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देव आनंद के वो 6 सदाबाहर सुपरहिट गाने.. जो आज भी बांध देते हैं समा, कभी नहीं होंगे पुराने, उस दौर में करते थे टॉप ट्रेंड

Dev Anand 6 Superhit Songs: देव आनंद ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1946 में फिल्म 'हम एक हैं' से की थी. अपने छह दशक लंबे करियर में उन्होंने 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. उन्होंने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में दीं, लेकिन आज हम आपको उनकी फिल्मों के बारे में नहीं बल्कि उनके उन 6 सदाबाहर सुपरहिट गानों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कभी पुराने नहीं होंगे. आज भी उन गानों को सुनने बैठो दिल भरता नहीं है. अपने आप ही गुनगुनाना शुरू कर देते हैं. चलिए बताते हैं उन सुपर-डुपर हिट गानों के बारे में. 

ये रात ये चांदनी फिर कहां (Jaal, 1952)

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ये रात ये चांदनी फिर कहां (Jaal, 1952)

ये गाना देव आनंद और गीता बाली पर फिल्माया गया था और इसे हेमंत कुमार ने बहुत ही इमोशनल अंदाज में गाया है. इसके बोल साहिर लुधियानवी ने लिखे थे, जबकि संगीत एस. डी. बर्मन ने  दिया है. गाने की सबसे खास बात इसकी शायरी और सधी हुई धुन है. ये गाना उन लम्हों को बयां करता है जो दो लोगों के बीच हमेशा यादगार बन जाते हैं. आज भी ये गाना रेडियो और पुराने गानों की लिस्ट में जरूर शामिल होता है क्योंकि इसमें एक खास जादू है, जो लोगों को अपनी ओर खींचता है. 

आंखों में क्या जी (Nau Do Gyarah, 1957)

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आंखों में क्या जी (Nau Do Gyarah, 1957)

देव आनंद और कल्पना कार्तिक की जोड़ी इस गाने में बड़ी प्यारी लगी है. इसे आशा भोसले और किशोर कुमार ने अपनी सुरीली आवाज में गाया है. जिनकी आवाजें एक-दूसरे के साथ खूब मेल खाती हैं. मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे बोल और एस. डी. बर्मन का संगीत इस गाने को और भी मजेदार बना देता है. ये गाना मस्ती और शरारत से भरा हुआ है, जिसे आज भी लोग बड़े चाव से सुनते हैं. जब भी पुराने मजेदार गानों की बात होती है, 'आंखों में क्या जी' का नाम जरूर आता है. 

है अपना दिल तो आवारा (Solva Saal, 1958)

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है अपना दिल तो आवारा (Solva Saal, 1958)

इस गाने को हेमंत कुमार ने अपनी नरम आवाज में गाया है. गाने के वीडियो में वहीदा रहमान के साथ देव आनंद नजर आ रहे हैं. इसके बोल मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखे हैं और संगीत एस. डी. बर्मन ने दिया है. ये गाना उन लोगों के लिए है जो आजादी और बिंदास लाइफ जीने में यकीन रखते हैं. इसकी धुन दिल को भा जाने वाली है. आज भी जब कोई सफर पर निकलता है या अकेलेपन में कुछ सुनना चाहता है, तो ये गाना बहुत अच्छा साथ निभाता है और आज भी ताजा है. 

खोया खोया चांद (Kala Bazar, 1960)

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खोया खोया चांद (Kala Bazar, 1960)

देव आनंद और वहीदा रहमान ने एक साथ कई फिल्मों में काम किया. इसलिए उनकी केमिस्ट्री भी फैंस को खूब पसंद आई. इस गाने में भी दोनों साथ नजर आ रहे हैं. मोहम्मद रीफी की आवाज और शैलेंद्र के दिल छूने वाले बोल इस गाने को और भी खूबसूरत बना देते हैं. एस. डी. बर्मन का संगीत हमेशा की तरह इस गाने की जान है. ये गाना आज भी चांदनी रातों में लोगों की पसंद बना हुआ है. जब भी कोई रोमांटिक मूड में होता है या पुराने नगमें सुनना चाहता है, तो सबसे पहले यही गाना याद आता है. 

अभी ना जाओ छोड़ कर (Hum Dono, 1961)

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अभी ना जाओ छोड़ कर (Hum Dono, 1961)

ये गाना देव आनंद और साधना पर फिल्माया गया था और ये उनकी फिल्म 'हम दोनों' का है. इस गाने को मोहम्मद रफी और आशा भोसले ने अपनी आवाज से सजाया था, जो आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है. इसके बोल साहिर लुधियानवी ने लिखे और संगीत जयदेव ने दिया था. जब भी कोई प्यार और जुदाई की बात करता है, ये गाना जरूर याद आता है. इसकी खास बात है इसकी इमोषन्स और मेलोडी, जो आज भी सुनने वालों को अंदर तक छू जाती हैं. ये गाना उस दौर का क्लासिक बन चुका है

 

गाता रहे मेरा दिल (Guide, 1965)

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गाता रहे मेरा दिल (Guide, 1965)

इस गाने में देव आनंद और वहीदा रहमान की जोड़ी ने अपना कमाल दिखाया था. इस गाने को किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने गाया है. शैलेंद्र के खूबसूरत बोल और एस. डी. बर्मन का संगीत इसे और भी खास बना दिया. गाने का हर लफ्ज प्यार की मिठास से भरा हुआ है. आज भी जब लोग पुराने रोमांटिक गाने सुनते हैं, तो ये गाना जरूर शामिल होता है. ये गाना सिर्फ एक गाना नहीं बल्कि एक एहसास है जो दिल को सुकून देता है और प्यार के हर पल को खास बना देता है.

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