पाकिस्तान में आम आदमी के लिए कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तानी करेंसी बहुत ही ज्यादा खस्ताहाल हो गई है, जिसकी कीमत पाकिस्तानियों को चुकानी पड़ रही है.
खास बात ये है कि इन दिनों मुस्लिम धर्म का सबसे पवित्र महीना रमजान चल रहा है. ऐसे में फलों, दूध, सब्जियों के दाम बढ़ने से आम आदमी परेशान है. घरेलू सामान के अलावा इंपोर्टेड फूड आइटम्स की कीमतें बढ़ने लगी है. इंपोर्टेड फूड आइटम्स की कीमतें 15 से 20 फीसदी तक बढ़ गई है. इसलिए कई इम्पोर्टर्स ने पाकिस्तान में इंपोर्टेड फूड आइटम्स की बिक्री रोक दी है.
रमजान के बाद मनाई जाने वाली ईद भी इस बार पाकिस्तान में फीकी रहने वाली है. पाकिस्तान में पिछले एक सप्ताह में दूध के दाम दो गुणे हो गए हैं. इस वक्त पाकिस्तान में एक किलो दूध की कीमत 100 से 150 रुपये है. वहीं चीनी 80 से 90 रुपये किलो बिक रहा है. बता दें कि पाकिस्तान में चीनी का काफी उत्पादन होता है, ऐसे में वहां पर चीनी के दाम बढ़ना एक बड़ी बात कही जा रही है.
पाकिस्तान के अखबार डॉन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, कराची होससेलर्स ग्रोसर्स एसोसिएशन (KWGA) के चीफ अनिस मजीद का कहना है कि रुपये-डॉलर में अनिश्चितता से इंपोर्ट कॉस्ट बढ़ गया है जिसका असर पाकिस्तानियों पर बहुत ही खराब पड़ेगा.
उन्होंने कहा, हम पोर्ट्स से गुड्स को हटाकर गोडाउन में शिफ्ट कर रहे हैं. हालांकि हम इन आइटम्स को होलसेल मार्केट में नहीं बेंचेगे क्योंकि इसका वाजिब दाम नहीं मिल पाएगा.
इतना ही पाकिस्तान में कई सारी कंपनियां जो ऑफर देती है, उन्हें भी वापस देने की बात कह रहे हैं. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान वनस्पति मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (PVMA) के चेयरमैन तारिक उल्लाह सुफी ने कहा, वेलेटाइल एक्सचेंज रेट का पाकिस्तान पर निगेटिव इम्पैक्ट पड़ेगा. इसलिए हम अगले हफ्ते से घी और कुकिंग ऑयल पर 5 रुपये प्रति किलो/लीटर छूट वापस लेने की सोच रहे हैं.
पाकिस्तान में अब फल और सब्जी खाना आम लोग के बस में नहीं. वहां 360 रुपये दर्जन संतरे, 150 रुपये दर्जन केले, नींबू और सेब 400 रुपये किलोग्राम बिक रहे हैं. वहीं मटन का भाव 1100 रुपये किलो तो चिकन 320 रुपये किलो पहुंच गया है, जबकि एक लीटर दूध के लिए 120 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं.
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