UPSC की तैयारी के दौरान सिर से उठा मां का साया, पर बेटी ने IAS बन दी मां को श्रद्धांजलि
IAS Ankita Chaudhary Success Story: आज हम आपको आईएएस अंकिता चौधरी की सफलता भरी कहानी के बारे में बताएंगे, जिनके ऊपर से उनकी मां का साया तब उठ गया, जब उन्हें उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. हालांकि, अंकिता ने यूपीएससी में सफलता हासिल कर अपनी मां को बेहद खास रूप से श्रद्धांजलि दी.
भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को बहुत समय और प्रयास के बाद ही कोई उम्मीदवार पास कर पाता है. जो उम्मीदावर तीन लेवल की इस कठिन परीक्षा को पास करने में सफलता हासिल कर पाते हैं, वे सम्मानित आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी बनते हैं.
कई बाधाओं को पार कर बनीं IAS
यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में कई उम्मीदवार तीसरे या चौथे प्रयास में सफलता हासिल करते हैं, तो वहीं कई उम्मीदावर एक या दो प्रयास में ही इस परीक्षा में सक्सेस हासिल कर लेते हैं. आज हम आपको एक ऐसी है उम्मीदवार आईएएस अंकिता चौधरी की सफलता भरी कहानी के बारे में बताएंगे, जो अविश्वसनीय रूप से प्रेरणादायक है क्योंकि उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने के लिए कई बाधाओं को पार किया है.
लोअर मिडिल क्लास फैमली में हुआ पालन-पोषण
अंकिता चौधरी हरियाणा के रोहतक जिले को छोटे से शहर महम की मूल निवासी हैं. उनका पालन-पोषण एक साधारण निम्न मध्यमवर्गीय घर में हुआ है. उनके पिता सत्यवान एक चीनी कारखाने में अकाउंटेंट के रूप में काम करते हैं. अंकिता ने अपना कॉलेज कोर्सवर्क रोहतक के इंडस पब्लिक स्कूल से पूरा किया था.
ग्रेजुएशन के दौरान UPSC करने की ठानी
वह बचपन से ही एक मजबूत छात्रा और स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की आकांक्षी रही हैं. अंकिता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से केमेस्ट्री में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया और पोस्ट ग्रेजुएशन कार्यक्रम में एडमिशन पाने के बाद यूपीएससी की पढ़ाई शुरू कर दी.
पहली बार में रहीं असफल
आईआईटी दिल्ली से मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने उत्साहपूर्वक यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. साल 2017 में अंकिता ने पहली बार सिविल सेवा परीक्षा दी, हालांकि वह उस बार असफल रहीं. फिर अपनी गलतियों का एहसास होने पर वह दोबारा यूपीएससी के लिए आवेदन करने की तैयारी करने लगी.
यूपीएससी की तैयारी के दौरान सिर से उठा मां का साया
इसी बीच, उनके परिवार में एक भयानक घटना घटी. एक दुर्घटना में मां के निधन के बाद अंकिता पूरी तरह से टूट गई. इस समय, उसके पिता ने उन्हें प्रेरित करना शुरू किया. उन्होंने उसे प्रोत्साहित किया और जीवन में सफल होने के लिए प्रेरित किया. इसी के परिणामस्वरूप अंकिता ने साल 2018 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दोबारा दी और उनकी अपनी दृढ़ता के कारण वह इस बार सफल रही और उन्होंने ऑल इंडिया 14वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी का पद हासिल किया.