बुराड़ी केस में नया सवाल, मोक्ष के बहाने क्या दिया गया था परिवार को धोखा?
यहां हम आपको एक-एक कर देश के सभी प्रमुख समाचार पत्रों की बड़ी खबर से रू-ब-रू करवाएंगे.
नई दिल्ली: यहां हम आपको एक-एक कर देश के सभी प्रमुख समाचार पत्रों की बड़ी खबर से रू-ब-रू करवाएंगे. रविवार के अखबारों की बात करें तो सभी अखबारों ने पीएम मोदी के जयपुर दौरे की खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया है.

अमर उजाला: अमर उजाला के रविवार के अंक में प्रमुखता के साथ प्रकाशित किए गए एक खबर में बताया गया है कि बुराड़ी इलाके में एक साथ 11 लोगों की मौत के मामले में छानबीन के दौरान पुलिस आशंका जता रही है कि ललित व उसकी पत्नी टीना ने परिवार के सदस्यों को फंदे पर खड़ा कर धोखे से सबके नीचे से स्टूल खींच लिए. खबर में बताया गया है कि वहां पिछले छह दिनों से बिना हाथ-पैर बांधे और बिना स्टूल पर खड़ा किए बड़-पूजा अनुष्ठान किया जा रहा था. इन छह दिनों में सभी के गलों में फंदा तो डाला जाता था, लेकिन पूजा के बाद सभी के फंदे निकाल दिए जाते थे. लेकिन 30 जून की रात ऐसा नहीं हुआ. खबर में आगे बताया गया है कि पूजा के लिए तार, स्टूल, रुई, दुपट्टे और सूती साड़ी का इंतजाम किया गया. इस दौरान ललित व टीना ने सबके हाथ-पैर बांधे और बाद में धोखे से सबके स्टूल निकाल लिए. बाद में पहले ललित व बाद में टीना भी फंदे से झूल गए.

दैनिक भास्कर: दैनिक भास्कर के रविवार के अंक में पहले पन्ने पर प्रकाशित एक खबर में बताया गया है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट के 21 जून के एक फैसले से एडवेंचर गेम्स से जुड़े व्यवासियों के चेहरे पर शिकन आ गई है. खबर में इस बात का भी दावा किया गया है कि आदेश की वजह से पर्यटक भी मायूस होकर लौट रहे हैं. खबर के मुताबिक प्रतिबंध दो हफ्तों से आगे बढ़ा तो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एडवेंचर गेम्स से जुड़े तकरीबन 3 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे. खबर में बताया गया है कि इनमें से 15 से 20 हजार लोग तो प्रत्यक्ष रूप से एडवेंचर स्पोर्ट्स के रोजगार से जुड़े हुए हैं. खबर के मुताबिक हाल ही में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने यहां रिवर राफ्टिंग, पेरा ग्लाइडिंग जैसे एडवेंचर गेम्स पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि इनके लिए पहले उचित कानून बनाएं.

दैनिक जागरण: दैनिक जागरण के रविवार के अंक में पहले पन्ने पर प्रकाशित एक खबर के मुताबिक कुपोषण का गढ़ कहे जाने वाले मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले का दुबड़ी गांव छह साल पहले तक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले बीपीएल कार्डधारियों का गांव था. खबर में इस बात का दावा किया गया है कि 74 आदिवासी परिवारों के पास रोजगार का कोई साधन नहीं था. जिस दिन मजदूरी न मिलती, चूल्हा न जलता. जो भी थोड़ी बहुत जमीन और जेवर थे, गिरवी रखे हुए थे. खबर में आगे बताया गया है कि गांव की सूरत अब बदल चुकी है. अब हर परिवार लखपति है और सरकार को बीपीएल कार्ड लौटाने जा रहा है. खबर के मुताबिक मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखंड कराहल का दुबड़ी गांव इस बदलाव का श्रेय गांव की महिलाओं के स्वावलंबन को देता है. खबर में इस बात का भी दावा किया गया है कि यह करिश्मा गांव की महिलाओं ने स्वसहायता समूहों से जुड़कर दिखाया.

हिन्दुस्तान: हिन्दुस्तान अखबार के रविवार के अंक में पहले पन्ने पर प्रकाशित एक खबर में बताया गया है कि सोशल मीडिया वेबसाइट ट्विटर ने पिछले मई और जून माह में सात करोड़ से अधिक फर्जी खाते बंद किए हैं. खबर के मुताबिक कंपनी ने विशेष मुहिम चलाकर ऐसे खातों की पहचान की जिनका ट्रोल और अफवाह फैलाने में इस्तेमाल हो रहा था. खबर में बताया गया है कि ट्विटर ने ये कार्रवाई राजनीतिक दबाव बढ़ने के बाद की है. खबर में यह भी बताया गया है कि दूसरे देशों से नियंत्रित हो रहे फर्जी खातों पर निगरानी नहीं रख पाने की वजह से अमेरिकी संसद ने ट्विटर की निंदा की थी. सांसदों का तर्क था कि अफवाह फैलाने वाले इन खातों के कारण अमेरिका में राजनीति प्रभावित हो सकती है. खबर के मुताबिक कंपनी ने बताया कि उसने मई माह में हर हफ्ते ऐसे 99 लाख खाते बंद किए जो इस तरह की गतिविधियों में शामिल थे. जबकि 2017 के सितंबर में यह संख्या 32 लाख और दिसंबर में यह संख्या 64 लाख थी.

नवभारत टाइम्स: नवभारत टाइम्स के रविवार के अंक में पहले पन्ने पर प्रकाशित एक खबर में बताया गया है कि गुड़गांव में पुलिस पब और बार पर सख्ती कर रही है. खबर के मुताबिक पुलिस ने पब और बार में लड़कियों की एंट्री बैन कर दी है, म्यूजिक भी आम रेस्तरां की तरह धीमे बजाने का फरमान है, तय समय से पहले 11:30 बजे ही बंद करने का दबाव डाला जा रहा है... गुड़गांव पुलिस पर ये आरोप यहां के पब और बार संचालकों ने लगाए हैं. खबर में बताया गया है कि इनका कहना है कि पुलिस के रवैये से उनका धंधा चौपट हो रहा है और शहर के ज्यादातर पब बार बंद होने के कगार पर हैं. खबर में इस बात का भी दावा किया गया है कि एमजी रोड समेत शहर के कई बार गुरुवार से खुले ही नहीं हैं, ये संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है. खबर में बताया गया है कि बार संचालकों का आरोप है कि जब से नए पुलिस कमिश्नर आए हैं, तब से 'तानाशाही' बढ़ी है.