अगर आप वीकेंड पर कुछ नया और यादगार करना चाहते हैं, तो शॉपिंग मॉल या कैफे में समय बिताने की बजाय क्यों न दिल्ली की उन ऐतिहासिक जगहों का रुख करें, जो न सिर्फ आपको सुकून देंगी बल्कि भारत के गौरवशाली इतिहास से भी रूबरू कराएंगी. राजधानी दिल्ली अपने अतीत की कहानियों को आज भी इमारतों, किलों और महलों की शक्ल में संजोए हुए है. चलिए जानते हैं दिल्ली की 5 ऐसी ऐतिहासिक जगहों के बारे में, जहां आपका वीकेंड बन जाएगा बेहद खास और यादगार.
मुगल स्थापत्य का बेहतरीन उदाहरण, हुमायूं का मकबरा यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है. 1570 में बनी यह इमारत मुगलों के स्थापत्य की शुरुआत का प्रतीक मानी जाती है. इसकी खूबसूरती, बगीचों और लाल बलुआ पत्थर से बनी संरचना आपको इतिहास की गहराइयों में ले जाती है.
पांडवों की इंद्रप्रस्थ नगरी से जुड़ा यह किला दिल्ली के सबसे पुराने किलों में गिना जाता है. शेरशाह सूरी द्वारा बनवाया गया यह किला इतिहास प्रेमियों और पिकनिक मनाने वालों दोनों के लिए परफेक्ट जगह है.
अगर आप इतिहास और मॉडर्निटी का कॉम्बिनेशन एक साथ देखना चाहते हैं, तो हौज़ खास विलेज एक बेहतरीन विकल्प है. यहां एक ओर 13वीं सदी का फिरोज शाह तुगलक का बनवाया हुआ जलाशय है, तो दूसरी ओर आर्ट गैलरी, कैफे और डिजाइनर स्टोर्स भी हैं.
18वीं सदी में बनवाया गया यह खगोलीय वेधशाला अपने आप में अनोखी है. यहां मौजूद ज्योमेट्रिकल स्ट्रक्चर सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों की चाल का सटीक अनुमान लगाने के लिए बनाई गई थीं. बच्चों के साथ इस जगह पर आकर आप विज्ञान और इतिहास दोनों से उन्हें रूबरू करा सकते हैं.
1321 में बना यह विशाल किला आज खंडहर में तब्दील हो चुका है, लेकिन इसकी दीवारें अब भी तुगलक वंश की ताकत और वास्तुशिल्प की कहानी कहती हैं. भीड़ से दूर, शांति से इतिहास से मिलने के लिए यह एक बेहतरीन जगह है.
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