ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के सीमित हमले को जिस सटीकता और ताकत से नाकाम किया, उसमें बराक-8 मिसाइल सिस्टम की भूमिका बेहद अहम रही. इस आधुनिक सतह-से-हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम ने न केवल दुश्मन के ड्रोन, मिसाइल और लड़ाकू विमानों को रोका बल्कि भारत की वायु रक्षा क्षमता को भी दुनिया के सामने मजबूती से पेश किया.
बराक-8 मिसाइल को भारत के डीआरडीओ और इजरायल की इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने मिलकर विकसित किया है. इसमें भारत का प्रपल्शन सिस्टम और इजरायल का रडार व सीकर टेक्नोलॉजी शामिल है. यह मिसाइल 70 से 100 किलोमीटर तक की दूरी पर हवा में उड़ते खतरों को नष्ट करने में सक्षम है.
PTI सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब पाकिस्तान ने सीमित सैन्य हमला किया, तब भारत ने बराक-8 को S-400, आकाश मिसाइल और DRDO के एंटी-ड्रोन सिस्टम के साथ मिलाकर एक इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी कवर तैयार किया. इस दौरान बराक-8 ने कई दुश्मन हमलों को हवा में ही खत्म कर दिया.
बराक-8 की सबसे खास बात है इसकी 360 डिग्री ऑल वेदर डिफेंस क्षमता. इसका वर्टिकल लॉन्चिंग सिस्टम और अत्याधुनिक ट्रैकिंग सिस्टम इसे हर दिशा से आने वाले खतरे को भांपने और तुरंत जवाब देने में सक्षम बनाता है.
275 किलोग्राम वजनी इस मिसाइल की स्पीड Mach 2 यानी आवाज की गति से दोगुनी है. इसमें लगा 60 किलोग्राम का वारहेड बिना टकराए ही दुश्मन के टारगेट को तबाह कर सकता है. यह मिसाइल थ्रस्ट वेक्टर कंट्रोल और डुअल-पल्स मोटर के कारण बेहद सटीकता से तेजी से बदलते टारगेट को भी मार गिरा सकती है.
हालांकि शुरुआत में बराक-8 को नौसेना के लिए बनाया गया था, लेकिन अब इसे भारतीय वायुसेना और थलसेना दोनों में सक्रिय रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है. इसकी तैनाती से भारत की हवाई सुरक्षा व्यवस्था पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो चुकी है. बराक-8 ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब तकनीकी और सामरिक रूप से दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है.
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