Dharamkot village in Himachal Pradesh: भारत में एक ऐसा अनोखा गांव है, जहां भारतीय कम और विदेशी ज्यादा रहते हैं. हिमाचल प्रदेश का धर्मकोट गांव अब “Mini Israel” के नाम से मशहूर हो गया है. शांत पहाड़, खूबसूरत कैफे कल्चर और सुकूनभरा माहौल विदेशी सैलानियों को इतना भाता है कि कई बार वे बार-बार लौटकर यहीं बस जाते हैं. यहां हर सड़क, हर कैफे में विदेशी नजर आते हैं और भारतीय कम. योग, ध्यान, ट्रेकिंग और स्थानीय संस्कृति में शामिल होने के लिए लोग महीनों तक ठहरते हैं. यह जगह भारतीय हिप्पी और बैकपैकर सर्किट में भी खास पहचान बना चुकी है.
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धर्मकोट गांव हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से करीब 2 किलोमीटर ऊपर स्थित है. पहाड़ों के बीच बसा यह छोटा-सा गांव विदेशी सैलानियों का पसंदीदा ठिकाना बन चुका है. यहां भारतीयों की तुलना में विदेशी ज्यादा दिखते हैं. कई लोग महीनों तक किराये पर कमरे लेकर रहकर योग, ध्यान और ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं. इस वजह से इसे प्यार से “Foreigner Village” भी कहा जाता है.
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धर्मकोट में आने वाले ज्यादातर विदेशी इजरायल से होते हैं. गांव के कई कैफे और रेस्तरां में इजरायली खाना मिलता है और हिब्रू भाषा के साइनबोर्ड भी दिखाई देते हैं. इसी कारण से अब इसे भारत का “Mini Israel” कहा जाता है. विदेशी संस्कृति और भारतीय जीवनशैली का अनोखा मिश्रण यहां देखने को मिलता है जो पर्यटकों को खूब भाता है.
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इंस्टाग्राम ट्रैवलर मोहम्मद अमान (amaankhanvlogz) ने हाल ही में धर्मकोट का वीडियो शेयर किया जो वायरल हो गया. उनके एक लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. वीडियो में दिखाया गया कि बारिश के बावजूद ज्यादातर लोग विदेशी थे. कई लोग यहां महीनों तक ठहरते हैं और योग, ध्यान व ट्रेकिंग में शामिल होते हैं.
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धर्मकोट का वातावरण बेहद शांत और सुकूनभरा है. न कोई भीड़भाड़, न ट्रैफिक की चिंता. कई कैफे में इजरायली, इटैलियन और भारतीय व्यंजन मिलते हैं. गलियों में घूमते हुए विदेशी संगीत सुनते, ध्यान करते या पहाड़ों की शांति में खोए नजर आते हैं. Triund Trek और Bhagsu Waterfall जैसी पास की जगहें इसे और भी आकर्षक बनाती हैं.
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धर्मकोट का मौसम सालभर ठंडा और आरामदेह रहता है. हरी-भरी पहाड़ियां, लोकल कैफे, योग और ध्यान केंद्र विदेशियों को खींचते हैं. कई इजरायली सैनिक छुट्टियों के दौरान यहां महीनों तक रुकते हैं. यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और स्वास्थ्य-उन्मुख गतिविधियां विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं.
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विदेशियों को यहां की सरल जीवनशैली और भारतीय संस्कृति का मिश्रण बहुत भाता है. स्थानीय लोगों के अनुसार, “यहां आने वाले विदेशी खुद को पर्यटक नहीं, बल्कि गांव का हिस्सा मानते हैं.” विदेशी सैलानी योग, ध्यान और ट्रेकिंग में शामिल होकर गांव की संस्कृति को अनुभव करते हैं.
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धर्मकोट में विदेशी सैलानियों की बढ़ती मौजूदगी से लोकल इकॉनमी को फायदा हुआ है. होमस्टे, कैफे, योग क्लासेस और हैंडीक्राफ्ट की दुकानें तेजी से बढ़ीं. स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिले हैं. गांव अब हिप्पी और आध्यात्मिक सर्किट का अहम हिस्सा बन चुका है.
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