Indias top 5 aircraft Carrier: भारतीय शसस्त्र बलों ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले का बदला ले लिया है. भारतीय सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है और पाकिस्तान में उसके नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. वहीं, पाकिस्तान ने भी 07 और 08 मई 2025 की दरमियानी रात को भारत के 15 शहरों में सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सैनिकों ने इन हमलों को नाकाम कर दिया. भारत ने इसके लिए पहली बार S-400 मिसाइस डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया. भारतीय सेना यहीं नहीं, बल्कि समुद्र में भी काफी मजबूत है. भारत यहां से भी दुश्मनों को ध्वस्त कर सकता है. इसमें एयरक्राफ्ट कैरियर की अहम भूमिका है. ये एयरक्राफ्ट कैरियर परमाणु हथियारों से लैस बैलिस्टिक मिसाइल भी ले जा सकती हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं भारत के पास कौन कौन से ये एयरक्राफ्ट कैरियर हैं जो अरब सागर से पाकिस्तान पर हमला कर सकते हैं.
आईएनएस विक्रांत ( INS Vikrant ) भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है, जिसे 2022 में नेवी में शामिल किया गया था. इसका वजन लगभग 45,000 टन है. यह मिग-29K फाइटर जेट और उन्नत हेलीकॉप्टर को लॉन्च कर सकता है. यह एयरक्राफ्ट कैरियर अरब सागर में पश्चिमी तट के पास तैनात रहता है, जो भारत की समुद्र की सुरक्षा करता है. इसकी खासियत यह है कि किसी भी आपात स्थिति या 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे खास मिशन के वक्त इसे तुरंत तैनात किया जा सकता है.
आईएनएस विशाखापत्तनम भारत के सबसे उन्नत गाइडेड-मिसाइल विध्वंसकों में से एक है. यह जहाज प्रोजेक्ट 15बी क्लास का हिस्सा है, जो ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों, बराक-8 एयर डिफेंस सिस्टम्स और एक व्यापक लड़ाकू सूट ( comprehensive combat suit ) से लैस है. इसकी खासियत यह है कि यह तट-बेस्ट टारगेट्स पर लंबी दूरी के सटीक हमले कर सकता है और हवाई और मिसाइल खतरों से बचाव कर सकता है.
INS चक्र को हाल ही में भारत ने रूस को वापस कर दिया गया है, लेकिन भारत ने गहरे समुद्र में निगरानी और बचाव के लिए इसी तरह की न्यूक्लियर एनर्जी से से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियों का इस्तेमाल किया है. स्वदेशी INS अरिहंत-क्लास और आने वाले INS अरिघाट के साथ भारत इस क्षेत्र में अपनी मजबूत क्षमता और पानी के नीचे ताकत को बनाए रखा है. ये पनडुब्बियां परमाणु-युक्त बैलिस्टिक मिसाइलों को ले जा सकती हैं.
कोलकाता क्लास के विध्वंसक जहाजों में सबसे आगे INS कोलाकाता ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम, टॉरपीडो और पनडुब्बी रोधी रॉकेट से लैस है. इसे नेटवर्क-सेंटरिक वॉरफेयर के लिए डिज़ाइन किया गया. यह ज्वाइंट ऑपरेशंस के दौरान बेड़े के कमांड जहाज के रूप में काम कर सकता है और बढ़ते संघर्ष की स्थितियों के दौरान आक्रामक हमले कर सकता है. साथ ही, ये कैरियर ग्रुप्स की रक्षा भी कर सकता है.
आईएनएस करंज प्रोजेक्ट 75 के तहत डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बियों में से एक है, जिसे उथले पानी में चुपके और चपलता ( Stealth and Agility ) के लिए बनाई गई है. टारपीडो और एक्सोसेट मिसाइल क्षमताओं के साथ यह खुफिया निगरानी, स्पेशल ऑपरेशन और जहाज-रोधी हमले कर सकती है.
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