INDvsAUS: जानिए क्या हैं भारत के ऑस्ट्रेलिया में सीरीज का पहला टेस्ट जीतने के मायने
भारत ने 71 सालों में पहली पारी ऑस्ट्रेलिया में किसी सीरीज का पहला टेस्ट जीता है, यह जीत टीम इंडिया के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है.
मनोबल की जीत
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इस जीत से सबसे बड़ा बदलाव यह आएगा कि टीम इंडिया का मनोबल अब काफी बढ़ जाएगा. अब से पहले टीम इंडिया जब भी ऑस्ट्रेलिया जाती थी, टीम का मनोबल पहले से ऊंचा नहीं रहता था. रिकॉर्ड भी टीम इंडिया को कमजोर साबित करते थे, लेकिन इस मैच में टीम इंडिया ने वह मैच जीता जो एक तरफा मैच तो था ही नहीं बल्कि उसे जीत के लिए कड़ा मुकाबला करना पड़ा. जीत का 31 रनों का अंतर इसका गवाह है. (फोटो: PTI)
केवल ऑस्ट्रेलिया को ही नहीं मिलता हालातों का फायदा
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इस मैच में सबसे बड़ी बात देखने को जो मिली वह यह भी रही की टीम इंडिया के गेदंबाजों ने हालातों का जमकर फायदा उठाया. अब ऐसा केवल ऑस्ट्रेलियाई टीम करती आ रही थी. पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया की पारी 235 रनों पर सिमटी और टीम इंडिया को 15 रनों की बढ़त मिली. दूसरी पारी में भी टीम इंडिया को केवल 16 रनों से आगे रही. यानी मैच बराबरी का था. यह जीत टीम इंडिया के गेंदबाजों को एक खास विश्वास देने वाली है. (फोटो: Reuters)
नामुमकिन नहीं है ऑस्ट्रेलिया में बल्लेबाजी करना भारतीय बल्लेबाजों के लिए
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इस मैच में चेतेश्वर पुजारा की बल्लेबाजी ने टीम इंडिया को एक अहम सबक दिया. ऑस्ट्रेलिया में बल्लेबाजी करना मुश्किल नहीं है. पुजारा ने पहली पारी में 123 रन और दूसरी पारी में कीमती 71 रनों की पारी खेली. वे मैच के एकमात्र शतक लगाने वाले खिलाड़ी रहे और मैच में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे. उन्होंने अपने खास अंदाज में बल्लेबाजी को की ही लेकिन जरूरत पड़ने पर तेजी से रन भी बनाए. पुजारा की पारी टीम इंडिया के बाकी बल्लेबाजों के लिए प्रेरणा साबित होगी. यह बात टीम इंडिया की दूसरी पारी में भी दिखी. (फोटो: Reuters)
यूं है यह जीत ऐतिहासिक
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भारत एशिया की दूसरी टीम है. जिसने किसी टेस्ट सीरीज में आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में जीत हासिल की है. इससे पहले पाकिस्तान ने 1978-79 में ऐसा किया था. इसके अलावा भारत को पहली बार आस्ट्रेलिया में खेली गई टेस्ट सीरीज के पहले मैच में जीत हासिल हुई है और अब तक ऑस्ट्रेलिया में भारत के हुए 45 टेस्ट मैचों में भारत की यह छठी जीत है. यह जीत ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया को 15 साल बाद मिली है. (फोटो: Reuters)
पहली बार दिखा गेंदबाजी में शानदार टीम वर्क
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भारतीय क्रिकेट के इतिहास में शायद यह पहली बार ही हुआ होगा जब टीम के हर एक गेंदबाज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत में बढ़िया योगदान दिया. दोनों पारियों में अश्विन और बुमराह ने कुल छह-छह विकेट लिए. मोहम्मद शमी ने पांच और ईशांत शर्मा ने तीन विकेट लिए. विकेटों के अलाव चारों गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की और ऑस्ट्रेलिया को खुलकर खेलने के मौके नहीं दिए. हालाकि ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम ने बढ़िया बल्लेबाजी करते हुए हार का अंतर काफी कम कर दिया, लेकिन जीत भारतीय गेंदबाजों के धैर्य की ही हुई. (फोटो: Reuters)
टीम वर्क का बेमिसाल नमूना
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इस मैच में, अगर पहली पारी को छोड़ दिया जाए तो, टीम इंडिया के गेंदबाजो के अलावा भारतीय बल्लेबाज भी टीम वर्क का नमूना पेश करते दिखे, खासकर दूसरी पारी में. पुजारा दूसरी पारी में भी सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय खिलाड़ी रहे लेकन उनके अलावा रहाणे के 71 रन, लोकेश राहुल के 44 रन, विराट कोहली के 34 रन, पंत की ताबड़तोड़ 28 रनों की पारियां बड़ी न सही लेकिन टीम का स्कोर 307 करने में अहम साबित हुई. अगर इस तरह का टीम वर्क, विराट सेना आगे ले जा पाई तो विराट कोहली अपनी कप्तानी में और इतिहास रच सकते हैं. (फोटो: PTI)
ये चुनौतियां अब हैं कायम
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इस मैच में टीम इंडिया की कुछ कमजोरियां भी नजर आईं जो काफी पुरानी हैं. इनमें सबसे बड़ी है टीम इंडिया के निचले क्रम की नाकामी. इस मैच में निचले क्रम ने बल्लेबाजी में खासा निराश किया. दूसरी पारी में टीम इंडिया के चार विकेट केवल चार पर गिरे और वे भी बल्ले से नहीं निकले थे. निचला क्रम रन बनाने में लंबे समय से बुरी तरह से नाकाम रहा है. इसके अलावा टीम इंडिया के गेंदबाज भी विरोधी टीम के निचले क्रम को जल्द समेटने में नाकाम रहे हैं. इन दो समस्याओं पर विराट को आगे ध्यान देना ही होगा. (फोटो: Reuters)
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