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INS Vikrant Vs INS Vikramaditya: भारत के दो समुद्री योद्धा, दुश्मनों के लिए खोलते हैं नरक का दरवाजा! नेवी के ये ब्रह्मास्त्र एक दूसरे से कितने अलग?

INS Vikrant Vs INS Vikramaditya, Operation Sindoor: INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य भारतीय नौसेना के दो प्रमुख एयरक्राफ्ट कैरियर हैं. INS विक्रांत भारत में बना पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है, जबकि INS विक्रमादित्य रूस से लिया गया है. विक्रांत में अत्याधुनिक तकनीक और रडार सिस्टम लगे हैं, वहीं विक्रमादित्य में मिग-29 के फाइटर जेट तैनात होते हैं. दोनों पोत भारतीय सेना को मजबूत करते हैं. ये दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर भारत की समुद्री सुरक्षा के मजबूत स्तंभ हैं. जबकि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. भारतीय सेनाएं पाकिस्तान की हमले की कोशिश को लगातार मुंहतोड़ जवाब दे रही है.  ऐसे में चलिए जानते हैं कि नौसेना के पास मौजूद आईएनएस विक्रांत ( INS Vikrant ) और आईएनएस विक्रमादित्य ( INS Vikramaditya ) की खासियत के बारे में.

 

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दोनों ही इंडियन नेवी के विमानवाहक पोत हैं, लेकिन वे एक-दूसरे से काफी अलग हैं. आईएनएस विक्रांत स्वदेशी रूप से भारत में बनाया गया है, जबकि आईएनएस विक्रमादित्य रूस से खरीदा गया है.आईएनएस विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है, जबकि INS विक्रमादित्य रूस से खरीदा गया संशोधित कीव-क्लास कैरियर है. खास बात यह है कि दोनों की डिजाइन में अंतर है.

 

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INS विक्रांत भारत के समुद्री इतिहास में बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा जंगी जहाज है और इसमें जदीद ऑटोमेशन सहूलियते हैं.  INS विक्रांत को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया है. इसी के साथ, भारत अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे मुल्कों के एक चुनिंदा ग्रुप में शामिल हो गया है. इन मुल्कों के पास स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की बेहतरीन काबिलियत है.

 

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वहीं, INS विक्रमादित्य को भारत ने 2013 में  रूस से खरीदा था. यह एक संशोधित कीव-श्रेणी ( Modified Kyiv-class ) का एयरक्राफ्ट कैरियर है. भारत ने  इसका नाम महान सम्राट विक्रमादित्य के सम्मान में रखा है. इसे 16 नवंबर, 2013 को इंडियन नेवी में शामिल किया गया था.

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INS विक्रांत की लंबाई 262 मीटर है, जबकि 62 मीटर चौड़ाई है. खास बात यह है कि यह पूरी तरह से लोड होने पर करीब  43,000 टन वजन डिसप्लेस्ड करता है. साथ ही, यह  7,500 समुद्री मील के एंड्योरेंस के साथ 28 समुद्री मील की अधिकतम डिजाइन गति रखता है.

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वहीं, आईएनएस विक्रमादित्य, पूरी तरह से लोड होने पर 44,500 टन वजन डिस्प्लेस्ड करता है. जबकि इसकी लंबाई 284 और चैड़ाई 60 मीटर है. रिपोर्ट के मुताबिक,  इसका डेक तीन फुटबॉल मैदानों के बराबर है. जंगी जहाज 7,000 समुद्री मील (13,000) किमी से ज्यादा की सीमा तक ऑपरेशन में में काबिल है. यह एयरक्राफ्ट कैरियर 30 समुद्री मील की अधिकतम डिजाइन गति रखता है.

 

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INS विक्रांत में करीब 2200 कंपार्टमेंट्स हैं. इन कंपार्टमेंट्स को लगभग 1700 क्रू मेंम्बर्स के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें महिला अफसरों और नाविकों को समायोजित करने के लिए खास केबिन शामिल हैं. इसके अलावा इस जंगी जहाज में ICU, लैब्स समेत एक  मुकम्मल मेडिकल कॉम्पलैक्स भी है.

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वहीं, 20-मंजिला INS विक्रमादित्य में टोटल 22 डेक हैं और इसमें करीब 1,600 क्रू मेम्बर्स के रहने की बंदोबस्त है. विक्रमादित्य नई पीढ़ी के 8 बॉयलरों द्वारा ऑपरेटेड है, जो 44,500 टन के इस तैरते हुए शहर को 30 समुद्री मील तक की गति के साथ समुद्र में आगे बढ़ने में सक्षम बनाते हैं. सबसे खास बात यह है कि इस एयरक्राफ्ट कैरियर में 18 मेगावाट की बिजली पैदा करने की क्षमता है.

 

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