DNA on Karachi Blast: पाकिस्तान से खफा 'HUMAN BOMB', जानें महिला ने दांव पर क्यों लगाया अपना जीवन?
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DNA on Karachi Blast: पाकिस्तान से खफा 'HUMAN BOMB', जानें महिला ने दांव पर क्यों लगाया अपना जीवन?

DNA on Pakistan Suicide Bomber Story: पाकिस्तान के कराची में हुए बम ब्लास्ट से पाक और चीन के रिश्ते बिगड़ सकते हैं और इसका सीधा नुकसान पाकिस्तान को उठाना पड़ सकता है, ये आत्मघाती हमला पाकिस्तान के लिए कितनी बड़ी मुसीबत बन सकता है, ये जानना जरूरी है.

DNA on Karachi Blast: पाकिस्तान से खफा 'HUMAN BOMB', जानें महिला ने दांव पर क्यों लगाया अपना जीवन?

DNA on Pakistan Suicide Bomber Story: पाकिस्तान के कराची में आत्मघाती हमला हुआ था, हमले में सुसाइड बॉम्बर के अलावा चार लोग मारे गए थे. बुधवार को उस आत्मघाती हमले का नया Shocking वीडियो सामने आया है. जो हमले वाली जगह पर लगे सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गया था. इस बम ब्लास्ट से पाकिस्तान और चीन के रिश्ते बिगड़ सकते हैं और इसका सीधा नुकसान पाकिस्तान को उठाना पड़ सकता है, ये आत्मघाती हमला पाकिस्तान के लिए कितनी बड़ी मुसीबत बन सकता है, ये जानना जरूरी है.

सामने आया हमले का नया वीडियो

इस नए CCTV फुटेज में आप बुर्के में एक महिला को ई रिक्शा या ऑटो से उतरते हुए देख सकते हैं, इस बुर्के वाली महिला को सुसाइड बॉम्बर बताया जा रहा है, ये महिला ऑटो से उतरकर उसी तरफ एक जगह पर खड़ी हो जाती है. पीछे-पीछे सफेद नकाब वाली एक और महिला उसके पास पहुंचती है. वीडियो देखकर लगता है कि दोनों में कुछ बातें हुईं, उसके बाद सुसाइड बॉम्बर महिला सड़क पार कर ठीक उस जगह पहुंचती है, जहां वैन में कल ब्लास्ट हुआ था. ये वीडियो धमाके से ठीक पहले की कहानी बयां करता है. ये भी हो सकता है कि सड़क के दूसरी तरफ खड़ी महिला के पास रिमोट कंट्रोल रहा हो और उसने आत्मघाती हमलावर के शरीर में लगे बम को उसी रिमोट से उड़ा दिया हो. इस सीसीटीवी फुटेज को देखकर आप समझ सकते हैं कि सुसाइड हमले में एक नहीं, दो महिलाएं शामिल थीं.

महिला ने दांव पर लगाया अपना जीवन

बीते दिन जो वीडियो सामने आया था, वो इस वीडियो की कहानी को पूरा करता है. कल वाले वीडियो में आपने देखा था कि महिला मानव बम सड़क के किनारे खड़ी होती है और फिर जैसे ही मिनी बस उसके पास से गुजरती है, जोरदार धमाका हो जाता है. सुसाइड बॉम्बर बनी महिला का नाम शेरी बलोच है. लेकिन आपको शेरी बलोच के बारे में जरूर जानना चाहिए कि आखिर एक महिला के सामने ऐसी क्या मजबूरी थी, जिसके लिए उनसे अपना जीवन दांव पर लगा दिया. 30 साल की शेरी बलोच के बारे में कहा जाता है कि वो बलोचिस्तान की पहली महिला सुसाइड बॉम्बर है और ऐसा करने वाली वो पाकिस्तान की दूसरी महिला है. इस घटना के बाद BLA ने एक वीडियो जारी कर चीन और पाकिस्तान को चेतावनी भी दी है. इससे साफ हो जाता है कि शेरी बलोच BLA का हिस्सा थी.

