Jundiaí River chemical spills: जब कोई जानवर, पक्षी अपने ऑरिजिनल कलर से अचानक नीला हो जाए तो आप क्या करेंगे? यकीनन आप चौंक जाएंगे. अगर कहें कि ऐसा हुआ तो आप बिल्कुल ही नहीं यकीन करेंगे. लेकिन ब्राजील के साओ पाउलो स्टेट में ऐसा हुआ है. यहां एक नदी अचानक नीली हो गई और नदी में मौजूद मछली, पक्षी समेत कई जानवर नीले हो गए. ऐसा रासायनिक रिसाव की वजह से हुआ है. इसने पर्यावरण सुरक्षा और औद्योगिक परिवहन को लेकर भी चिंताएं बढ़ा दी हैं. ब्लू डाई का घोल ले जा रहा एक ट्रक हादसे का शिकार हो गया, जिससे रसायन जुंडियाई नदी में रिस गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना तब हुई जब औद्योगिक डाई ( Industrial Dye ) ले जा रहा एक ट्रक बेकाबू होकर एक यूटिलिटी पोल से टकरा गया. टक्कर के कारण कंटेनर टूट गए, जिससे रसायन जुंडियाई नदी से जुड़े एक नजदीकी मैनहोल में लीक हो गया. देखते देखते पूरी नदी नीले रंग में बदल गया.
अफसरों ने पुष्टि की है कि फैला हुआ पदार्थ एसिटिक एसिड से बना रंग है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर स्टायरोफोम और अंडे के डिब्बों जैसी पैकेजिंग सामग्री बनाने में किया जाता है. हालांकि, इसे ज्यादा जहरीला नहीं माना जाता है, लेकिन इसे नदी में छोड़ने से प्राकृतिक संतुलन बिगड़ सकता है और मछलियों और अन्य जलीय जीवन को नुकसान पहुंचा सकता है.
रिसाव के बाद, इमरजेंसी टीमें और पर्यावरण अधिकारी हालात को कंट्रोल करने के लिए तुरंत साइट पर पहुंच गए. ये टीमें फिलहाल रसायन को फैलने से रोकना और आस-पास के पौधों और जानवरों को होने वाले किसी भी नुकसान की जांच में जुटी हुई है. साथ ही, वे किसी भी संकेत के लिए मछलियों और अन्य जलीय जीवों पर भी कड़ी नज़र रख रहे हैं.
इस घटना के बाद जुंडियाई नदी पर निर्भर जीवों की सुरक्षा के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं. जबकि जांच अभी भी जारी है. हालांकि, शुरुआती संकेत बताते हैं कि रिसाव नदी की बायोडाइवर्सिटी को नुकसान पहुंचा सकता है. फिलहाल इमरजेंसी टीमें प्रभावित जानवरों को बचाने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए काम कर रहे हैं.
ब्राजील के पर्यावरण अधिकारियों ने पुष्टि की है कि घटना के कारणों का पता लगाने के लिए औपचारिक जांच चल रही है. जांचकर्ता यह जांच करेंगे कि रसायन के ट्रान्सपोर्ट के दौरान उचित सुरक्षा नियमों का पालन किया गया था या नहीं और यह नदी में कैसे लीक हो गया.
इस घटना ने एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा मानकों को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं. पर्यावरण ग्रुप और स्थानीय लोग ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियमों की मांग कर रहे हैं, खासकर पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों के पास. स्थिति पर अभी भी बारीकी से नज़र रखी जा रही है.
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