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कुछ मछलियां अपना बर्थडे तक कैसे तय कर लेती हैं? रिसर्चर्स ने खोला 'जल की रानी' का यह राज

Science News in Hindi: मछलियों की कई प्रजातियां ऐसी होती हैं जिनके भ्रूण कुछ हद तक यह तय कर सकते हैं कि वे कब अंडे से बाहर निकलेंगे. मतलब कि वह अपना जन्मदिन खुद चुन पाने में सक्षम होते हैं. इजरायल के येरुशलम की हिब्रू यूनिवर्सिटी में रिसर्चर्स ने उस राज से पर्दा उठा दिया है कि भ्रूण ऐसा कैसे कर पाते हैं. उन्होंने अपनी स्टडी में उन केमिकल और बायोलॉजिकल प्रक्रियाओं के बारे में बताया है, जिनके चलते ऐसा संभव हो पाता है. वैज्ञानिकों ने जेब्राफिश (Danio rerio) और मेडाका (Oryzias latipes) प्रजातियों के भ्रूणों पर रिसर्च की. उनकी रिसर्च में क्या-क्या सामने आया, आइए आपको बताते हैं.

बेहद सावधानी से चुना जाता है अंडों से बाहर निकलने का समय

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बेहद सावधानी से चुना जाता है अंडों से बाहर निकलने का समय

'साइंस' जर्नल में छपे पेपर में रिसर्चर्स ने कहा, 'अंडे देने वाली प्रजातियों के जीवन में अंडे से बच्चे निकलना एक महत्वपूर्ण घटना है. अंडे से बच्चे निकलने का निर्णय अक्सर अनुकूल परिस्थितियों के साथ मेल खाने के लिए सावधानीपूर्वक समयबद्ध किया जाता है, जिससे जीवन के शुरुआती चरणों में जीवित रहने में सुधार होगा.'

कई ट्रिगर इस्तेमाल करती हैं मछलियां

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कई ट्रिगर इस्तेमाल करती हैं मछलियां

मछली की कई प्रजातियां अंडे से बच्चे निकलने की अलग-अलग रणनीतियों और ट्रिगर का उपयोग करती हैं. जैसे- जेब्राफिश आमतौर पर दिन के उजाले का इंतजार करती हैं. क्लाउनफिश और हैलिबट अंधेरे का इंतज़ार करती हैं. कैलिफोर्निया ग्रुनियन समुद्र में बह जाने की राह देखती रहती है.

जेब्राफिश की स्टडी में क्या पता चला?

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जेब्राफिश की स्टडी में क्या पता चला?

रिसर्चर्स ने जेब्राफिश के अंडे से बच्चों के बाहर निकलने में देरी के पीछे की कारगुजारियों का पता लगाया. उन्हें पता चला कि थायरोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन (TRH) का स्राव, अंडे की दीवार को भंग करने वाले एंजाइमों के उत्पादन में महत्वपूर्ण था. TRH को एक न्यूरल सर्किट के इशारे पर, ब्लडस्ट्रीम के जरिए हैचिंग ग्रंथि तक पहुंचाया जाता है, जो हैचिंग से ठीक पहले बनता है और उसके तुरंत बाद गायब हो जाता है.

मेडाका मछली पर रिसर्च ने क्या बताया?

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मेडाका मछली पर रिसर्च ने क्या बताया?

ऐसा सिर्फ जेब्राफिश ही नहीं करती, रिसर्चर्स ने उसकी दूर की रिश्‍तेदार, मेडाका मछली पर भी स्टडी की. इन दो प्रजातियों के रास्ते कुछ 200 मिलियन साल पहले अलग हो गई थे. फिर भी रिसर्चर्स को इन दोनों प्रजातियों में TRH से ट्रिगर होने वाली हैचिंग प्रक्रियाएं मिलीं. जबकि दोनों मछलियों की हैचिंग ग्रंथियां, एंजाइमों के प्रकार और भ्रूणों का समय अलग-अलग है.

स्तनधारियों में TRH क्या करता है?

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स्तनधारियों में TRH क्या करता है?

मनुष्यों और अन्य स्तनधारियों में, TRH हार्ट रेट और मेटाबॉलिक रेट सहित प्रमुख बायोलॉजिकल प्रक्रियाओं को कंट्रोल करने में मदद करता है. एक ही न्यूरोहोर्मोन का इस्तेमाल मछलियों में अलग तरीके से किया जाता है, यह शायद विकासवादी रास्तों के अलग होने का एक और संकेत है. रिसर्चर्स अब अन्य मछलियों की हैचिंग प्रक्रियाओं पर स्टडी करना चाहते हैं ताकि समानताओं और अंतरों का पता लग सके.

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