Saurabh Shukla Struggle Days: बॉलीवुड एक्टर सौरभ शुक्ला ने हाल ही में अपने संघर्षों के दिनों को याद किया. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने बताया कि मेरी अभिनय में रुचि खत्म हो गई थी. रणबीर कपूर से मिलने के बाद अभिनय में रुचि दोबारा शुरू हुई.
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Saurabh Shukla Struggle Days: 'जॉली एलएलबी 3' की रिलीज के बाद से लेखक और एक्टर सौरभ शुक्ला काफी सुर्खियों में बने हुए हैं. हाल ही में सौरभ शुक्ला ने अपने जीवन के उस दौर को याद किया, जब उनकी अभिनय में रुचि ही लगभग खत्म हो गई थी. उन्होंने बताया कि एक दौर ऐसा आया था जब उन्हें फिल्मों में केवल छोटे-मोटे किरदार ही मिलते थे, जिससे वह काफी निराश हो जाते ते. हालांकि 'बर्फी' की शूटिंग के दौरान वह रणबीर कपूर से मिले और उनको अभिनय में दोबारा मजा आने लगा. अपने इंटरव्यू में सौरभ शुक्ला ने कई मुद्दों पर बातें की.
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हाल ही में सौरभ शुक्ला ने एएनआई को इंटरव्यू दिया. इस दौरान एक्टर से पूछा गया कि कभी ऐसा सेल्फ डाउट हुआ है कि इतने सालों से कर रहा हूं इन लोगों को अवॉर्ड मिल गया और मुझे नहीं. इस पर सौरभ शुक्ला ने जवाब देते हुए कहा कि मैं इस बात पर ज्यादा बॉस नहीं करना चाहूंगा, लेकिन मेरे ख्याल से आई थिंक मैंने अपने 40 साल के करियर में कभी इस बारे में नहीं सोचा, हां जिंदगी में एक लंबा पीरियड रहा है कि आप दूसरे की तरफ देखते है और कहते ही कि वो कहा पहुंच गया और मैं कहां हूं. लेकिन इस जर्नी का कोई मतलब नहीं होता है. आपकी जर्नी आपकी जर्नी है. आप जहां जा रहे हैं वहां जा रहे हैं. इस बात से फर्क पड़ता है कि आप अपनी जर्नी से हैप्पी है या नहीं.
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उन्होंने आगे कहा कि हमें सारी चीजें नहीं मालूम होती है. जैसे कि मैं आपको एक छोटा सा डेविएट करके बताता हूं. एक वक्त था मेरी जिंदगी में साल 2001 से 2010 के बीच में, 9 साल का एक दौर था. जब मेरे करियर में इतनी उठान नहीं थी. ऐसे ज्यादा रोल्स नहीं मिल रहे थे, जो मिल रहे थे उसमें ज्यादा कुछ दिखाने को था नहीं और मैं काफी अकेला महसूस करता था. मुझे हमेशा ऐसा लगता था कि क्या है बल्कि सेल्फ डाउट की जहां तक बात है मैंने अपने आप से ये तक पूछा था कि सौरभ तुम वाकई में टैलेंटेड हो या तुम्हें लगता है कि तुम टैलेंटेड हो.
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सौरभ शुक्ला ने आगे बताया फिर जब बर्फी और जॉली एलएलबी वन के बाद जहां से उठान एक सेकंड राउंड शुरू हुआ तो मुझे कितने लोग मिले जिन्होंने कहा कि सर हमने आपका क्या-क्या काम नहीं देखा है तो होता क्या है आपको लगता है आप अकेले हैं बिकॉज यू आल्सो कुकून योरसेल्फ. यू नो आपकी वो नजर बंद हो जाती है. आप उन लोगों को देखना बंद कर देते हैं जो आपको प्रेज करते हैं या जो आपके बारे में सोचते हैं या आपका काम पसंद करते हैं. मेरे ख्याल से ये हमेशा सही नहीं होता है कि दुनिया रिकॉग्नाइज नहीं करती आप करते रहिए वो रिकॉग्नाइज होता रहता है.
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इस दौरान सौरभ शुक्ला ने एक मजेदार किस्सा सुनाया. उन्होंने कहा कि एक बार वो फ्लाइट में सफर कर रहे थे तब वो बाथरूम गए थो और जब बाहर आए तो एक व्यक्ति से उन्होंने मुलाकात की. उन्होंने कहा कि नहीं मैं आपसे मिलने आया हूं. मैं बहुत देर से आपको देख रहा था. इस दौरान मैंने भी उनसे पूछा कि आप करते क्या हो? व्यक्ति ने कहा कि द करेंसी नोट यू कैरी दैट कैरी माय सिग्नेचर. मतलब आरबीआई चीफ. एक्टर का कहने का मतलब ये था कि देखिए मैं एक्टर हूं. अगर मैं छोटा सा भी कुछ करूंगा तो जाना जाऊंगा. लेकिन वो व्यक्ति मेरे से कई ऊपर है.
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एक्टर ने कहा कि 'बर्फी' में मेरी मुलाकात रणबीर कपूर से हुई थी. उस वक्त में अपने लो फेस में था. मेरे पास अनुराग बासू का कॉल आया था. उस वक्त तक मै काफी परेशान हो गया था, पैसे भी नहीं मिल रहे थे. लोग कहते थे कि सौरभ बड़ा अच्छा एक्टर है और जब रोल आता था तो एक कैमियो का आता था. आप एक दिन की शूटिंग में क्या करेंगे. जिसके बाद मैंने लोगों को कहना शुरू कर दिया था कि मैं एक्टिंग करता नहीं हूं. मैं राइटर हूं और मैं फिल्म बनाऊंगा. जब अनुराग का मेरे पास कॉल आया तो मैंने सबसे पहले यही कहा था कि यार अनुराग कुछ करने को हो तो बुलाना नहीं तो नहीं बुलाना. उन्होंने कहा कि अगर सर मुझे आपके लिए कुछ नहीं होता तो मैं आपको क्यों आता आपके पास. उन्होंने मुझे रोल दिया और काफी अच्छा था.
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इस दौरान मेरी मुलाकात रणबीर कपूर से हुई. वह बहुत आकर्षक, जवान, बातों और सपनों से भरा हुआ था. मुझे उसके साथ बैठकर बहुत अच्छा लगा. हम दोनों में एक-दूसरे के लिए काफी सम्मान था. आप उससे हर किसी टॉपिक पर बात कर सकते हैं. एक्टर ने आगे कहा कि वह कुछ करता और मुझे उससे बहुत कुछ सिखने को मिला. इस तरह मेरी रुचि अभिनय में वापस आई. इसके बाद मैंने फिर से सोचना शुरू किया और हां अभिनय में एक बड़ा आनंद है.
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