भारत में दिनों दिन पढ़ाई का स्तर बढ़ता जा रहा है, जितनी तेजी से पढ़ाई का स्तर बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से फीस बढ़ रही है.
वडोदरा में पढाई, नौकरी या बिजनेस करते युवाओ ने "एक ख्वाहिश" नाम से ग्रुप बनाकर पस्ती की पाठशाला नाम से एक मुहिम शुरू की है. जिसमें युवा सोशल मीडिया पर अपने ग्रुप पर प्रचार कर रहे हैं और लोगों के घरों पर जाकर रद्दी यानी कि पस्ती इक्ट्ठा कर रहे हैं और इसको बेचकर गरीब बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं.
वडोदरा के सेवासी गांव के हनुमानजी मंदिर के प्रांगण मे युवा बच्चों को पढाते हैं, इस पाठशाला मे स्लम एरिया में रहने वाले बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं. खास बात ये है कि यहां पर स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों को सारा स्टडी मेटेरियल फ्री में दिया जाता है और ज्यादा से ज्यादा बच्चे यहां पर पढ़ने के लिए आए इसके लिए उन्हें नाश्ता भी दिया जाता है.
युवाओं ने पिछले 5 महीने मे 1000 किलो पस्ती लोगों से लेकर 70 से ज्यादा बच्चों को मुफ्त मे पढाया है. ग्रुप के युवा अपने रोजाना के काम के अलावा रविवार के दिन बच्चों को पढाने में निकालते हे. इस स्कूल में पहली से नवमीं कक्षा के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं.
नवमीं कक्षा की छात्रा जानवी परमार ने कहा की पस्ती की पाठशाला मे पढना अच्छा लगता है. यहां पढ़ने से रिजल्ट मे सुधार आया है. युवाओं द्वारा रद्दी इक्ट्ठा करना और फिर उससे बच्चों को शिक्षित करने की हर कोई तारीफ कर रहा है. लोगों का कहना है कि ऐसा करने से समाज में एक नया संदेश आएगा.
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