Rubbing Cucumber Tip: भारत में रहने वाले लोग इस बात से वाकिफ हैं कि जब कोई खीरा काटता है, तो इसमें कड़वाहट न रह जाए, इसके लिए इसके किनारे को काटकर घिसता जरूर है. जब क्यूकंबर के टिप से सफेद झाग निकलने लगता है, तो ये मान लिया जाता है कि अब तीखापन दूर हो चुका है. काफी लोगों के मन में ये ख्याल जरूर आता होगा कि क्या वाकई ये तरीका असरदार है, या इसे महज एक अफवाह है.
सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि खीरे में कड़वापन आखिर आता कहां से है. आपको बता दें कि क्यूकंबर में प्राकृतिक तत्व होता है जिसे कुकुर्बिटासिन (Cucurbitacin) कहते हैं, यही चीज कड़वाहट की वजह बनता है.
कुकुर्बिटासिन खीरों के किनारों पर ज्यादा मात्रा में मौजूद होता है. ये क्यूकंबर के लिए एक सेफ्टी मैकेनिज्म की तरह है, ताकि खेतों में घूमने वाला कोई जानवर इसे न खा पाए, जिससे किसानों की फल बच जाए.
जैसे ही खीरे के किनारों को काट जाता है और इस पर नमक रखकर घिसते हैं तो एक तरह का ऑस्मोसिस प्रॉसेस शुरू हो जाता है. सॉल्ट के जरिए क्यूकंबर के सेल्स से पानी और कुकुर्बिटासिन खिंचने लगता है जो व्हाइट बबल के तौर पर नजर आता है.
खीरे के सिरे से नकलने वाला सफेद झाग इस बात का इशारा करता है कि इससे कड़वपान दूर हो सकता है. हालांकि कई बार ये तरीका काम कर जाता है, लेकिन जरूरी नहीं कि इस ट्रिक से आपका काम हर बार हो जाए.
इन बातों को जानकर हम ये कग सकते हैं कि खीरे के किनारे को काटकर घिसना महज भारतीयों का नुस्खा नहीं, बल्कि एक साइंटिफिक तरीका भी है. इसे अफवाह न समझें, ये सचमुच में असरदार है. Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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