अगर कोई मोटापाग्रस्त है और ब्लड प्रेशर, खराब ब्लड शुगर नियंत्रण व असामान्य ब्लड फैट से नहीं जूझ रहा है, फिर भी उसे सावधान रहने की जरूरत है. एक शोध में सामने आया है कि सामान्य वजन वाली महिलाओं की तुलना में मोटापाग्रस्त महिलाओं में दिल संबंधी बीमारियों का ज्यादा खतरा ज्यादा होता है. यह शोध 90,000 से ज्यादा महिलाओं पर किया गया है.
इस शोध का प्रकाशन 'द लैंसेट डायबिटीज व इंडोक्राइनोलॉजी' पत्रिका में किया गया. इसमें संकेत दिया गया है कि मोटापा दिल संबंधी बीमारियों के लिए जोखिम कारक है, भले ही महिलाओं को कोई आम मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारी हो या नहीं हो.
मोटापा लगभग सभी दिल की बीमारियों के जोखिम कारकों को प्रभावित करता है. हालांकि, कुछ मोटे लोग इनसे मुक्त दिखते हैं और मेटाबॉलिज्म रूप से स्वस्थ हो सकते हैं.
90,000 महिलाओं पर किए गए एक शोध के अनुसार, मोटापाग्रस्त महिलाएं जो दशकों से मेटाबॉलिज्म की दृष्टि से स्वस्थ हैं उनमें भी सामान्य वजन वाली स्वस्थ मेटाबॉलिज्म वाली महिलाओं की तुलना में दिल संबंधी बीमारियां विकसित होने का खतरा ज्यादा होता है.
मोटापा मेटाबॉलिक सिंड्रोम वाले लोगों को भी प्रभावित करता है और दिल संबंधी बीमारियों का जोखिम दोगुना कर देता है. इन बीमारियों में दिल का दौरा व स्ट्रोक शामिल है. मेटाबॉलिक सिंड्रोम में हाई ब्लड प्रेशर, खराब ब्लड शुगर नियंत्रण व असामान्य ब्ल्ड फैट शामिल है.
जर्मनी के न्यूथेएलजर्मन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन न्यूट्रिशन पोट्सडेम-रेहब्रुके (डीआईएफई) के प्रोफेसर मैथियास शुल्जे ने कहा, "हमारा शोध पुष्टि करता है कि मेटाबॉलिक रूप से स्वस्थ मोटापा नुकसानदेह स्थिति नहीं है, लेकिन दशकों से मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों से मुक्त रहने वाली महिलाओं को भी दिल संबंधी बीमारियों के बढ़े जोखिम का सामना करना पड़ता है."
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