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सचिन ने किया गाइड, माता-पिता अपने बच्चों के सपने सच पूरा होने में कैसे मदद करें


दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने माता पिता को सलाह दी है कि उन्हें बच्चों को उनके सपने के पीछे भागने देना चाहिए. 

माता पिता को बनना है बच्चों की ताकत

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माता पिता को बनना है बच्चों की ताकत

सचिन ने कहा कि बच्चें गलतियां करेंगे लेकिन माता-पिता को इस दौरान उनकी ताकत बनना है. सचिन ने कहा, "वह गलतियां करेंगे, लेकिन उनके पंख मत काटिए. उनकी ताकत बनिए, उन्हें समक्षिए, उनके साथ खड़े रहिए. बच्चों पर अपने सपने मत थोपिए, उन्हें अपने सपने पूरे करने दीजिए."

तैयारी पर जोर

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तैयारी पर जोर

सचिन ने अपने संदेश में तैयारी की महत्वता पर जोर दिया और कहा कि अगर बच्चे तैयारी नहीं करेंगे तो असफल रहेंगे. सचिन ने कहा, "हमारी अपनी समस्याएं होती हैं, लेकिन हमारे जुनून के कारण हमारा ध्यान बंट जाता है. ध्यान हमेशा समस्या के समाधान ढूढ़ने पर होना चाहिए न कि समस्या पर.”

हर चीज की तैयारी करने की जरूरत

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हर चीज की तैयारी करने की जरूरत

तैयारी की अहमित बताते हुए सचिन ने कहा, “हर चीज के लिए तैयारी की जरूरत होती है. अगर आप तैयारी करने में असफल होते हैं तो आप असफल होने के लिए तैयारी कर रहे हैं. इस बात को समझिए. हमें हर चीज के लिए तैयारी करनी होती है. मुझे भी हर मैच के लिए तैयारी करनी पड़ती थी."

सफलता की कोई गारंटी नहीं होती

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सफलता की कोई गारंटी नहीं होती

सचिन ने कहा कि सफलता की कोई गारंटी नहीं होती, लेकिन मेहनत और अपने जुनून से बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है. दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, "सफलता की कोई गारंटी नहीं होती, लेकिन अगर आप ईमानदारी और प्रतिबद्धता से मेहनत करते हैं तो आप एक दिन जरूर अपने माता-पिता को गर्व करने का मौका देंगे. तैयारी में हमेशा अपना 100 फीसदी दीजिए. परिणाम आपका साथ देंगे."

युनिसेफ के ब्रांड एम्बेसेडर हैं सचिन

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युनिसेफ के ब्रांड एम्बेसेडर हैं सचिन

सचिन यूनिसेफ के गुडविल ब्रांड एम्बेसेडर हैं. बाल दिवस के अवसर पर बच्चों को संबोधित करने के बाद उन्होंने बच्चों के साथ एक प्रदर्शनी फुटबाल मैच में भी हिस्सा लिया.

पहले बाल दिवस पर कार्यक्रम कर चुके हैं सचिन

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पहले बाल दिवस पर कार्यक्रम कर चुके हैं सचिन

 पिछले साल भी सचिन बाल दिवस के अवसर पर एक प्रदर्शनी मैच खेल चुके हैं. सचिन यूनिसेफ के अलावा भी चेरिटी करते रहते हैं. ट्विटर पर भी वे काफी सामाजिक संदेश देते रहते हैं. 

खेल पढ़ाई में अनिवार्य हो

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खेल पढ़ाई में अनिवार्य हो

सचिन पिछले कुछ समय से देश के शिक्षा में खेल को बच्चों की पढ़ाई को अनिवार्य हिस्सा बनाने के लिए भी प्रयासरत हैं. सचिन चाहते हैं कि स्कूली बच्चों को दिन में एक घंटा खेल के लिए अनिवार्य किया जाए. 

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