चावल के साथ-साथ अब मिर्च के लिए भी India की ओर देख रहा China, लगातार बढ़ रहा आयात
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चावल के साथ-साथ अब मिर्च के लिए भी India की ओर देख रहा China, लगातार बढ़ रहा आयात

चीन (China) के साथ भले ही भारत (India) के रिश्‍ते तनावपूर्ण हों, लेकिन चीन के लोगों को भारतीय खाद्य पदार्थ खूब रास आ रहे हैं. चीन चावल के अलावा भारतीय मिर्च का भी बड़े पैमाने पर आयात (Import) कर रहा है. 

(फाइल फोटो)

बीजिंग: चीन और भारत (China-India) के रिश्‍तों में भले ही तनाव हो लेकिन चीनी घरों (Chinese Home) के किचन में भारतीय खाद्य पदार्थों की उपस्थिति बढ़ती जा रही है. चीनी घरों के किचन में इस्‍तेमाल होने वाले प्रमुख मसाले मिर्च (Chilli) के लिए भी अब चीन भारत की ओर ही देख रहा है. पिछले कुछ सालों में चीन में भारत के चावल (Indian Rice) के साथ-साथ भारत की मिर्च की भी डिमांड काफी बढ़ गई है. ये हालत तब हैं, जबकि चीन दुनिया के प्रमुख मिर्च उत्पादकों में से एक है. 

  1. चीनी लोगों को पसंद आ रही भारतीय मिर्च 
  2. चीन में बढ़ा भारतीय मिर्च का उपयोग
  3. भारत के चावल का भी बड़ा इंपोर्टर है चीन 

चीनियों को भा रही भारतीय मिर्च 

एक एक्‍सपोर्टर ने के मुताबिक, 'दुनिया की 45 फीसदी से ज्‍यादा मिर्च का उत्‍पादन केवल चीन करता है लेकिन अब उसने मिर्च का ही आयात करना शुरू कर दिया है. दरअसल चीन के लोगों को भारत की मिर्च बेहतर और ज्‍यादा तीखी लगती है.'  

न्यूज पोर्टल मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट भी इसी ओर इशारा करती है. इसके मुताबिक हालिया कुछ सालों से चीनी लोगों को भारतीय मिर्च बहुत पसंद आ रही है. इस रिपोर्ट के मुताबिक चीन अब खपत का तकरीबन आधा हिस्‍सा इंपोर्ट कर रहा है. 

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बारिश-बाढ़ ने खराब की फसल 

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक 2018 में चीन में कुल 780 हेक्टेयर में मिर्च लगाई गई थी. स्थानीय अधिकारियों ने करीब साढ़े 5 हजार गरीब परिवारों को 1.6 करोड़ से ज्‍यादा मिर्च के पौधे देकर 653 हेक्टेयर पर मिर्च लगाने के लिए किया था. लेकिन भारी बारिश और बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर फसल को नुकसान पहुंचा. एक्‍सपोर्टर ने यह भी कहा कि पिछले साल कई मिर्च उत्‍पादक COVID-19 महामारी की चपेट में आ गए थे. इससे भी नुकसान हुआ. 

बता दें कि मिर्च की पैदावार चीन के गुइझोउ, हुनान, जियांग्शी हेबै, हेनान, सिचुआन और शानक्सी में सबसे ज्‍यादा होती है.

चीन के अलावा कई अन्‍य देशों में भी मांग 

भारत की मिर्च और मिर्च पाउडर की मांग चीन के अलावा दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व समेत दुनिया के कई देशों में भी बढ़ी है. भारत की विभिन्न प्रकार की लाल मिर्च का कुल निर्यात 2020-21 में 6,01,500 टन था. जिसकी कीमत लगभग 8,430 करोड़ रुपये थी. 

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