दुश्मन कर दे मिसाइलों की बारिश तो भारत कैसे करेगा नेस्तनाबूद? पावरबैंक में रखे हैं ये `अस्त्र`
Missile Defence System: भारत के आसपास दुश्मनों की कमी नहीं है. चाहे पाकिस्तान हो या चीन या फिर अन्य आतंकी संगठन. ये सभी भारत में अशांति फैलाने के मंसूबे रचते रहते हैं. दुनिया में भी दो युद्ध चल ही रहे हैं. कभी इजरायल ताबड़तोड़ हमले कर रहा है तो कभी उस पर सैकड़ों मिसाइलों से हमले हो रहे हैं. कभी रूस यूक्रेन एक-दूसरे पर मिसाइलें दाग रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर भारत पर इसी तरह दुश्मन ने सैकड़ों मिसाइलों से हमला कर दिया तो उसका जवाब देने के लिए भारत के पास कौन-कौन से अस्त्र हैं. चलिए जानते हैं.
चीन और पाकिस्तान के पास हाइपरसॉनिक मिसाइलें हैं. चीन तेजी से अपनी सेना को आधुनिक बना रहा है. दक्षिण चीन सागर में चीन अपनी हेकड़ी दिखाता ही रहता है. उसके पास डीएफ-17, डीएफ-21 और डीएफ-26 मिसाइलें हैं. जबकि पाकिस्तान के पास शाहीन, बाबर और गौरी जैसी मिसाइलें हैं.
अब सवाल है कि भारत के जवाब इनको रोकने के लिए क्या हथियार हैं. चलिए जानते हैं. पड़ोसियों के इन खतरों से बचने के लिए भारत ने युद्ध स्तर पर एडवांस एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम विकसित किए हैं या फिर विदेशों से खरीदे हैं.
इनमें पहले हैं स्वदेशी पृथ्वी एयर डिफेंस (PAD) और एडवांस एयर डिफेंस (AAD). इनको भारत में विकसित किया गया है. ये बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर मार गिराने में सक्षम हैं. PAD वायुमंडल के बाहर से आने वाले खतरों से निपटता है जबकि AAD वायुमंडल के अंदर के खतरों को खत्म कर देता है.
दूसरा है आकाश मिसाइल सिस्टम. यह धरती से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है, जो आसमान से आने वाले खतरों को 30 किलोमीटर ऊपर ही खत्म कर देता है. इसे बैलिस्टिक मिसाइल से निपटने के लिए डिजाइन नहीं किया गया है. लेकिन धीमी गति से आने वाले खतरों से यह आसानी से निपट सकता है.
अब बात करते हैं रूस से मिले एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की, जो हवाई खतरों का खात्मा करने में सबसे ज्यादा असरदार है. चाहे वो बैलिस्टिक मिसाइलें हो या फिर क्रूज मिसाइलें. एस-400 के तीन स्क्वॉड्रन भारत को मिल चुके हैं और ये 400 किमी दूर और 30 किमी की ऊंचाई पर दुश्मन की मिसाइलों को तबाह कर सकते हैं.
अब सवाल उठता है कि क्या एस-400 हाइपरसॉनिक मिसाइलों को रोकने में सक्षम है या नहीं? तो इसका जवाब रूस के उप प्रधानमंत्री ने दिया था. साल 2023 के एक इंटरव्यू में डेनिस मैनतुरोव ने कहा था कि S-400 और S-500 एयर डिफेंस सिस्टम हाइपरसॉनिक मिसाइलों को भी रोक सकता है.
साल 2021 में भारतीय वायुसेना ने बराक-8 मिसाइल को शामिल किया था, जो मध्यम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. यह दुश्मन के फाइटर जेट्स, मिसाइलें, हेलिकॉप्टर और यूएवी को तबाह कर सकती है.
क्या एयर डिफेंस सिस्टम्स हाइपरसॉनिक मिसाइलों का खात्मा कर सकते हैं? अब स्वदेशी विकसित और विदेशों से खरीदे गए आधुनिक हथियारों की बदौलत भारत का एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम पूरी तरह चाक-चौबंद है. इजरायल की तरह ही, उसका मल्टी लेयर डिफेंस सिस्टम अलग-अलग रेंज और ऊंचाई पर आसमानी खतरों से निपट सकते हैं. लेकिन फिर भी बदलाव की गुंजाइश लगातार रहनी चाहिए.