ZEE जानकारी: आस्था के नाम पर पाकिस्तान की आतंकी साजिश का विश्लेषण
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ZEE जानकारी: आस्था के नाम पर पाकिस्तान की आतंकी साजिश का विश्लेषण

खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट ने पाकिस्तान की पोल खोल दी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है...कि आतंकवादियों के एक गुट ने...पंजाब के डेरा बाबा नानक में घुसपैठ की है .

ZEE जानकारी: आस्था के नाम पर पाकिस्तान की आतंकी साजिश का विश्लेषण

नई दिल्ली: आने वाली 9 नवंबर को करतारपुर साहिब कॉरिडोर का उदघाटन होने वाला है . भारत और पाकिस्तान के बीच, इस कॉरिडोर के खुल जाने से...भारत के श्रद्धालु...पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब के दर्शन कर पाएंगे . लेकिन पाकिस्तान ने, इस कॉरिडोर के उदघाटन से पहले...एक प्रमोशनल वीडियो जारी कर...अपने आतंकी मंसूबे जाहिर कर दिए हैं .इस वीडियो में, खालिस्तानी आतंकवादी...जरनैल सिंह भिंडरावाले, मेजर जनरल शबेग सिंह और अमरीक सिंह खालसा के पोस्टर दिखाए गए हैं . ये सभी आतंकवादी, वर्ष 1984 में...पंजाब में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए थे . इस वीडियो में...अलग खालिस्तान राज्य की मांग करने वाले...रेफ्रेंडम 20-20 के पोस्टर भी दिखाए गए हैं. 

करीब 4 मिनट का ये वीडियो, पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने जारी किया है . इसमें भारत की और से...कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को भी दिखाया गया है .इस वीडियो के जारी होने के बाद, अब एक नई बहस छिड़ गई है...कि क्या करतारपुर साहिब कॉरिडोर के पीछे... पाकिस्तान का कोई Hidden Agenda है .पाकिस्तान के इस वीडियो के बाद...आज भारत ने भी एक वीडियो जारी किया है . लेकिन दोनों देशों की सोच में कितना फर्क है...ये आपको इस वीडियो को देखने के बाद पता लगेगा .

एक तरफ पाकिस्तान है, जो आस्था के नाम पर आतंकवाद का प्लान बनाता है...और दूसरी तरफ भारत है...जो श्रद्धा और विश्वास के साथ करतारपुर साहिब कॉरिडोर के विकास में लगा हुआ है .पंजाब से भले ही खालिस्तानी आतंकवादियों को खत्म कर दिया गया हो...लेकिन पाकिस्तान लगातार इस कोशिश में जुटा रहता है...कि पंजाब में फिर से अलगाववाद की भावना भड़काई जा सके . इससे पहले...करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास के समय भी...पाकिस्तान में जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर नजर आए थे . इस पर भारत की तरफ से कड़ी आपत्ति के बाद, पाकिस्तान ने आश्वासन दिया था...कि दोबारा ऐसा नहीं होगा .

लेकिन खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट ने पाकिस्तान की पोल खोल दी है . इस रिपोर्ट में कहा गया है...कि आतंकवादियों के एक गुट ने...पंजाब के डेरा बाबा नानक में घुसपैठ की है . खुफिया एजेंसियों की इस रिपोर्ट से पहले...BSF ने पाकिस्तान के नारोवाल, शकूरगढ़ और मुरीदके में आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंप होने की सूचना दी थी . करतारपुर साहिब गुरुद्वारा...पाकिस्तान के नारोवाल में ही है . इस तरह की खबरों के बाद...सुरक्षा एजेंसियों को High Alert पर रहने के लिए कहा गया है .

करतारपुर कॉरिडोर के उदघाटन से पहले ही...क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है . आज अमृतसर में नवजोत सिंह सिद्धू के साथ...पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, इमरान खान के Hordings लगाए गए . इन Hordings में, करतारपुर कॉरिडोर खोलने के लिए...सिद्धू और इमरान खान को असली हीरो बताया गया है...और उनकी तारीफ की गई है . ये Hordings...कांग्रेस के एक नेता की तरफ से लगाए गए हैं .

आज आपको नवजोत सिंह सिद्धू के उन बयानों को फिर से सुनना चाहिए...जिसमें सिद्धू ने करतारपुर कॉरिडोर का पूरा क्रेडिट...पाकिस्तान और इमरान खान को दिया था .नवजोत सिंह सिद्धू को... इमरान खान ने...करतारपुर कॉरिडोर के उदघाटन में शामिल होने के लिए न्योता भेजा था . सिद्धू ने विदेश मंत्रालय से पाकिस्तान जाने की इजाजत भी मांगी थी...लेकिन विदेश मंत्रालय ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी .विदेश मंत्रालय का कहना है...कि अगर सिद्धू चाहें, तो वे तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे के साथ...करतारपुर सा​हिब जा सकते हैं . लेकिन उन्हें अकेले पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती .

तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे में...पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और हरदीप पुरी सहित 150 लोग शामिल हैं . भारत और पाकिस्तान के बीच, करतारपुर साहिब कॉरिडोर से रिश्ते बेहतर हो सकते हैं...लेकिन पाकिस्तान की नीयत और हरकत...दोनों में खोट की वजह से ऐसा होना मुश्किल लग रहा है . आज हम आपको पाकिस्तान की...दो ऐसी आतंकी साजिशों के बारे में बताएंगे...जिसके लिए पाकिस्तान...करतारपुर कॉरिडोर को लॉन्चपैड की तरह इस्तेमाल कर सकता है .

