मामले पर चंबल परियोजना प्रबंध समिति जांच की मांग के साथ मामले को मुखयमंत्री तक ले जाने की तैयारी कर रही है.
1274 करोड़ की इस परियोजना में अब तक केवल 180 करोड़ का ही काम हुआ. वर्ष 2012-13 में राज्य सरकार ने चम्बल की दाई और बाई मुख्य नहर के सुदृढ़ीकरण की परियोजना के लिए 1274 करोड़ रूपए की परियोजना मंजूर की थी ये परियोजना नाबार्ड वित्त पोषित है.
इसमें तीन चरणों में काम किया जाना था इसमें अब तक चार सौ करोड़ रूपए के काम चल रहे हैं. अब तक केवल 180 करोड़ के काम हुए हैं अभियंताओ का कहना है कि नहरों की मरम्मत के लिए साल में केवल ढाई महीने का ही समय मिलता है. इस कारण काम में देरी हो रही है.
इस मामले पर चंबल परियोजना प्रबंध समिति जांच की मांग के साथ मामले को मुखयमंत्री तक ले जाने की तैयारी कर रही है.
उनका कहना हे की सीएडी के अधिकारियों की नहरों के जीर्णोद्धार और सुदृढ़ीकरण पर कोई धयान नहीं हे बजट आते ही नहरों की मरम्मत का कार्य शुरू करने के बजाये दस लग्जरी गाड़ियां खरीद ली गईं.
आपको बता दें, 1960 में चम्बल नहरी तंत्र विकसित हुआ था. मुख्य नहर की दाईं, बाईं शाखाओं, उपशाखाओ और वितरिकाओं की संख्या 63 है. दाई मुख्य नहर का सिंचित क्षेत्र 1.27 लाख हेक्टेयर है जब्कि बाई मुख्य नहर का सिंचित क्षेत्र 1.2 लाख हेक्टेयर है.
रिपोर्ट बाय- हिमांशु मित्तल, कोटा
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