7वां वेतन आयोग : ये 5 बातें, जो केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जानना बेहद जरूरी हैं
देश में करीब 50 लाख कर्मचारी 7वें वेतन आयोग के लागू होने के इंतजार में हैं. केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी 26 हजार होनी चाहिए. वहीं सरकार ने पहले न्यूनतम सैलरी 18000 करने की बात कही थी. अब खबर आ रही है कि मोदी सरकार कर्मचारियों की मांग को स्वीकारते हुए 8000 रुपए की सैलरी हाइक का तोहफा दे सकती है. सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18000 के बजाए 26000 रुपए करने पर राजी हो सकती है.

एक झटका भी : इन सबके बीच सरकार ने कर्मचारियों को बड़ा झटका भी दिया है. मोदी सरकार ने अब तय किया है कि वह ओवरटाइम अलाउंस नहीं देगी. इससे ऑपरेशनल स्टाफ को छूट दी गई है.

असम सरकार भी पे कमीशन की सिफारिशें मानने के लिए राजी हो चुकी है. इस निर्णय के बाद असम में कर्मचारियों के एचआरए में बढ़ोतरी होना तय है.

टीचर्स को होगा बड़ा फायदा : मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर बताया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक केंद्रीय यूनिवर्सिटीज और कॉलेज की फैकल्टी और नॉन टीचिंग स्टाफ की पेंशन में बड़ी वृद्धि होगी.

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर राज्य के सभी सरकारी ड्राइवर्स को स्पेशल पे के रूप में 800 से 1000 रुपए बढ़ाने का आदेश दे चुके हैं. इसके अलावा वह यूनिफॉर्म अलाउंस पर 200 से 300 रुपए भी बढ़ा चुके हैं. पहले से लंबित पड़े मेडिकल और ट्रेवलिंग अलाउंस में बढ़ोतरी को भी मंजूरी मिल चुकी है.

महाराष्ट्र में कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर : महाराष्ट्र में 17 लाख सरकारी कर्मचारियों को 21 हजार करोड़ एरियर के रूप में दिवाली तक दिए जाने हैं. लेकिन सरकार उससे पहले ही कर्मचारियों को गणेशोत्सव तक 5 हजार करोड़ रुपए वितरित कर सकती है. डीएनए के अनुसार, सरकार दिवाली तक पूरा पैसा कर्मचारियों को में बांट सकती है. जिससे उन पर फेस्टीवल सीजन में दबाव न पड़े.
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