Advertisement
trendingPhotos2944168
Hindi NewsPhotos8वीं तक पढ़ाई, उम्र 16 साल...इस शख्‍स ने प‍िता के ठप ब‍िजनेस में डाली जान, आज 20000 करोड़ का कारोबार
photoDetails1hindi

8वीं तक पढ़ाई, उम्र 16 साल...इस शख्‍स ने प‍िता के ठप ब‍िजनेस में डाली जान, आज 20000 करोड़ का कारोबार

Satish Kumar Success Story: ज‍िस उम्र में बच्‍चे स्‍कूल-कॉलेज जाते हैं और खेलने-कूदने में मशगूल रहते हैं, उस उम्र में एक बच्‍चे ने अपने प‍िता के ठप होने जा रहे ब‍िजनेस को संभालने का फैसला क‍िया. उसने कारोबार संभावलने का फैसला क‍िया और इसके ल‍िए स्‍कूल तक छोड़ना पड़ा. आठवीं क्‍लास पास करके स्‍कूल छोड़ने वाला यह शख्‍स आज 20,000 करोड़ रुपये के कारोबार का माल‍िक है. करीब 30 पहले बंद होने के कगार पर पहुंच गए प‍िता के ब‍िजनेस को संभालने की ह‍िम्‍मत करने वाले इस शख्‍स का नाम टी. सतीश कुमार है.

1/8

बच्‍चे ने अपने प‍िता के ब‍िजनेस को बचाने की कोश‍िश को अब 20000 करोड़ रुपये तक पहुंचा द‍िया गया है. जी हां, हम बात कर रहे हैं मिल्की मिस्ट डेयरी फूड्स (Milky Mist Dairy Foods) के फाउंडर और एमडी टी. सतीश कुमार की. उनकी कहानी देश की सबसे प्रेरणादायक कारोबार‍ियों की कहानी में से एक है. उनकी मेहनत और दूरदर्शिता ने उनको देश की डेयरी इंडस्‍ट्री में टॉप पर पहुंचा द‍िया.

2/8

तमिलनाडु के इरोड के पास साधारण पर‍िवार में जन्‍मे सतीश कुमार (Satish Kumar) ने आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी. 1992 में वह महज 16 साल के थे. उस समय उनके पापा का म‍िल्‍क ड‍िस्‍ट्रीब्‍यूशन का काम बंद होने की कगार पर पहुंच गया. उनके पर‍िवार के पास 20 एकड़ खेती थी. वह रोजाना बेंगलुरु को करीब 3,000 लीटर दूध सप्लाई करते थे, लेकिन उन्‍हें इस पर प्रॉफ‍िट कम था. कमाई से ज्‍यादा खर्च होने के कारण उनका ब‍िजनेस धीरे-धीरे बंद होने की कगार पर पहुंच गया.

3/8

प‍िता के कारोबार में चली रही परेशान‍ियों को देखकर सतीश ने कुछ बेहतर करने की सोची, उन्‍होंने हार नहीं मानी और ब‍िजनेस को नई दिशा देने का फैसला किया. उनके प‍िता जहां पर दूध की सप्‍लाई करते थे, वहां उन्‍होंने देखा क‍ि बेंगलुरु में कस्‍टमर उस दूध से होटलों के लिए चीज (Cheese) बना रहा है. यह देखकर सतीश ने भी सिरके के साथ दूध गर्म करके चीज (Cheese) बनाना सीख ल‍िया. 1993 में वह 10 किलो चीज (Cheese) थैले में भरकर बेंगलुरु के बाजार में ले गए.

4/8

दो साल के दौरान उनकी बिक्री 10 क‍िलो से बढ़कर रोजाना 100 किलो पर पहुंच गई. 1995 तक उन्होंने दूध का ब‍िजनेस छोड़कर पूरी तरह चीज प्रोडक्‍शन पर फोकस शुरू कर द‍िया. इसमें उन्‍हें आमदनी और संभावनाएं ज्‍यादा अच्‍छी द‍िखाई दीं. 1997 में सतीश का काम आगे बढ़ा तो उनकी ह‍िम्‍मत बढ़ी. फ‍िर उन्‍होंने अपने ब्रांड को 'मिल्की मिस्ट' (Milky Mist) नाम द‍िया. यह नाम धीरे-धीरे आसानी से सबकी जुबान पर चढ़ने लगा.

5/8

इसके बाद 1998 में उन्‍होंने 10 लाख रुपये का लोन लेकर सेमी-ऑटोमेट‍िक चीज प्लांट शुरू कर द‍िया. इसके बाद 'मिल्की मिस्ट' (Milky Mist) के प्रोडक्‍ट चेन्‍नई, बेंगलुरु और कोयंबटूर की दुकानों में पहुंच गए. साल 2007 में कंपनी की तरफ से पहली बार लोगो लॉन्‍च क‍िया गया. इसके बाद 2010 में कंपनी पहली बार टीवी विज्ञापन में आई. आज यह देश में चीज प्रोडक्‍शन करने वाली बड़ी कंपनी है.

6/8

साल 2017 में पेरुंदुराई में पूरी तरह ऑटोमेट‍िक प्लांट शुरू क‍िया गया. इसमें 1,700 से ज्यादा लोग काम करते हैं. कंपनी ने चीज के अलावा पनीर, दही, लस्सी, घी और क्रीम जैसे प्रोडक्‍ट भी तैयार करने शुरू क‍िये. आज कंपनी 55,000 से ज्यादा किसानों से सीधे दूध लेकर अपने प्रोडक्‍ट तैयार करती है. इसके दो फायदे हुए पहला यह क‍ि म‍िलावटखोरी कम हुई. दूसरा यह क‍ि सतीश ने बिचौलियों को हटाया किसानों को बेहतर कमाई का जर‍िया द‍िया. इससे गांवों में भी समृद्धि देखी जा रही है.

 

7/8

मिल्की मिस्ट की कमाई 2007-08 में 13 करोड़ रुपये थी. यह 12 साल बाद 2019-20 में बढ़कर 750 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. इसके बाद साल 2020-21 में यह आंकड़ा 1,100 करोड़ रुपये और आज 20,000 करोड़ रुपये के वैल्‍यूएशन पर पहुंच गई. कंपनी को आज भी चीज से सबसे ज्‍यादा कमाई होती है.

8/8

कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार आज के समय में कंपनी को चीज से 30%, पनीर से 27% और दही से 25% आमदनी होती है. 49 साल के सतीश कुमार देश की सबसे बड़ी प्राइवेट डेयरी कंपनियों में से एक के मालिक हैं. उनकी ज‍िंदगी के सफर से यह साफ है क‍ि ब‍िना औपचारिक पढ़ाई के भी मेहनत और अपने व‍िजन के दम पर ग्‍लोबल ब्रांड खड़ा क‍िया जा सकता है. (फोटो क्रेड‍िट: Grok)

 

ट्रेन्डिंग फोटोज़