्य से कुछ घंटे पहले गुजरे दो अमेरिकी युद्धपोतों (US Warship) पर करीब से नजर रख रही है. अमेरिकी कांग्रेस (संसद) की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) की ताइवान की यात्रा के बाद वाशिंगटन का यह पहला बड़ा सैन्य अभियान है. जिससे दोनों देशों के बीच अब नए सिरे से तनाव बढ़ गया है.
क्षेत्र में फिर बढ़ा तनाव
अमेरिकी युद्धपोत ताइवान जलडमरुमध्य से गुजरे जहां पर अगस्त महीने में कई दिनों तक चीनी सेना ने सैन्य अभ्यास किया था, जो अक्सर चीन और ताइवान को अलग करती रेखा को पार करता है और अपना दावा करता है. इसलिए पूरे क्षेत्र में फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बनी हुई है.
चीन की नौसेना का बयान
चीनी पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) के ईस्टर्न थियेटर कमान (ETC)ने रविवार को कहा, ‘दो अमेरिकी मिसाइल निर्देशित क्रूजर-यूएसएस एंटीएटम और यूएसएस चांसलरविली, 28 अगस्त को ताइवान जलडमरुमध्य से गुजरे और सार्वजनिक रूप से अपना प्रचार किया.’
ईटीसी के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल शी यी ने कहा कि ईटीसी ने जलडमरुमध्य से गुजरने के दौरान अमेरिकी पोतों की पूरे रास्ते जानकारी रखी और निगरानी की एवं दो अमेरिकी युद्धपोतों की सभी गतिविधि नियंत्रण में है.
हम जवाब देने को तैयार: ETC
इसबीच चीनी अधिकारियों का कहना है कि पीएलए के ईस्टर्न थियेटर कमान के सैनिक हमेशा मुस्तैद रहते हैं और किसी भी तरह के उकसावे को तुरंत दबाने के लिए तैयार हैं. वहीं अमेरिकी नौसना के पोतों की आवाजाही की आलोचना करते हुए चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, ‘अमेरिका ताइवान के अधिकारियों और क्षेत्रीय सहयोगियों का तुष्टिकरण करने की कोशिश कर रहा है. वह उन्हें संदेश दे रहा है कि वाशिंगटन चीन की मुख्य भूमि से पड़ रहे सैन्य दबाव की वजह से पीछे नहीं हटेगा.’
चीन और ताइवान को अलग करते एवं व्यस्त एवं रणनीतिक रूप से अहम ताइवान जलडमरुमध्य से नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद पहली बार ये अमेरिकी युद्ध पोत गुजरे हैं. आधिकारिक मीडिया की जानकारी के मुताबिक वर्ष 2012 से अब तक चीन के दावे को चुनौती देने के लिए करीब 100 अमेरिकी युद्धपोत इस जलडमरुमध्य से गुजर चुके हैं.
चीन के विरोध में इतने देश
अमेरिका (US) इसी तरह के सैन्य परिवहन की कार्रवाई दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में चीन के दावे के विरोध में करता है. चीन इलाके के अधिकतर हिस्से पर अपना दावा करता है जबकि फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान चीन के दावे का विरोध करते हैं.
(एजेंसी इनपुट के साथ)