ZEE जानकारी:पाकिस्तान को चीन से मिलने वाले 'कूटनीतिक कवच' का विश्लेषण
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ZEE जानकारी:पाकिस्तान को चीन से मिलने वाले 'कूटनीतिक कवच' का विश्लेषण

चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के उपाध्यक्ष General Xu Qiliang और पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की मुलाकात की है .

ZEE जानकारी:पाकिस्तान को चीन से मिलने वाले 'कूटनीतिक कवच' का विश्लेषण

अब हम कश्मीर पर पाकिस्तान और चीन के रक्षात्मक गठबंधन का DNA टेस्ट करेंगे . एक तरफ चीन कश्मीर को भारत-पाकिस्तान के बीच का मुद्दा मानता है लेकिन दूसरी तरफ कश्मीर पर चीन पाकिस्तान की मदद करने में जुटा हुआ है . कश्मीर पर चीन-पाकिस्तान की गुटबाजी और अनैतिक गठबंधन का सबूत इस तस्वीर में है .

ये तस्वीर चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के उपाध्यक्ष General Xu Qiliang और पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की मुलाकात की है . दोनों की मुलाकात पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय में सोमवार को हुई थी .

इस बैठक में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और विशेष रूप से कश्मीर के मुद्दे पर भी बातचीत हुई . रक्षा सहयोग और पाकिस्तान सेना की निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच एक MoU पर हस्ताक्षर किये गए . वहीं आज चीन का सैन्य प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मिला . 

भारत को परमाणु हमले की धमकी देने वाला पाकिस्तान रक्षा के क्षेत्र में पूरी तरह चीन पर निर्भर है . 

विश्व में हथियार खरीदने के मामले में अभी पाकिस्तान नौवें स्थान पर है . 
विश्व की कुल 'हथियार खरीद' में 2.8 प्रतिशत हथियार पाकिस्तान खरीदता है .
पाकिस्तान अपनी जरूरत का 70 प्रतिशत हथियार चीन से खरीदता है . और
चीन विश्व को जितना हथियार बेचता है...उसमें 37% हथियार पाकिस्तान के हाथों बेचता है . 
पिछले 10 साल में चीन ने पाकिस्तान को कई एयरक्राफ्ट, एयर मिसाइल सिस्टम, Ballistic मिसाइल दिए हैं . 

सिर्फ रक्षा के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि आर्थिक तौर पर भी पाकिस्तान का सबसे भरोसेमंद साथी चीन ही है . 

अब आपको पाकिस्तान को चीन की 'आर्थिक सहायता' के आंकड़े दिखाते हैं .

पाकिस्तान को चीन की 'आर्थिक सहायता' के आंकड़े
वर्ष 2018-19 में पाकिस्तान को चीन ने 60 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी

CPEC यानी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के लिए चीन ने अब तक 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये पाकिस्तान में निवेश किए . जबकि वर्ष 2030 तक चीन ने पाकिस्तान में 4 लाख 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है .

जब-जब पाकिस्तान मुसीबत में फंसता है..चीन उसकी मदद करने के लिए आगे आ जाता है .
चीन ने पाकिस्तान के कहने पर ही कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की गुप्त बैठक बुलाई थी .

चीन ने पाकिस्तान के अनुरोध पर ही आतंकी मौलाना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में कई बार आतंकी घोषित होने से बचाया था . हालांकि इस बार चीन अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के अन्य सदस्यों के दबाव में अपनी इस कोशिश में कामयाब नहीं हो पाया . और अब चीन कश्मीर पर पाकिस्तान को समझाने की बजाय उसे भारत के खिलाफ उकसा रहा है .

कश्मीर पर पूरा विश्व भारत के साथ है . पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से बहुत उम्मीद थी कि वो कश्मीर पर मध्यस्थता के जरिए पाकिस्तान का साथ देंगे . लेकिन कल फ्रांस के Biarritz में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के सामने सीधे शब्दों में ये कह दिया कि कश्मीर पर किसी भी तीसरे देश को कष्ट करने की आवश्यकता नहीं है . 

भारत की ये बात अमेरिका को तो समझ में आ गई लेकिन पाकिस्तान और चीन को समझ में नहीं आ रही है . 

इमरान खान अपने देश के सामने ये दावा कर रहे हैं कि ज़रूरत पड़ने पर मुस्लिम देश कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का साथ ज़रूर देंगे. इमरान खान ये भी कह रहे हैं कि मुस्लिम देश अभी भले ही अपने Bussiness Intrest की वजह से खुलकर पाकिस्तान के साथ ना आ रहे हों लेकिन वक्त पड़ने पर ये देश पाकिस्तान का ही साथ देंगे. पहले आप ये सुनिए की इमरान खान ने कश्मीर मुद्दे पर मुस्लिम देशों के समर्थन को लेकर पाकिस्तान की जनता का दिल बहलाने के लिए क्या कहा 

लेकिन हकीकत दरअसल कुछ और है, सच्चाई क्या है....ये हम आपको बताते हैं.

