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27 साल पुरानी एक फिल्म, जिसके लिए 50 दिनों तक नहीं नहाया था विलेन, उसको देखते ही मंडराने लगते थे गिद्ध, गब्बर-मुकेम्बो से भी ज्यादा था खूंखार

Guess This Bollywood Villain: हिंदी सिनेमा में जब भी विलेन की बात आती है तो सबसे पहले 'शोले' के गब्बर सिंह, 'मिस्टर इंडिया' के मुगैंबो जैसे किरदार याद आते हैं, लेकिन आज हम आपको 27 साल पुरानी एक ऐसी फिल्म के खूंखार विलेन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो गब्बर सिंह और मुकेम्बो से भी ज्यादा खतरनाक था, जिसको देख सच में डर लगता था. हालांकि, ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सेमी हिट मानी गई थी, लेकिन फिल्म में नजर आने वाले इस विलेन ने बाकी कलाकारों से ज्यादा ध्यान खींचा था. 

हिंदी फिल्म के खलनायक

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हिंदी फिल्म के खलनायक

हिंदी फिल्मों में जब भी खलनायकों की बात होती है, तो गब्बर सिंह और मुगैंबो के अलावा शाकाल, कांचा चीना, लायन, बिल्ला का नाम दिमाग में आता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे विलेन के बारे में बताने जा रहे हैं जो इनसे भी खतरनाक था. ये विलेन 27 साल पुरानी एक फिल्म में नजर आया था. फिल्म भले ही बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी हासिल नहीं कर पाई थी, लेकिन उसमें दिखाया गया ये किरदार इतना डरावना था कि लोग उसे देखकर सहम जाते थे. आज भी इस विलेन को याद किया जाता है. 

27 साल पहले आई थी ये फिल्म

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27 साल पहले आई थी ये फिल्म

हम यहां क्राइम थ्रिलर फिल्म 'चाइना गेट' की बात कर रहे हैं, जो 1998 में आई थी और इसे हिंसी सिनेमा के दिग्गज डायरेक्टर राजकुमार संतोषी ने डायरेक्ट किया था. फिल्म की खास बात इसकी जबरदस्त स्टारकास्ट थी. फिल्म में लगभग 20 से ज्यादा कलाकारों ने काम किया था, जिसमें ओम पुरी, नसीरुद्दीन शाह, अमरीश पुरी, डैनी डेन्जोंगपा, ममता कुलकर्णी और समीर सोनी जैसे कई बड़े नाम शामिल थे. इसके अलावा, उर्मिला मातोंडकर का मशहूर आइटम सॉन्ग 'छम्मा छम्मा' भी लोगों को खूब पसंद आया. 

50 दिनों तक नहीं नहाया था विलेन

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50 दिनों तक नहीं नहाया था विलेन

ये फिल्म बड़े कलाकारों के साथ-साथ अपनी अलग कहानी के लिए भी पसंद की गई थी. फिल्म में खूंखार विलेन ‘जगीरा’ का किरदार मुकेश तिवारी ने प्ले किया था. जिनका डायलॉग 'मेरे मन को भाया... मैंने कुत्ता काट के खाया' खूब फेमस हुआ था और आज भी इस डायलॉग पर मीम्स बनते हैं, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि अपने इस किरदार को बड़े पर्दे पर जिंदा करने के लिए वो 50 दिनों तक नहीं नहाए थे, ताकि वे किरदार में पूरी तरह ढल सकें. गंदे और डरावने लुक के लिए उन्होंने दाढ़ी नहीं बनाई और बाल भी नहीं कटवाए. 

उसको देखते ही आ गए थे कौए, चील और गिद्ध

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उसको देखते ही आ गए थे कौए, चील और गिद्ध

शूटिंग के दौरान वे परफ्यूम लगाते थे ताकि बदबू से बच सकें, क्योंकि उस बदबू से कौए, चील और गिद्ध आ जाएया करते थे.इतना ही नहीं, एक बार घुड़सवारी करते वक्त वो गिर भी गए थे, लेकिन चोट लगने के बावजूद उन्होंने शूटिंग नहीं रोकी और अपना काम पूरा किया. आज ही उनकी वो मेहनत और समर्पण फिल्म में साफ झलकता है. ये मुकेश तिवारी की पहली फिल्म थी. हालांकि, ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट नहीं बन पाई, लेकिन फिल्म का खलनायक ‘जगीरा’ हमेशा याद रहेगा. लोगों को खूब याद रह गया. 

सेमी हिट बनकर रह गई थी ये फिल्म

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सेमी हिट बनकर रह गई थी ये फिल्म

बताया जाता है कि 'चाइना गेट' उस वक्त की सबसे महंगी फिल्मों में से एक थी. इसका बजट करीब 20 करोड़ रुपये था, जो 1998 के हिसाब से बहुत बड़ा था. भारत में फिल्म ने करीब 12.65 करोड़ रुपये की नेट कमाई की थी और विदेशों में लगभग 0.54 करोड़. वर्ल्डवाइड इस फिल्म ने टोटल 22.20 करोड़ रुपये कमाए थे. पहले हफ्ते में इसने 3.54 करोड़ रुपये की कमाई की थी. इतनी बड़ी स्टारकास्ट और बजट के बावजूद फिल्म उम्मीदों पर पूरी तरह खरी नहीं उतर सकी, लेकिन इसका गाना 'छम्मा छम्मा' आज भी सुपरहिट है.

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