Jaw-Dropping Places on Earth: सदियों से इंसान दूसरे ग्रहों की दुनिया देखने का सपना देखता आया है. नासा का आने वाला आर्टेमिस-2 मिशन इसी सपने की एक बड़ी शुरुआत है, जो एस्ट्रोनॉट्स को चांद की परिक्रमा पर ले जाएगा और आगे चलकर मंगल तक पहुंचने की राह खोलेगा. लेकिन अगर आप सोचते हैं कि ऐसा नजारा देखने के लिए आपको धरती छोड़नी पड़ेगी, तो ऐसा बिल्कुल नहीं है. हमारी अपनी पृथ्वी पर ही ऐसे कई अद्भुत और अनोखी जगहें हैं, जिन्हें देखकर लगता है जैसे आप किसी दूसरे ग्रह पर आ गए हों. इन जगहों पर जाने के लिए बस एक पासपोर्ट और टिकट चाहिए. और फिर शुरू हो जाएगी 'धरती पर दूसरी दुनिया' की सैर. तो चलिए जानते हैं वो कौन सी जगहें हैं.
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अमेरिका के कैलिफोर्निया में मौजूद मोनो लेक उत्तरी अमेरिका की सबसे पुराने झीलों में से एक है. इसकी उम्र एक मिलियन साल से ज्यादा है. यह झील बहुत खारी और क्षारीय है, क्योंकि यहां पानी के सूखने से नमक और खनिज जमा हो गए हैं. लेकिन यहां की सबसे खास बात हैं टूफा टावर्स. ये अनोखा स्तंभ, जो झील के पानी और मीठे पानी के झरनों के मिलने से बनते हैं. मोनो लेक कई तरह की पक्षियों के लिए भी बहुत अहम है. हर साल 1-2 लाख प्रवासी पक्षी यहां रुकते हैं. इसकी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और अनोखे टुफा स्तंभ फोटोग्राफरों और प्रकृति प्रेमियों के लिए इसे खास बनाते हैं.
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वट्नाजोकुल यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर है. यह आइसलैंड के 8 फीसदी हिस्से को ढकता है और कुछ जगहों पर इसकी मोटाई 900 मीटर तक है. इसके नीचे कई सक्रिय ज्वालामुखी हैं, जैसे ग्रिम्सवोट्न, ओरायफाजोकुल और बारदारबुंगा. वैज्ञानिक मानते हैं कि यहां ज्वालामुखी विस्फोट आने वाले 50 सालों में हो सकते हैं. ग्लेशियर के अंदर सुंदर बर्फ की गुफाएं भी हैं, जिनमें सर्दियों में टूर कर सकते हैं. हालांकि, वैश्विक तापमान बढ़ने के कारण यह हर साल सिकुड़ रहा है. पिछले 15 सालों में इसकी मोटाई करीब 0.9 मीटर प्रति साल घट गई है.
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वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया मिडिल आइलैंड में मौजूद लेक हिलियर दिखने में बिलकुल किसी दूसरे ग्रह का हिस्सा लगता है. इस झील का गुलाबी रंग, पास का नीला समुद्र और हरी-भरी जंगल बहुत ही आकर्षक नजर आते हैं. वैज्ञानिक अब तक पक्का नहीं बता पाए हैं कि झील गुलाबी क्यों है? सबसे संभावना है कि इसमें मौजूद डुनालिएला सालिना नामक सूक्ष्म शैवाल लाल रंग के पिगमेंट बनाते हैं. इसके अलावा, नमक में रहने वाले कुछ बैक्टीरिया या नमक और बाइकार्बोनेट की प्रतिक्रिया भी रंग बदलने में मदद कर सकती है. माना जाता है कि इसकी वजह से ही ये झील गुलाबी है. ये झील लगभग 600 मीटर लंबी और 250 मीटर चौड़ी है और इसे सबसे अच्छे तरीके से हवाई नजारे से देखा जा सकता है.
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जायंट्स कॉजवे उत्तर आयरलैंड के काउंटी एनट्रिम में एक हैरतअंगेज कुदरती जगह है. करूब 60 मिलियन साल पहले यहां ज्वालामुखी विस्फोटों से लावा ठंडा होकर हेक्सागॉन (छः कोने) वाले बेसाल्ट के स्तंभों में टूट गया, जिससे यह अनोखा नजारा बना. वक्त के साथ हवा-पानी और अन्य लावा प्रवाह ने इसे और भी खूबसूरत आकार दिया.
