Farmers Protest Worldwide: नोएडा के किसानों के दिल्ली आने के ऐलान (Noida Farmers Protest) ने दिल्ली वालों की टेंशन बढ़ा दी है. लोग सोच में पड़ गए हैं कि क्या फिर से दिल्ली को घेर लिया जाएगा. दिल्ली के गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर को जाम कर दिया जाएगा. हालांकि, पुलिस किसानों को रोक रही है. कई किसानों को दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर हिरासत में लिया गया है. लेकिन सोचने की बात है कि नोएडा से लेकर यूरोप तक किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest In Europe) क्यों चल रहा है. नोएडा तो नोएडा, फ्रांस, स्पेन, पोलैंड, जर्मनी और ग्रीस तक किसान सरकार से खुश नहीं हैं और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कहीं, सड़कें जाम की जा रही हैं, कहीं सड़कें खोदी जा रही हैं तो कहीं किसान सड़क पर ही तंबू गाड़कर बैठ गए हैं.
बता दें कि नोएडा के किसान दिल्ली के लिए कूच कर गए हैं. दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर तमाम किसान प्रदर्शनकारी पहुंचे हैं. जाम लग गया है. दरअसल, किसानों ने संसद तक मार्च का ऐलान किया है. किसान 10 प्रतिशत प्लॉट, 64 फीसदी अतिरिक्त मुआवजे की मांग कर रहे हैं. आबादी निस्तारण की मांग पर भी किसान अड़े हैं. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने साफ कहा है कि दिल्ली की सीमा में आने की कोई इजाजत नहीं दी गई है. यानी किसान, दिल्ली की सीमा में नहीं जा सकते. दिल्ली की सीमा पर पुलिस की तैनाती है. दिल्ली बॉर्डर पर सख्त पहरा है. जमीन से लेकर आसमान तक पहरा है. ड्रोन से हर हरकत पर नजर रखी जा रही है.
किसान परिषद के नेता सुखवीर खलीफा ने कहा कि संसद तक जाने की तैयारी है. जान लें कि पिछले कई दिनों से नोएडा अथॉरिटी और एनटीपीसी के बाहर किसान परिषद का धरना चल रहा है. किसान प्रदर्शनकारी मुआवजे, जमीन की मांग और कई समस्याओं का तुरंत समाधान चाहते हैं. किसानों की कई राउंड की बैठक अथॉरिटी के चेयरमैन मनोज सिंह, सीईओ एम लोकेश और एसीओ संजय खत्री से हो चुकी है. लेकिन बात नहीं बनी. किसान अपनी बात पर अड़े हैं.
एक तरफ दिल्ली बॉर्डर पर 2 साल बाद फिर से किसान प्रदर्शन शुरू होने की तैयारी है तो दूसरी तरफ यूरोप के कई देशों में भी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. फ्रांस में तो इसका कुछ ज्यादा ही असर देखने को मिल रहा है. हाल ही में किसानों ने सरकारी दफ्तर में कूड़ा फेंक दिया था. जेसीबी ले जाकर पूरा कूड़ा दफ्तर में उलट दिया था. वहीं कई जगहों पर तो किसानों ने दिल्ली की तरह सड़क पर ही तंबू गाड़ लिए हैं.
गौरतलब है कि किसान यूरोप के फ्रांस, पोलैंड, जर्मनी, ग्रीस, पुर्तगाल और बेल्जियम तक में प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी अपनी अलग-अलग मांगें हैं. पर प्रदर्शन का तरीका मिलता-जुलता है. किसानों ने अलग-अलग देशों में सड़कें जाम कर रखी हैं. जिसकी वजह से आवाजाही में दिकक्त हो रही है. किसान अपने खेतों से निकलकर सड़कों पर उतरे हुए हैं.
जान लें कि किसानों को डीजल और टैक्स में मिलने वाली छूट को खत्म करने की योजना थी. वहीं, नीदरलैंड में नाइट्रोजन इमिशन को कम करने की जरूरत थी. किसानों ने कहा कि फसल की गिरती कीमतों, बढ़ती लागत, कड़े नियमों, कर्ज, जलवायु परिवर्तन और विदेश से सस्ते दाम पर इम्पोर्ट उनकी प्रमुख समस्या है. सरकार को इसका समाधान करना चाहिए.
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