India First Undersea Train Tunnel: भारत में पहली बार समंदर के नीचे रेल टनल बनने जा रहा है. अरब सागर के नीचे 7 किमी लंबा रेल टनल बनेगा. इस टनल के भीतर ट्रेन हवा की रफ्तार से दौड़ेगी. हालांकि ये काम इतना आसान नहीं है. इसके लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.
India Undersea Bullet Train Tunnel: भारतीय रेलवे समय के साथ तरक्की कर रहा है. राजधानी, शताब्दी, दुरंतों के बाद वंदे भारत ट्रेनें दौड़ रही है. कोलकाता में तो नदी के नीचे मेट्रो दौड़ने लगी. जल्द ही देश में बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी. मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन का काम तेजी से चल रहा है. माना जा रहा है कि साल 2026 तक बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी. इसके लिए बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का काम जोर-शोर से चल रहा है. अहमदाबाद से मुबंई के बीच दौड़ने वाली बुलेट ट्रेन 508 किलोमीटर का सफर कहीं जमीन के ऊपर तो कहीं अंडरग्राउंड होगा. कभी सुरंगों से गुजरेगा तो कहीं समंदर के नीचे से. समंदर के नीचे ट्रेन को दौड़ने के लिए तेजी से काम चल रहा है.
अहमदाबाद से मुबंई के बीच बन रही बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का 21 किलोमीटर का हिस्सा जमीन के नीचे यानी अंडरग्राउंड होगा. खासबात ये है कि इस कॉरिडोर के लिए समुद्र के नीचे सुरंग बनाई जा रही है. बुलेट ट्रेन के लिए अरब सागर के नीचे सुरंग बनाई जा रही है. समंदर के नीचे 7 किमी लंबी सुरंग तैयार की जा रही है.
अरब सागर के नीचे बुलेट ट्रेन के लिए बनने वाली ये अंडरवाटर टर्नल 7 किलोमीटर लंबी और 25 से 65 मीटर गहरी हो सकती है. यह टर्नल भारत की पहली अंडरसी रेलवे टर्नल होगी. समुद्र के नीचे टर्नल बनाना इतना आसान नहीं है. इसके लिए एडवांस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. खास मशीनों की मदद से अंडरसी टर्नल का निर्माण किया जाएगा.
अंडरसी टर्नल बनाने के लिए एंडवास मशीने लगाने की तैयारी की जा रहील है. इसके लिए घंसोली, शिल्फाटा, और विक्रोली में खुदाई चल रही है. ईकोनॉमिक्स टाइम ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिए है कि इस साल के अंत तक बुलेट ट्रेन के अंडरसी टर्नल के लिए पहली टनल बोरिंग मशीन (TBM) के काम शुरू कर देगी. टर्नल की खुदाई के लिए 13.1 मीटर डायमीटर वाले कटर हेड लगी टनल बोरिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा. खुदाई न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड के जरिए की जाएगी.
समुद्र के नीचे वाले 7 किलोमीटर के हिस्से में अंडरसी सुरंग बनाना चुनौतीपूर्ण है. इस मार्ग पर डबल लाइन के साथ सिंगल ट्यूब टर्नल बनाया जाएगा, जिसमें बुलेट ट्रेन के आने-जाने के लिए दो ट्रैक बिछाई जाएगी. इस टर्नल में बुलेट ट्रेन की रफ्तार 320 किलोमीटर प्रतिघंटा की होगी.
ये पहला मौका होगा, जब भारत में पहली बार समुद्र के नीचे सुरंग बनेगा. सुरंग बनाने के लिए घंसोली, शिल्फाटा, और विक्रोली में खुदाई हो रही है.
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