सिर्फ प्राकृतिक कारण ही नहीं, यहां कई कथाएं भी हैं. सबसे मशहूर कहानी है कि आयरिश दैत्य फिन मैककूल ने स्कॉटलैंड के दैत्य बेनैंडोनर से लड़ने के लिए यह रास्ता बनाया. एक और कहानी बताती है कि फिन ने प्यार में इसे बनाया था, लेकिन तूफानों के कारण यह अधूरा रह गया. वहीं, 1986 में यह UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित हुआ, और आज यह अपनी अनोखी सुंदरता और भूवैज्ञानिक महत्व के लिए जाना जाता है.
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न्यूजीलैंड की वेटोमो ग्लोवर्म केव्स में आप तारों की जगह चमकते कीड़ों की रोशनी देख सकते हैं. नाव, कयाक या पैदल चलते हुए आप हजारों ग्लोवर्म्स को रोशन करते हुए देख सकते हैं. ये कीड़े अपनी रोशनी एक खास रासायनिक प्रक्रिया (बायोल्यूमिनेसेंस) से पैदा करते हैं, जिससे केव्स में सब कुछ जैसे किसी साइंस फिक्शन फिल्म जैसा दिखता है.
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वाडी रम जॉर्डन के दक्षिण में स्थित एक रेगिस्तान है, जो करीब 717 वर्ग किलोमीटर में फैला है. यहां की विशाल रेत की घाटियां, लाल टीलों और अद्भुत चट्टानें देखकर आपको लगेगा कि आप किसी दूसरे ग्रह पर हैं. ब्रिटिश अपसर थॉमस एडवर्ड लॉरेंस ने 20वीं सदी की शुरुआत में अरब विद्रोह के दौरान यहां काम किया था. उन्होंने वाडी रम को 'विशाल, प्रतिध्वनित और ईश्वर जैसा' बताया. लॉरेंस ने बाद में इस अनुभव पर किताब 'सेवन पिलर्स ऑफ विजडम' भी लिखी, जिसे बाद में 1962 की मशहूर फिल्म 'लॉरेंस ऑफ अरबिया' में बदला गया. इस फिल्म की कई सीन वाडी रम में फिल्माए गए थे.
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ग्रैंड प्रिजमैटिक स्प्रिंग येलोस्टोन पार्क की सबसे ज्यादा तस्वीर खींची जाने वाली गर्म पानी की झील है. यह रंग-बिरंगी झील 60–90 मीटर चौड़ी और 36 मीटर गहरी है. यहां खास तरह के सूक्ष्मजीव (थर्मोफाइल्स) रहते हैं, जो गर्म पानी में पनपते हैं. सबसे गर्म पानी में रहने वाले थर्मोफाइल्स रंगहीन या पीले होते हैं, जबकि किनारे के कम गर्म पानी में रहने वाले थर्मोफाइल्स नारंगी, भूरा या हरा रंग दिखाते हैं. यही कारण है कि यह झील अपने खूबसूरत रंग और गर्म पानी के जीवों के कारण बहुत प्रसिद्ध है.
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सॉससुस्वेई में लाल रेत के ऊँचे टीले दुनिया के सबसे ऊंचे टीलों में से हैं, जो करीब 400 मीटर तक पहुंचते हैं. यही वजह है कि यह नामीबिया के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक हैं. यह जगह अफ्रीका के सबसे बड़े संरक्षित क्षेत्र, नामिब-नौक्लुफ्ट नेशनल पार्क में है. 'सॉससुस्वेई' का मतलब है 'अंत' क्योंकि ये टीले त्साउचाब नदी के आगे बढ़ने से रोकते हैं.
इन लाल टीलों का आकार बनने में लाखों साल लगे हैं. ये रेत ऑरेंज नदी से आती है, जो दक्षिण अफ्रीका की सबसे लंबी नदी है. नदी से ये रेत अटलांटिक महासागर में जाती है, फिर बंगुएला करंट इसे उत्तर की ओर ले जाता है. आखिर में हवा इसे किनारे पर लाती है और जमीन पर जमा कर देती है.)
डानाकिल डिप्रेशन दुनिया के सबसे कठिन और अजीब जगहों में से एक है. इसे BBC ने 'नरक का दरवाजा' कहा है. यहां का वातावरण बहुत खतरनाक है. हवा में सल्फ्यूरिक एसिड और क्लोरीन गैसें होती हैं, और जमीन पर तेज एसिड वाले तालाब और गीजर हैं. यहां का तापमान अक्सर 45°C (113°F) तक पहुंच जाता है, जिससे यह दुनिया की सबसे गर्म जगहों में से एक है. यह जगह समुद्र तल से 100 मीटर नीचे एक रिफ्ट घाटी में है. रिफ्ट घाटियां तब बनती हैं जब पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटें अलग होती हैं और ज्वालामुखीय गतिविधि से यहां का भू-भाग बदलता है. NASA के मुताबिक, कुछ हिस्से अंतरिक्ष से भी दिखाई दे सकते हैं.
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