यहां हम आपको एक-एक कर देश के सभी प्रमुख समाचार पत्रों की बड़ी खबर से रू-ब-रू करवाएंगे.
दैनिक भास्कर: दैनिक भास्कर के शनिवार के अंक में पहले पन्ने पर छपी एक खबर बताती है कि देश में आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस जैसी सरकारी सुविधाओं को पाने के लिए पिछले 12 महीनों में 27% लोगों को रिश्वत देनी पड़ी है. खबर में दावा किया गया है कि हालात यह हैं कि देश के महज 13 राज्यों में 11 सरकारी सेवाओं को हासिल करने के लिए लोगों को करीब 2800 करोड़ रुपए की घूस देनी पड़ी. खबर के मुताबिक इसमें अदालत में पसंद की तारीख पाने, पानी-बिजली का कनेक्शन लेने, ट्रैफिक रूल तोड़ने पर चालान से बचने, एफआईआर लिखवाने, जमीन-जायदाद के कागजात की कॉपी लेने और बैंक से लोन लेने जैसे कामों के लिए घूस देनी पड़ी. खबर में दावा किया गया है कि महज चार साल पहले अस्तित्व में आया तेलंगाना बीते साल सबसे भ्रष्ट राज्य रहा. चौंकाने वाली बात यह है कि तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्य भ्रष्टाचार या घूस लेने-देने के मामले में दिल्ली और बिहार से भी ज्यादा भ्रष्ट साबित हुए हैं.
अमर उजाला: अमर उजाला के शनिवार के अंक में प्रमुखता के साथ छापी गई एक खबर में बताया गया है कि जल्द ही आप दिल्ली से मेरठ सिर्फ 55 मिनट में पहुंच जाएंगे. खबर में दावा किया गया है कि दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को जल्द ही विश्वस्तरीय हाईस्पीड रैपिड ट्रेन की सुविधा मिलने वाली है. खबर के मुताबिक इस रैपिड ट्रेन की रफ्तार मेट्रो से करीब तीन गुना अधिक यानि करीब 180 किमी. प्रति घंटा की होगी. खबर में आगे यह भी बताया गया है कि रैपिड ट्रेन दिल्ली से मेरठ के बीच की 82 किमी. की दूरी तय करने में सिर्फ 55 मिनट का वक्त लेगी जबकि पानीपत का करीब 111 किमी. का सफर 74 मिनट में पूरा हो जाएगा. वहीं राजस्थान के अलवर की दिल्ली से 180 किमी. की दूरी तय करने में इस रैपिड ट्रेन को करीब 117 मिनट लगेंगे.
नवभारत टाइम्स: नवभारत टाइम्स में छपी एक खबर में दावा किया गया है कि सियासत के खेल से मुंबई के झोपड़े वालों के अच्छे दिन आने वाले हैं. खबर में बताया गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई महानगर के उन झोपड़े वालों को झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना (एसआरए) में मकान पाने का 'पात्र' बना दिया है, जिनके पास 2011 से पहले झोपड़ा बना होने के दस्तावेज हैं. खबर के मुताबिक अभी तक दिसंबर 2000 तक बने झोपड़े ही कागजात की पड़ताल के बाद एसआरए योजना के तहत मुफ्त मकान पाने के 'पात्र' ठहराए जाते थे. अब एसआरए कानून में बदलाव करके 2001 से 2011 तक के बने झोपड़ों को भी पात्र बनाया गया है. खबर में बताया गया है कि 16 मई को सरकारी आदेश जारी करके इसे लागू किया गया है. खबर में कहा गया है कि मुंबई में झोपड़े वाले एक बड़ा वोट बैंक हैं, जिस पर हर पार्टी की नजर रहती है. भाजपा सरकार 13.5 लाख झोपड़े वालों को घर की सौगात देकर उन्हें साधना चाहती है.
दैनिक जागरण: दैनिक जागरण के शनिवार के अंक के पहले पन्ने पर प्रमुखता के साथ छापी गई एक खबर में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगले खाली कराने के आदेश पर केवल केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ही इच्छाशक्ति दिखाते हुए खुद बंगला खाली कराना शुरू कर दिया है. खबर के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवास खाली कराने के लिए मचे घमासान के बीच केंद्रीय गृहमंत्री और स्थानीय सांसद राजनाथ सिंह ने ही नैतिक साहस दिखाया और उन्होंने मुख्यमंत्री के ठीक बगल वाले चार, कालिदास मार्ग के आवास को खाली कराना शुरू भी कर दिया. खबर में दावा किया गया है कि राजनाथ सिंह अब गोमतीनगर के विपुल खंड स्थित अपने 200 वर्गमीटर के निजी आवास में रहेंगे. यही नहीं खबर में यह भी कहा गया है कि उन्होंने अपने पुत्र व विधायक पंकज सिंह के नाम पर चार कालिदास मार्ग वाले बंगले को आवंटित कराने से भी इनकार कर दिया है. बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आते ही उन्होंने मुख्यमंत्री को फोन करके घर खाली करने की इच्छा जताई थी.
हिन्दुस्तान: हिन्दुस्तान के शनिवार के अंक में छपी एक खबर के मुताबिक पूर्व राजनयिक माधुरी गुप्ता पाकिस्तान की जासूस साबित हो गई हैं. खबर में बताया गया है कि माधुरी को पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई से संवेदनशील जानकारी साझा करने और राष्ट्रीय हितों के साथ समझौता करने का दोषी पाया गया है. खबर में बताया गया है कि वह इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में तैनात थी. खबर में दावा किया गया है कि पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा की अदालत ने 61 वर्षीय पूर्व राजनयिक को सरकारी गोपनीयता कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया है. इसके अलावा खबर में यह भी बताया गया है कि माधुरी की सजा पर बहस के लिए कोर्ट ने शनिवार का दिन तय किया है. खबर के मुताबिक माधुरी गुप्ता को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने 22 अप्रैल, 2010 को पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करने और आईएसआई के दो अधिकारियों मुबशर रजा राणा और जमशेद के संपर्क में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
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