Bizarre News : कीड़ा जड़ी एक दुर्लभ औषधीय जड़ी-बूटी है, जो हिमालय और तिब्बत के ऊंचे इलाकों में पाई जाती है. यह पारंपरिक चिकित्सा में कई बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल होती रही है. हालांकि इसके कई फायदे हैं, लेकिन इसके दुष्प्रभावों को लेकर सतर्क रहना भी जरूरी है.
Bizarre News : कीड़ा जड़ी एक खास किस्म की औषधीय जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में सदियों से किया जा रहा है. यह खासतौर पर हिमालय और तिब्बत के ऊंचे इलाकों में पाई जाती है, इसलिए इसे "हिमालय की अनोखी दवा" भी कहा जाता है. इसका उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है, लेकिन इसके फायदे जितने महत्वपूर्ण हैं, इसके संभावित नुकसान को नजरअंदाज करना भी ठीक नहीं.
साल 2020 में जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान की एक रिपोर्ट के अनुसार, कीड़ा जड़ी का उपयोग चीन और भूटान की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में दस्त, सिरदर्द, खांसी, गठिया, अस्थमा, फेफड़े, दिल, गुर्दे, लिवर और यौन संबंधित बीमारियों के उपचार में किया जाता रहा है. चीन ने इसे 1964 में औषधीय दर्जा भी दिया था.
कीड़ा जड़ी को ऊर्जा बढ़ाने वाला प्राकृतिक स्रोत माना जाता है. यह शरीर की स्टैमिना बढ़ाने में सहायक होती है, जिसके चलते खिलाड़ी और फिटनेस के शौकीन लोग भी इसका सेवन करने लगे हैं. कुछ शोधों में यह पाया गया है कि यह शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ा सकती है, जिससे थकान में राहत मिलती है और कार्य क्षमता बेहतर होती है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और जरूरी पोषक तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करते हैं और शरीर को संक्रमण से लड़ने में सहायक बनाते हैं.
कीड़ा जड़ी बेहद दुर्लभ होती है और सिर्फ हिमालय के कुछ खास इलाकों में ही मिलती है, इसी वजह से इसकी कीमत भी बहुत ज्यादा होती है. जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक, इसका मूल्य प्रति किलो लगभग 23 लाख रुपये तक पहुंच सकता है. समय के साथ इसकी मांग और दाम दोनों में लगातार इज़ाफा हो रहा है.
हालांकि यह कई स्वास्थ्य लाभ देती है, लेकिन कुछ लोगों को इसके सेवन से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर खुजली, चकत्ते या अन्य प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं. ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए. गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए इसका सेवन सुरक्षित नहीं माना जाता, क्योंकि इस पर अभी पर्याप्त वैज्ञानिक शोध नहीं हुए हैं.
साथ ही, कीड़ा जड़ी कुछ खास दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकती है, जैसे ब्लड थिनर (रक्त पतला करने वाली दवाएं) और इम्यून सिस्टम को दबाने वाली दवाएं. इसलिए जो लोग किसी दवा का नियमित सेवन कर रहे हों, उन्हें कीड़ा जड़ी का उपयोग शुरू करने से पहले चिकित्सकीय सलाह जरूर लेनी चाहिए. इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द, गैस या दस्त जैसी पाचन संबंधी दिक्कतें भी हो सकती हैं. इसलिए इसे संतुलित मात्रा में और सावधानीपूर्वक लेना जरूरी है.
...Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. ज़ी न्यूज़ इस खबर से संबंधित किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता.
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