गुस्से पर काबू पाने के लिए पीएम मोदी के उपाय हैं सबसे अलग
अक्षय ने पीएम मोदी से कहा, 'जब पहली बार मेरी मुलाकात आप से हुई थी तो उस वक्त आप गुजरात के सीएम थे. उस वक्त मैंने आपको एक चुटकुला सुनाया था और आपने भी मुझे एक चुटकुला सुनाया था. तो क्या पीएम बनने के बाद आपके स्वभाव में कोई अंतर आया है, क्योंकि बाहर आपकी छवि काफी कड़े स्वभाव वाली है.'
नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला गैर-राजनीतिक इंटरव्यू बुधवार को बॉलीवुड के 'खिलाड़ी' अक्षय कुमार लेते हुए नजर आए. इस दौरान पीएम मोदी काफी रिलैक्स नजर आएं और अक्षय के सभी सवालों का जवाब उन्होंने खुलकर दिया. इसी दौरान जब अक्षय ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या उन्हें गुस्सा आता है, तो उन्होंने कहा कि आमतौर पर तो गुस्सा नहीं आता और अगर कभी आता है तो उस पर काबू पाने के लिए वह एक उपाय करते हैं, जिससे उनका गुस्सा शांत हो जाता है.
पीएम मोदी ने कहा कि अगर किसी बात पर उन्हें गुस्सा आता है, तो वह एक कागज लेते हैं और उस पर पूरा कहानी लिखते हैं... फिर उस कागज को फाड़कर फेंक देते हैं. उसके बाद फिर एक कागज लेते हैं और फिर उस पर पूरी कहानी लिखते हैं और पहले की तरह ही उसे भी फाड़कर फेंक देते हैं. इससे पीएम मोदी का गुस्सा उस कागज के साथ ही जल जाता है.
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क्या कड़े स्वभाव वाले हैं पीएम मोदी

मैं काम के समय काम में रहता हूंः पीएम मोदी

इस सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा बिलकुल भी नहीं है, क्योंकि उनके बारे में गलत छवि बनाई गई है. उन्होंने कहा कि वह कड़े स्वाभाव के नहीं हैं. दरअसल, उनके आसपास वर्क कल्चर डवलप होता है. वह मेरे काम करने की वजह से होता है. मैं काम के समय काम में रहता हूं. मान लीजिए मैं मीटिंग में हूं और तभी किसी का फोन रिंग होता है. फिर उसका ध्यान उसके फोन पर होता है. ऐसे में मैं उनसे पूछ लेता हूं कि अच्छा बताओ अभी मैं क्या बोल रहा था. उसके बाद फिर कोई भी मीटिंग में फोन लेकर नहीं आता.
कभी आपने सोचा था कि आप प्रधानमंत्री बनेंगे?

क्या आप संन्यासी बनना चाहते थे

क्या आप संन्यासी बनना चाहते थे, आप सेना में भर्ती होना चाहते थे? अक्षय के इस सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, '1962 की लड़ाई के दौरान मेहसाणा स्टेशन पर जब जवान जाते थे तो मैं भी चला जाता था. मन को खुशी होती थी. गुजरात में सैनिक स्कूल के बारे में जाना और मैं भी उसमें भर्ती होना चाहता था. हमारे मोहल्ले में एक प्रिंसिपल रहते थे. मैं उनके पास चला गया. मैं कभी भी बड़े आदमी से मिलने से पहरेज नहीं करता था. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं पीएम बनूंगा.'