हमलावर शेरी बलोच की कहानी

शेरी बलोच की कहानी में खास बात ये है कि वो पढ़ी लिखी थी, वो बलोचिस्तान के कीच में टीचर थी. उसने Zoology में मास्टर्स की डिग्री ली थी और अभी भी वो बलोचिस्तान के अल्लामा इकबाल ओपन यूनिवर्सिटी से एम फिल की पढ़ाई कर रही थी. बलोचिस्तान के तुरबत की रहने वाली शेरी बलोच का भरा पूरा परिवार है, आपके टीवी स्क्रीन पर शेरी बलोच के परिवार की तस्वीर है जिसमें वो अपने पति और दोनों बच्चों के साथ दिख रही है. इनमें एक बेटा है जबकि दूसरी बेटी है, शेरी के पति का नाम हबीतान बशीर बलोच है और और वो एक डेंटिस्ट हैं. शेरी बलोच के पिता भी एक सरकारी कर्मचारी थे. यानी शेरी बलोच एक संभ्रांत और संपन्न परिवार से थीं. कराची में हमले के बाद से शेरी बलोच के पति हबीतान अंडरग्राउंड है. लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी के काम पर गर्व जताया. उन्होंने ट्वीट में लिखा शेरी जान के निस्वार्थ काम से वो निशब्द हैं और उनको शैरी पर गर्व है. शेरी के पति ने आगे अपने दोनों बच्चों का जिक्र करते हुए लिखा कि महरोच और मीर हसन को सोचकर बहुत गर्व होगा कि उनकी मां कितनी महान महिला थी. उन्होंने आगे लिखा, शेरी हमेशा उन लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बनी रहेगी.  

चीन के खिलाफ गुस्से ने बनाया मानव बम 

लेकिन वो मानव बम क्यों बनी, आपको जानना चाहिए, पाकिस्तानी मीडिया में शेरी बलोच को लेकर तमाम तरह की रिपोर्ट्स हैं, उनके मुताबिक 2018 में पाकिस्तानी सेना के एक अभियान के दौरान उसके चचेरे भाई की हत्या कर दी गई थी और उसकी जमीन को चीन के प्रोजेक्ट्स के लिए दे दिया गया था. शायद इसी वजह से शेरी के मन में चीन के खिलाफ गुस्सा था और उसने चीन के लोगों को ले जा रही वैन को निशाना बनाया इसके अलावा शेरी छात्र जीवन में बलोचिस्तान स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन की सदस्य थी. यानी बलोचिस्तान की आजादी के लिए वो पहले से सक्रिय थी

ऐसे की आत्मघाती दस्ते में शामिल होने की पेशकश

शेरी बलोच के भीतर पाकिस्तान और चीन को लेकर जो गुस्सा बढ़ता जा रहा था, उसी का नतीजा मंगलवार को कराची यूनिवर्सिटी के बाहर दुनिया ने ब्लास्ट की शक्ल में देखा. चीन के नागरिकों को निशाना बनाने के लिये शेरी बलोच 2 साल से तैयारी कर रही थी. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक शेरी, BLA यानी बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी की 'मजीद ब्रिगेड' में 2 साल पहले ही शामिल हुई थी. उसने खुद खतरनाक 'मजीद ब्रिगेड' का हिस्सा बनने और आत्मघाती दस्ते में शामिल होने की पेशकश की थी. इस पर BLA ने शेरी से अपने फैसले पर फिर से विचार करने को कहा था. उसे उसके दोनों बच्चों के बारे में सोचने के लिए भी कहा गया. उसे ये भी कहा गया कि अपने फैसले से पहले उसे अपने परिवार का अच्छा-बुरा भी एक बार सोच लेना चाहिए. लेकिन शेरी अपने फैसले पर कायम थी. उसने तय किया कि वो मजीद ब्रिगेड के आत्मघाती मिशन का हिस्सा बनेगी और इस फैसले से पीछे नहीं हटेगी.

जानें क्या है मजीद ब्रिगेड?

