आज भारत सहित पूरी दुनिया में 5वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की राजधानी रांची में योग अभ्यास किया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात हो चुके योग के फायदे हर कोई जानता है और जो नहीं जानता है वह इसको जानने के लिए उत्सुक है.
तिरुमलाई कृष्णमचार्य भारत के उन चंद योग गुरुओं में शामिल हैं, जिन्हें योग और आयुर्वेद दोनों का ज्ञान था. इतिहास के पन्नों को पलट कर देखा जाए तो मैसूर के महराजा के राज में कृष्णमचार्य ने योग को बढ़ावा देने के लिए पूरे भारत का दौरा किया था. तिरुमलाई कृष्णमचार्य को अपनी सांसों की गति पर नियंत्रण रखना भी बखूबी आता था.
स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कर्म योग, ज्ञान योग, भक्ति योग और राज योग को मिलाकर एक नए योग से दुनिया को परिचय कराया. उन्होंने योग, वेदांत और अन्य विषयों पर 200 से ज्यादा किताबें लिखीं. योग गुरु बनने से पहले वह मलयेशिया में डॉक्टर थे. (फोटो साभार : ट्विटर/@mscator)
बी.के.एस अयंगर ने पतंजिल योग को फिर से परिभाषित किया और 'अयंगर योग' से दुनिया का परिचय कराया. वह कृष्णमचार्य के शिष्यों में से एक हैं और उन्होंने योग को विदेशों में फैलाया. (फोटो साभार : ट्विटर/@UKIYENGARYOGA)
कृष्ण पट्टाभी जोयीस भी एक बड़े योगगुरु थे. उन्होंने अष्टांग विन्यास योग शैली विकसित की थी. उनके अनुयायियों में मडोना, स्टिंग और ग्वेनेथ पाल्ट्रो जैसे बड़े नाम शुमार थे.
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