ब्रह्म मुहूर्त को देवों का काल माना जाता है. कहते कि इस मुहूर्त में देवी-देवता पृथ्वी का भ्रमण करने आते हैं. इसलिए इस मुहूर्त में किए गए कार्यों का फल कई गुना ज्यादा मिलता है. लिहाजा आप भी 1 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजे उठ जाएं और स्वस्थ जीवन देने के लिए भगवान का स्मरण करें.
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, नए साल की पहली सुबह को आप सुबह उठते ही सबसे पहले अपने हाथ की हथेलियों को देखें. मान्यता है कि हमारी हथेलियों में भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और सरस्वती का वास होता है. ऐसे में आप हथेली देखकर इन तीनों देवों का दर्शन कर लेते हैं. इसके साथ ही मंत्र “कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती.करमूले स्थितो ब्रह्मा, प्रभाते करदर्शनम्' का जाप करना भी न भूलें.
आप 1 जनवरी को नित्यक्रिया और स्नान के बाद विधि-विधान से भगवान की पूजा करें. पूजा के दौरान उन्हें सर्दियों के नए कपड़े पहनाएं और भोग चढ़ाएं. साथ ही मंदिर में घी का दीपक जलाएं. प्रभु से प्रार्थना करें कि वे आप पर अपनी कृपा बरसाते रहें और जीवन में आगे बढ़ने के लिए आपका मार्गदर्शन करें. इस दिन घर की साफ-सफाई और सजावट करना न भूलें.
सच्चे मन से प्रभु की आराधन के बाद थोड़ी देर ध्यान योग करें. मन में यह संकल्प लें कि आप नए साल में बुरी आदतों का त्याग करेंगे, नशे से दूर रहेंगे, बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करेंगे और नेकी के मार्ग पर चलेंगे तो इससे आपको मन में असीम सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होगा और स्वयं को शक्ति से भरे हुए महसूस करेंगे.
सनातन धर्म में जरूरतमंदों की सेवा को सबसे बड़ा पुण्य माना गया है. आप भी नए साल की शुरुआत किसी जरूरतमंद की सहायता करके करें, चूंकि ठंड का मौसम चल रहा है. इसलिए आप किसी जरूरतमंद को कंबल, भोजन या कपड़ों से मदद कर सकते हैं. अगर किसी को दवा की जरूरत है तो उसमें मदद कर सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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