Kashmir Weather: कश्मीर में ठंड आने से पहले ही सर्दी ने दस्तक दे दी है. अक्टूबर में ही मौसम की पहली बर्फबारी देखने को मिली, जिसके बाद पारा सामान्य से 16°C नीचे गिर गया है. इसका असर जमीनी परिवहन पर बुरी तरह पड़ा, जिसके कारण कश्मीर को देश से जोड़ने वाले सभी राजमार्ग बंद हैं.
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कश्मीर में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का भयंकर असर दिखाई दे रहा है, यह 5 से 7 अक्टूबर 2025 के बीच चरम पर होगा. ऐसे में यहां बर्फबारी, भारी बारिश और तापमान में भारी गिरावट आई है, जिसके कारण पूरे क्षेत्र के सभी राजमार्ग बंद कर दिए गए हैं और यातायात भी बाधित हुआ है.
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अक्टूबर महीने में बर्फबारी को लेकर आईएमडी का कहना है कि आखिरी बार ऐसा 2020 में हुआ था, जब अक्टूबर महीने की शुरुआत में कश्मीर में बर्फबारी हुई थी. अब पांच साल बाद ऐसे हालात देखने को मिल रहे हैं, इसका नतीजा ये है कि अक्टूबर की शुरुआत में ही मौसम की पहली बर्फबारी और इतना कम तापमान हुआ है. इसका कारण 'ला नीना प्रभाव' बताया जा रहा है, जिसके कारण सर्दी में कश्मीर में हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ने की उम्मीद है.
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आईएमडी कश्मीर की तरफ से डॉ. मुख्तार अहमद ने बताया कि "अक्टूबर के पहले हफ्ते में हुई बर्फबारी ने तापमान में बेहद गिरावट दर्ज कर दी है. ला नीना का भी असर हो सकता है, लेकिन अभी पूरी तरह नहीं हुआ. हालांकि बर्फ गिरने से तापमान में काफी गिरावट आई है."
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अधिकारियों का कहना है कि कश्मीर घाटी में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. गुलमर्ग में इस मौसम का पहला शून्य से नीचे का तापमान -0.4°C दर्ज किया गया ओर जोजिला दर्रे में इस मौसम की सबसे ठंडी रात -8.0°C दर्ज की गई. वहीं पहलगाम में 0.6°C तापमान दर्ज किया गया. अधिकतम तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई. वहीं श्रीनगर में 12.5°C (सामान्य से 13.0°C कम), काजीगुंड में 13.5°C (10.6°C बीएन), पहलगाम = 9.2°C (13.2°C बीएन), कुपवाड़ा में 10.8°C (16.0°C बीएन), कोकरनाग = 12.1°C (11.7°C बीएन) और गुलमर्ग में 4.4°C (12.1°C बीएन).
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सदना टॉप पर 18-20 इंच, पीर की गली पर 12-15 इंच, सिंथन टॉप पर 14-18 इंच और जोजिला दर्रे पर 6-7 इंच बर्फबारी दर्ज की गई. सोनमर्ग (2-3 इंच) और पहलगाम (1-2 इंच) जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर भी हल्की बर्फबारी हुई, जिससे उनके प्राकृतिक सौंदर्य में चार चाँद लग गए.
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जम्मू-कश्मीर में लगातार दो दिनों तक हुई ताजा बर्फबारी के बाद, कई भूस्खलनों के कारण श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. इस क्षेत्र का मुख्य सड़क संपर्क मार्ग 7 अक्टूबर को कई भूस्खलनों, भूस्खलन और पत्थर गिरने के कारण वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था. लगातार बारिश के कारण हुई इन घटनाओं ने बनिहाल और रामबन के बीच कई जगहों पर सड़क को अवरुद्ध कर दिया. बंद की गई अन्य सड़कों में मुगल रोड, श्रीनगर-सोनमर्ग-गुमरी (एसएसजी) रोड, सिंथन रोड शामिल हैं.
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अधिकारियों ने यात्रियों और परिवहन कर्ताओं को चेतावनी दी है कि जब तक बर्फ हटाने का काम पूरा नहीं हो जाता और सड़कें सुरक्षित नहीं हो जातीं, तब तक इन मार्गों का इस्तेमाल न करें. उपलब्ध जानकारी के अनुसार, पीर की गली, राजदान टॉप, साधना दर्रा, सिंथन टॉप, डक्सुम, कोंगडोरी गुलमर्ग, मिनीमर्ग और क्षेत्र के अन्य हिस्सों में ताजा बर्फबारी दर्ज की गई. गुलमर्ग और सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थलों पर भी ताजा बर्फबारी हुई, जिससे पर्यटक काफी खुश हुए.
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IMD ने लोगों को 8 तारीख तक सतर्क रहने की सलाह दी है. "आने वाले दिनों में भी कश्मीर के ऊंचे इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी के साथ संवेदनशील स्थानों पर भूस्खलन, पत्थर गिरने और हिमस्खलन की संभावना है."
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