इस वजह से एसी के बाहरी हिस्से की हालत काफी खराब हो जाती है. अगर बाहरी यूनिट किसी अंधेरी जगह पर लगा हो, तो चमगादड़ भी इसे अपना घर बना लेते हैं. खासकर पक्षियों की गंदगी और पंखों से तो पूरी जगह पहचान में ही नहीं आती. इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से ये पक्षी उस जगह पर बैठना तो दूर, आसपास भी नहीं दिखाई देंगे.
अगर आप चाहते हैं कि कबूतर या कोई पक्षी आपके एसी की बाहरी यूनिट पर बैठकर उसे खराब न करें, तो बर्ड स्पाइक्स लगवाना एक बेहतरीन उपाय है. यह स्पाइक्स लोहे या प्लास्टिक के पतले-नुकीले तारों से बने होते हैं, जिन्हें एसी के ऊपर लगाया जाता है. यह कबूतरों और अन्य पक्षियों को लैंड करने से रोकते हैं, जिससे यूनिट साफ और सुरक्षित रहती है.
जब एसी का इस्तेमाल न हो रहा हो, तो उसे किसी मोटे कपड़े या विशेष कवर से ढक देना चाहिए. साथ ही, एक और देसी तरीका है- काली पन्नी को ऊपर से रस्सी में लटकाना. कबूतर इसे कौआ समझकर पास नहीं आते. इस उपाय से न केवल कबूतर बल्कि गिलहरियों और चमगादड़ों से भी सुरक्षा मिलती है.
एसी यूनिट के चारों ओर मेटल या प्लास्टिक की नेट या ग्रिल लगवाएं. इससे पक्षी न केवल घोंसला बनाने से बचेंगे बल्कि अंदर घुसने की कोशिश भी नहीं करेंगे. यह तरीका सस्ता, लॉन्ग-लास्टिंग और बेहद सुरक्षित है. अगर घर ऊपरी मंजिल पर है या यूनिट छत पर है, तो यह उपाय और भी ज्यादा कारगर साबित होता है.
क्या आपने कभी देखा है कि कबूतर चमकदार चीजों से कतराते हैं? इसका फायदा उठाइए. पुरानी सीडी या रिफ्लेक्टिव टेप को एसी के आसपास लटकाएं. ये चीजें धूप में चमकती हैं और कबूतरों को डराती हैं. नतीजा- न कोई बैठने आएगा, न गंदगी होगी.
अगर आप थोड़े तकनीकी हैं, तो बाजार में मिलने वाले अल्ट्रासोनिक बर्ड रिपेलर का इस्तेमाल करें. ये डिवाइस ऐसी ध्वनि निकालते हैं जो इंसानों को नहीं सुनाई देती, लेकिन पक्षियों को बहुत असहज करती है. यह उपाय खासतौर पर बड़ी बिल्डिंग्स और ऑफिस स्पेस में ज्यादा यूज होता है, लेकिन घरों में भी असरदार है.
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