आपके सामने बार-बार मजीद ब्रिगेड का नाम है तो आपको इसके बारे में भी जानना चाहिए. मजीद ब्रिगेड BLA की स्पेशल विंग है इसकी जानकारी हम आपको दे चुके हैं, इस विंग को खासतौर पर आत्मघाती हमलों के लिए ही तैयार किया गया है. इसमें शामिल होने वालों को कठिन ट्रेनिंग लेनी होती है. आमतौर पर BLA की बाकी टीम हमला करके गायब होने के लिए ट्रेंड की जाती हैं, लेकिन मजीद ब्रिगेड का उद्देश्य खुद को समाप्त कर दुश्मन को कड़ा संदेश पहुंचाना है. इसीलिए इसमें आमतौर पर युवाओं को शामिल किया जाता है और बहुत सोच समझकर ही लोग इसमें शामिल होते हैं. इसकी स्थापना वर्ष 2011 में हुई थी. इसका नाम बलोचिस्तान के दो सगे भाइयों लांगो और मजीद के नाम पर रखा गया. दोनों भाई पाकिस्तान के खिलाफ़ लड़ते हुए मारे गए थे, उनकी बहादुरी को सम्मान देने के लिए खास ब्रिगेड का नाम मजीद ब्रिगेड रखा गया.

शुरू से ही आंदोलनों का शिकार रहा है बलोचिस्तान

कराची में आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी लेने वाला संगठन BLA लगातार पाकिस्तान में चीन की दखलंदाजी का विरोध करता रहा है. BLA को शिकायत है कि पाकिस्तान की सरकार ने बलोचिस्तान के प्राकृतिक संसाधन चीन के हाथों बेच दिए, जिसका नुकसान बलोचिस्तान के लोगों को हो रहा है. बलोचिस्तान के लोगों का मानना है कि पाकिस्तान ने उनका सम्मान और अस्तित्व चीन के हाथों बेच दिया है. Balochistan में आजादी की लड़ाई का इतिहास बहुत पुराना है. वर्ष 1947 में पाकिस्तान ने Balochistan पर कब्जा किया था. तब से लेकर आज तक Balochistan की आजादी के लिए आंदोलन हो रहे हैं. इन आंदोलनों को दबाने के लिए पाकिस्तानी सेना वर्षों से क्रूरता की सारी हदें पार करती आई है.

Human Rights Council of Balochistan की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2017 में 1100 लोग लापता हो गए थे. Baloch National Movement नाम की संस्था के मुताबिक जुलाई 2019 में पाकिस्तान की सेना ने Balochistan में 80 बार सैन्य कार्रवाई की थी. Baloch नेताओं के मुताबिक पिछले एक दशक में करीब पांच हजार से अधिक लोग लापता हो चुके हैं. बलोचिस्तान में अक्सर लापता लोगों के परिवार प्रदर्शन करते रहते हैं. अपनी आवाज अंतरराष्ट्रीय मंचों तक ले जाते हैं और पाकिस्तान की सरकार और पाकिस्तान आर्मी को सवालों में खड़ा करते हैं. ऐसे बेहिसाब मामले हैं जिनमें पाकिस्तान की सेना पर बलोच विद्रोहियों और वहां मानवाधिकार की बात करने वालों को अगवा करने और उनकी हत्या करने के आरोप हैं. बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता है.

बलोचिस्तान में ही बलोच लोगों के साथ भेदभाव

ऐसे में बलोचिस्तान में विद्रोह की आग को तब और हवा मिली जब पाकिस्तान ने CPEC यानी चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के बहाने चीन को डायरेक्ट एंट्री पास दे दिया. 60 अरब डॉलर की सीपेक परियोजना की वजह से बलोचिस्तान के लोगों का जीवन बेहद मुश्किल हो गया है. बलोचिस्तान के ग्वादर में लोग बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. प्रोजेक्ट की वजह से ग्वादर में जगह-जगह सिक्योरिटी चौकियां बनी हुई हैं. अपने ही घर में बलोच लोगों को आने जाने के लिए रोका जाता है. लोग बिना आईडी कार्ड के अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकते हैं.

चीन के प्रोजेक्ट से नाराज स्थानीय लोग

चीन के प्रोजेक्ट के लिए स्थानीय लोगों की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है, विरोध करने वालों को कई जगहों पर मारा जा रहा है. ग्वादर में स्थानीय मछुआरे भी भूखे मरने को मजबूर हैं, उन्हें अपने ही समंदर में मछली पकड़ने से रोकने की खबरें भी आती रही हैं. इन्हीं सब वजहों से पाकिस्तान के साथ साथ चीन के खिलाफ भी बलोचिस्तान में विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं. इन सबके बीच BLA के कमांडर ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए धमकी दी है कि चीन को बलोचिस्तान से नहीं निकाला गया तो अंजाम बुरा होगा.

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