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बिना दवा बढ़ा कोलेस्ट्रॉल होने लगेगा कम, ये 6 आदतें ला सकती हैं बड़ा बदलाव

 

How To Control Cholesterol Naturally: हाई कोलेस्ट्रॉल आज एक आम समस्या बन चुका है. यह दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का एक बड़ा कारण भी है. ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है, जो कि बिना दवा आप लाइफस्टाइल में इन 6 तरह के बदलाव से कर सकते हैं.  

सैचुरेटेड और ट्रांस फैट से दूरी बनाएं

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सैचुरेटेड और ट्रांस फैट से दूरी बनाएं

लाल मांस, फुल-फैट डेयरी उत्पाद, नारियल और पाम ऑयल में  सैचुरेटेड फैट ज्यादा होता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है. वहीं, प्रोसेस्ड फूड और बेक्ड आइटम्स में मिलने वाला ट्रांस फैट और भी खतरनाक है. ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि सैचुरेटेड फैट को कुल कैलोरी का 6% से कम और ट्रांस फैट को 1% से भी कम रखना चाहिए.

 

फाइबर वाला खाना खाएं

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फाइबर वाला खाना खाएं

सॉल्युबल फाइबर शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बांधकर बाहर निकाल देता है. यह ओट्स, सेब, दालें, गाजर, स्वीट पोटैटो, एवोकाडो और नट्स में भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. अगर रोजाना एक कटोरी ओट्स या इसबगोल लिया जाए, तो कोलेस्ट्रॉल में अच्छा सुधार देखा जा सकता है.

 

रोजाना शारीरिक गतिविधि जरूरी

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रोजाना शारीरिक गतिविधि जरूरी

हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट की मध्यम एरोबिक एक्सरसाइज करने से एचडीएल बढ़ता है और एलडीएल कम होता है. तेज चलना, तैरना, साइक्लिंग या हल्का दौड़ना जैसे व्यायाम वजन घटाने और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में मदद करते हैं.

शराब का सेवन कम करें

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शराब का सेवन कम करें

अधिक शराब पीने से न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ते हैं, बल्कि वजन और ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है. 2024 की एक स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों ने शराब का सेवन कम किया, उनमें दिल की बीमारियों का खतरा 23% तक घट गया.

फिश ऑयल ले सकते हैं

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फिश ऑयल ले सकते हैं

फिश ऑयल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड्स ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने और सूजन घटाने में मदद करते हैं. हालांकि ये एलडीएल को सीधे कम नहीं करते, लेकिन दिल की सेहत के लिए फायदेमंद हैं.

लहसुन है फायदेमंद

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लहसुन है फायदेमंद

शोध में पाया गया है कि लहसुन एलडीएल को हल्का कम करता है. और शरीर में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकता है. आप इसे डाइट में शामिल करें या सप्लीमेंट के रूप में भी ले सकते हैं.

 

कब दिखाएं डॉक्टर को?

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कब दिखाएं डॉक्टर को?

कोलेस्ट्रॉल की समस्या में आमतौर पर कोई खास लक्षण नहीं होते इसलिए 21 साल की उम्र के बाद हर 4–6 साल में इसकी जांच करानी चाहिए. अगर डाइट और लाइफस्टाइल के बदलाव से सुधार न हो, तो डॉक्टर की सलाह पर स्टैटिन जैसी दवाएं शुरू की जा सकती हैं. Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.

 

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