नासा वैज्ञानिकों ने खोज निकाला 'सुपर अर्थ'
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नासा वैज्ञानिकों ने खोज निकाला 'सुपर अर्थ'

नासा ने कहा है कि केपलर अंतरिक्ष दूरबीन ने हमारे सौर तंत्र से बाहर एक ऐसे ग्रह की मौजूदगी की पहली बार पुष्टि की है जिस पर जीवन हो सकता है।

वाशिंगटन : जीवन की संभावना वाले पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज में एक कदम और आगे बढ़ते हुए नासा ने कहा है कि केपलर अंतरिक्ष दूरबीन ने हमारे सौर तंत्र से बाहर एक ऐसे ग्रह की मौजूदगी की पहली बार पुष्टि की है जिस पर जीवन हो सकता है। इस वर्ष की शुरूआत में फ्रांसीसी खगोलविदों ने पहली बार एक ऐसे ग्रह के मिलने की पुष्टि की थी जिस पर जीवन के लिए जरूरी सभी चीजें मौजूद थी। लेकिन पहली बार 2009 में खोजा गया केपलर-22बी पहला ऐसा ग्रह है जिसकी पुष्टि अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी ने की है।

 

पुष्टि करने का अर्थ है कि खगोलविदों ने इसे इसके सितारे के सामने से गुजरते हुए तीन बार देखा है। लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि खगोलविदों को यह जानकारी है कि जीवन वहां पाया जा रहा है। इसका अर्थ सिर्फ इतना भर है कि जीवन के पाए जाने के लिए वहां परिस्थितियां अनुकूल हैं। ऐसे ग्रह की दूरी सितारे से ठीक उतनी होती है, जितनी दूरी पर उस ग्रह में पानी पाया जा सके। इसके अलावा जीवन को धारण करने के लिए वहां सही तापमान और वातावरण भी होता है।

 

नासा आमेस अनुसंधान केन्द्र में केपलर के प्रधान शोधकर्ता बिल बोरूची ने कहा, ‘केपलर-22बी के रूप में हमें एक ऐसा ग्रह मिल गया है जिस पर सभी उपयुक्त परिस्थितियां हैं। हम आश्वस्त हैं कि इस ग्रह पर जीवन की तमाम परिस्थितियां हैं और अगर इस पर सतह मौजूद है, तो यहां का तापमान इसके अनुकूल होना चाहिए।’
पृथ्वी से लगभग 600 प्रकाश वर्ष दूर अपने सितारे के चारों ओर घूर्णन कर रहा केपलर-22बी हमारे ग्रह से 2.4 गुणा बड़ा है जिसके कारण इसे उन ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है, जिन्हें ‘सुपर-अर्थ’ कहा जाता है। यह ग्रह अपने सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने में 290 दिन का समय लेता है।

 

अनुमान लगाया गया है कि सतह के निकट इस ग्रह का तापमान 72 डिग्री या 22 सेल्सियस होगा। हालांकि वैज्ञानिकों को यह जानकारी नहीं है कि यह ग्रह चट्टानों से भरा है या यह गैस अथवा तरल अवस्था में है।
नासा ने यह भी घोषणा की है कि केपलर दूरबीन ने ऐसे 1094 ग्रहों की खोज की है जिन पर जीवन हो सकता है। इससे पहले यह संख्या इसकी आधी थी। केपलर नासा का पहला ऐसा अभियान है जो हमारे जैसे सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा रहे ग्रहों की खोज कर रहा है और इस अभियान पर 60 अरब डालर खर्च किए जा रहे हैं। (एजेंसी)

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