सच ये है कि प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति की वजह से आज मुस्लिम देश भी भारत के साथ खड़े हैं. और कहा भी जाता है सत्य को प्रमाण की ज़रूरत नहीं होती है. आप भी तस्वीरें देखिए और खुद देखिए कि कैसे मुस्लिम देशों ने प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित किया है. इसी 24 अगस्त को बहरीन ने प्रधानमंत्री मोदी को 'द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां' सम्मान से नवाज़ा... प्रधानमंत्री मोदी की बहरीन की यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण रही क्योंकि इस देश की यात्रा करने वाले वो पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने. पीएम मोदी ने इस यात्रा के दौरान कई द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत की. 

24 अगस्त को ही संयुक्त अरब अमीरात ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ जायद' से नवाजा .आपको बता दें कि यूएई के संस्थापक सदस्य शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान के नाम पर इस सम्मान का नाम रखा गया है

इससे पहले 8 जून 2019 को मालदीव ने प्रधानमंत्री मोदी को रुल ऑफ निशान इज्जुद्दीन से नवाज़ा था. Neighbourhood First पॉलिसी के तहत प्रधानमंत्री मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में मालदीव की ही यात्रा पर सबसे पहले गए थे.

फिलीस्तीन ने पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी को 'ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट' अवॉर्ड से सम्मानित किया था. फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने मोदी को ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलीस्तीन’ से सम्मानित किया था. प्रधानमंतंरी मोदी फिलीस्तीन की आधिकारिक यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं.

2016 में प्रधानमंत्री मोदी को अफगानिस्तान ने अमानुल्लाह खान अवार्ड से सम्मानित किया था. अफगानिस्तान के नागरिकों के साथ-साथ विदेशी नागरिकों को अफगान सरकार द्वारा दिए जाने वाला ये सर्वोच्च नागरिक सम्मान है.

2016 में ही सऊदी अरब ने प्रधानमंत्री मोदी को 'किंग अब्दुल अजीज साश अवार्ड'
से सम्मानित किया गया था. ये तस्वीरें बता रही हैं कि दरअसल मुस्लिम देश पाकिस्तान के नहीं भारत के साथ हैं. और यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर 
भारत सभी देशों का साथ मिल रहा है

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump की फ्रांस में मुलाकात के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने देश की जनता के सामने जो भाषण दिया, पाकिस्तान में उसका मज़ाक उड़ाया जा रहा है. पाकिस्तान की मी​डिया डिबेट में पैनलिस्ट इस बात को लेकर चिंतित हैं, कि उनके मुल्क की बागडोर एक लापरवाह व्यक्ति के हाथ में सौंप दी गई है . इमरान खान की इस बात को लेकर भी आलोचना हो रही है कि उन्होंने बौखलाहट में दुनिया के सामने वो पॉलिसी भी रख दीं, जिन्हें कोई भी समझदार नेता छिपाकर रखता . 

पाकिस्तान कश्मीर का राग अलाप रहा है. तो दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर के युवा देश के तिरंगे का सम्मान बढ़ाने वाली पटकथा लिख रहे हैं. ये कश्मीर के युवाओं की नई भारत वाली सोच है. जिसमें सुनहरे भविष्य की झलक दिखाई देती है.

इन्हीं युवाओं में से एक हैं, बशारत अहद मीर. जो Ice Speed Skating करते हैं. बशारत की उम्र सिर्फ 16 वर्ष है. और Belarus में आयोजित होने जा रहे एक Under-19, Event के लिए इनका चयन भारतीय टीम में हुआ है. भारत की Under-19 टीम में शामिल होने वाले बशारत, इकलौते और पहले कश्मीरी हैं. सुविधाओं की कमी की वजह से उन्हें मुश्किल ज़रुर आई. लेकिन नए भारत की नई सोच ने हौसला नहीं खोया. और भारतीय टीम में शामिल होकर, देश के लिए खेलने का सपना पूरा कर लिया. इसमें जम्मू-कश्मीर के प्रशासन ने भी अपना योगदान दिया है. 

बशारत अहद मीर, कश्मीर के उज्ज्वल भविष्य की पहचान हैं. और आज उन्होंने... और उन्हें प्रोत्साहित करने वालों ने Zee News के माध्यम से कश्मीर सहित पूरे देश को एक संदेश दिया है. वो संदेश ये है, कि नामुमकिन कुछ भी नहीं.

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