हिंदी के ऐसे 10 शब्द जिनका उच्चारण बेहद कठिन, लेकिन समझना है आसान
हम हर साल 14 सितंबर (14 September) को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मनाते हैं. हिंदी हमारी मातृभाषा है. हिंदी भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है. ऐसे में आज हम हिंदी दिवस पर इस भाषा के उन शब्दों पर नजर डालते हैं जिनका उच्चारण बेहद कठिन है.
नई दिल्ली: हमारे देश में हर साल अलग-अलग दिवस मनाए जाते हैं जैसे शिक्षक दिवस, बाल दिवस, स्वतंत्रता दिवस आदि. इसी तरह हम हर साल 14 सितंबर (14 September) को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मनाते हैं. हिंदी हमारी मातृभाषा है. हिंदी भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है. आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था. इसके बाद से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
ऐसे में आज हम हिंदी दिवस पर इस भाषा के उन शब्दों पर नजर डालते हैं जिनका उच्चारण बेहद कठिन है. या यू कहें कि हमने इन शब्दों का प्रयोग बोलचाल में करना बंद कर दिया है. इसलिए ये शब्द हमें कठिन लगते हैं...
बोलने में कठिन शब्द

किंकर्तव्यविमूढ़
संधि-विच्छेद = किम् (क्या) + कर्तव्य (कार्यभार या ज़िम्मेदारी) + विमूढ़ (असमंजस की स्थिति)
अर्थ = अवाक रह जाना, पशोपेश में पड़ना.
हिंदी के कठिन शब्द

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हिंदी के कठिन शब्द

सकारात्मकता
संधि-विच्छेद = सु (अच्छा) + कार्य (काम) +आत्मकता (से सम्बंधित)
अर्थ = किसी संभावित कार्य या घटना के लिए आशावादी दृष्टिकोण रखना.
सकारात्मक एक तद्भव शब्द है, जो निश्चित रूप से सुकार्यात्मक से बिगड़कर बना है. ‘स’ या ‘सु’ उपसर्ग का प्रयोग ‘अच्छा’ के लिए किया जाता है. सकारात्मकता आशावाद का सूचक है.
हिंदी के कठिन शब्द

भग्नावशेष
संधि-विच्छेद = भग्न (टूटे हुए) + अवशेष (टुकड़े या हिस्से)
अर्थ = किसी वस्तु या अट्टालिका के टूटे हुए हिस्से
यह शब्द भग्न और अवशेष से मिलकर बना है और इसका प्रयोग प्रायः पुरातत्व (प्राचीन) काल की वस्तुओं, जो कि अब जर्जर अवस्था में हैं, के लिए किया जाता है. हालांकि, यह कोई नियम नहीं है, इसीलिए आप किसी भी वस्तु के टूटे हुए हिस्सों को इंगित करने के लिए ‘भग्नावशेष’ शब्द प्रयोग में ला सकते हैं.
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असहिष्णु
संधि-विच्छेद = अ (नहीं) + सहिष् (सहन करना)+ नु (वाला)
अर्थ = जिसमें सहनशीलता नहीं हो.
भारत को एक सहिष्णु देश कहा जाता है. यह शब्द बस इसी सहिष्णुता के विलोम अर्थ को प्रतिनिधित्व करता है. ‘अ’ उपसर्ग लगाकर किसी शब्द में नकारात्मकता लायी जा सकती है. जो सहिष्णु, अर्थात सहनशील ना हो, उसे असहिष्णु कहते हैं.
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अथाह
संधि-विच्छेद = अथ (लगातार / अनंत) + अह (विस्मय)
अर्थ = विस्मय करने योग्य गहरा / बहुत (अनंत रूप से गहरा)
तीन अक्षरों का यह शब्द देखने में भले ही सरल लगे, परन्तु सच इसका उल्टा ही है. जहाँ ‘थ’ दंत्य वर्ण (दांतों से बोला जाने वाला) है, वहीं ‘ह’ कंठ्य वर्ण (गले से बोला जाने वाला) है, जिसके कारण आपको इसे बोलने में ‘अथाह’ परेशानी हो सकती है. अथाह का अर्थ गहन या ‘अंतहीन रूप से गहरा’ होता है.
हिंदी के कठिन शब्द

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