पाकिस्तान की पहली साज़िश है...करतारपुर साहिब कॉरिडोर के जरिए...खालिस्तान आंदोलन को जिंदा करने की कोशिश करना . ऐसा माना जा रहा है कि कई खालिस्तानी समर्थक इस कॉरिडोर के कार्यक्रम में शामिल होंगे .पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा...नवंबर 2018 में कुछ खालिस्तानी समर्थकों से मिल चुके हैं . पाकिस्तान में करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में...खालिस्तानी आतंकवादी गोपाल चावला भी मौजूद था . तब गोपाल चावला को, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल बाजवा से हाथ मिलाते हुए देखा गया था .

गोपाल चावला को...आतंकवादी हाफिज़ सईद का करीबी माना जाता है . यानी करतारपुर साहिब कॉरिडोर को ढाल बनाकर...पाकिस्तान अपने असली एजेंडे पर काम कर रहा है .सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार...पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने कुछ दिनों पहले...पंजाब सीमा पर Drone के जरिए, खालिस्तान समर्थकों को हथियार की सप्लाई की थी . यानी पाकिस्तान... पंजाब में दोबारा आतंकवाद शुरू करना चाहता है .पाकिस्तान की दूसरी साजिश है...करतारपुर साहिब के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं से 20 डॉलर यानी 1400 रुपए का सेवा शुल्क वसूलना . पाकिस्तानी रुपए के हिसाब से ये राशि 3100 रुपए होती है .

पाकिस्तान ने प्रतिदिन 5 हजार तीर्थयात्रियों को दर्शन की अनुमति दी है . इससे पाकिस्तान को रोज़ाना एक लाख डॉलर यानी लगभग डेढ़ करोड़ पाकिस्तानी रुपए की कमाई होगी .करतारपुर कॉरिडोर के जरिए साल के 365 दिन श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे...और पाकिस्तान की वार्षिक कमाई करीब 570 करोड़ पाकिस्तानी रुपए होगी .पाकिस्तान का दावा है वो इस पैसे का इस्तेमाल करतारपुर साहिब में विकास के लिए करेगा . लेकिन जानकारों के मुताबिक...पाकिस्तान इसका इस्तेमाल, खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों और पंजाब में अस्थिरता फैलाने के लिए कर सकता है .

यानी ये पाकिस्तान की आस्था का कारोबार करने वाली नीति है...और इमरान खान...करतारपुर साहिब कॉरिडोर से कूटनीतिक मुनाफ़ा कमाने की कोशिश कर रहे हैं .करतारपुर कॉरिडोर के उदघाटन में सिर्फ 3 दिन बाकी हैं...लेकिन इमरान खान के एक ट्वीट से...श्रद्धालुओं में इस यात्रा को लेकर भ्रम बना हुआ है .एक नवंबर को इमरान खान ने...भारत और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते की शर्तों से हट कर...एक ट्वीट किया था .

इस ट्वीट में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने लिखा था...कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर के उदघाटन के दिन...और गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती पर...तीर्थयात्रियों से 20 डॉलर की फीस नहीं ली जाएगी . तीर्थयात्रियों को 10 दिन पहले रजिस्ट्रेशन कराने की जरुरत भी अब नहीं होगी . इसके अलावा उन्हें पासपोर्ट की जरुरत भी नहीं होगी . पासपोर्ट की जगह...एक वैध पहचान पत्र यानी सरकारी पहचान पत्र से काम चलाया जा सकता है .

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते में...ये साफ जिक्र था...कि तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट साथ रखना अनिवार्य है . इमरान के ट्वीट के बाद भी...पाकिस्तान की और से...समझौते में संशोधन की कोई बात नहीं कही गई है . अब यात्रियों को ये समझ नहीं आ रहा है...कि वो कौन से दस्तावेज साथ रखें और कौन से नहीं .करतारपुर कॉरिडोर को लेकर...पाकिस्तान की नियत पर इसलिए भी संदेह हो रहा है...क्योंकि भारत उदघाटन से पहले...एक टीम करतारपुर भेजना चाहता था...लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक इसकी भी अनुमति नहीं दी है . ये टीम करतारपुर जाकर तैयारियों का जायजा लेना चाहती थी .

पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर पर अपनी तैयारियों के बारे में...अभी तक कुछ भी खुलासा नहीं किया है . यहां तक कि...उदघाटन समारोह से जुड़ी कोई भी जानकारी, अभी तक भारत के साथ शेयर नहीं की गई है .करतारपुर साहिब कॉरिडोर से...भारत और दुनियाभर में मौजूद सिख समुदाय के...करोड़ों लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं . करतारपुर साहिब सिखों का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल है...क्योंकि गुरु नानक देव जी ने, करतारपुर में ही अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे . वर्ष 1522 में गुरु नानक देव जी करतारपुर में आकर बसे थे और वहीं उन्होंने सिख धर्म की स्थापना की थी . सिखों के दूसरे गुरु...अंगद देव जी को भी यहीं गद्दी सौंपी गई थी .

वर्ष 1947 से पहले जब बंटवारा नहीं हुआ था...तब श्रद्धालु बिना किसी रोक टोक के करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकते थे . लेकिन बंटवारे के बाद...करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान के हिस्से में चला गया...और सिखों के लिए करतारपुर साहिब के दर्शन बहुत मुश्किल हो गए .भारत पाकिस्तान सीमा से इसकी दूरी सिर्फ 4 किलोमीटर की है . अभी श्रद्धालुओं को...पंजाब के गुरदासपुर में स्थित, डेरा बाबा नानक साहिब गुरुद्वारे से, दूरबीन के ज़रिए...करतारपुर साहिब की झलक देखने को मिलती है . लेकिन अब करतारपुर साहिब कॉरिडोर खुल जाने के बाद...भारत के श्रद्धालु, बहुत आसानी से करतारपुर साहिब के दर्शन कर पाएंगे .

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